लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार ने अगले 5 वर्षों में प्रदेश की अर्थव्यवस्था के वर्तमान स्तर 0.254 खरब से 1 ट्रिलियन तक पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया है. इस लक्ष्य के लिए शासन द्वारा प्रदेश स्तर पर यूपी में इन्वेस्ट के लिए इन्वेस्ट यूपी के नाम से एक इकाई स्थापित किया है. प्रदेश सरकार ने वेबसाइट शिक्षा व कौशल विकास के तहत 3000 करोड़ के निवेश का लक्ष्य दिया है. जिसके क्रम में अब तक 62 निवेशकों के माध्यम से 5189.87 करोड़ रुपये का निवेश प्राप्त हुआ है. वहीं 33 निवेशकों के साथ 4267.83 करोड़ रुपये का एमओयू साइन किया गया है. इसे पूरा करने के लिए विभाग को दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं.
यह बातें व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल ने बुधवार को प्रेस वार्ता में कहीं. उन्होंने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए विभागीय योजनाओं में निवेश के लिए उपलब्ध विकल्पों की जानकारी देते हुए बताया कि योगी सरकार में उत्तर प्रदेश में निवेश का माहौल बदला है. विदेशों में भी उत्तर प्रदेश के बदले माहौल की चर्चा हो रही है. इसी का परिणाम है कि उत्तर प्रदेश में निवेश करने के लिए बहुत सी विदेशी कंपनियां आ रही हैं. जिससे प्रदेश का विस्तार होने के साथ-साथ रोजगार का भी माहौल बनेगा. कौशल विकास मंत्री ने कहा कि प्रदेश में डेढ़ सौ आईटीआई को टाटा के सहयोग से अपग्रेड किया जा रहा है. टाटा ने आगे भी प्रदेश में निवेश करने का आश्वासन दिया है.
इस अवसर पर प्रमुख सचिव सुभाष चंद शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार अगले 5 वर्षों की अवधि में प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 1 ट्रिलियन तक पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया है. इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए प्रदेश स्तर पर इन्वेस्ट यूपी के नाम से एक विशिष्ट इकाई स्थापित की गई है. प्रमुख सचिव ने विभागीय योजनाओं में निवेश हेतु उपलब्ध विकल्पों की जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में नए निर्मित आईटीआई को पीपीपी मॉडल पर संचालित कर रहा है. जिसके माध्यम से प्रशिक्षण में निजी सहभागिता के साथ-साथ उसकी गुणवत्ता को बढ़ाया जा रहा है. इसके अलावा प्रदेश में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन स्टार्टअप ट्रेनिंग पार्टनर योजना को शुरू करने की तैयारी है. इसके लिए विभिन्न इंडस्ट्रीज से विभाग बातचीत कर रहा है.