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बारिश की एक-एक बूंद सहेजने की कवायद, नई टाउनशिप परियोजनाओं में होगी जल संरक्षण की व्यवस्था

उत्तर प्रदेश सरकार ने बारिश की एक-एक बूंद को सहेजने की कवायद शुरू की है, ताकि बारिश का पानी बेकार न जाए और इसे संचित कर भूगर्भ जल स्तर को बढ़ाने में सहायक सिद्ध हो. इसके अंतर्गत टाउनशिप परियोजनाओं में वाटर रिचार्ज पीट और वाटर रिचार्ज सॉफ्ट जैसी व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने की तैयारी है.

बारिश की बूंद सहेजने की कवायद
बारिश की बूंद सहेजने की कवायद
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Published : May 23, 2021, 11:50 AM IST

लखनऊ: बारिश की एक-एक बूंद को सहेज कर भविष्य में पानी के संकट से बचने को लेकर प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला किया है. केंद्र सरकार के 'कैच द रेन' कार्यक्रम प्रोग्राम के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के आवास विकास विभाग ने नई विकसित होने वाली टाउनशिप परियोजनाओं में अनिवार्य रूप से जल संरक्षण के उपाय करने के निर्देश दिए हैं. इसके अंतर्गत टाउनशिप परियोजनाओं में वाटर रिचार्ज पीट और वाटर रिचार्ज सॉफ्ट जैसी व्यवस्था सुनिश्चित करते हुए जल संरक्षण के उपाय करने होंगे.

बारिश की बूंद सहेजने की कवायद
आवास विकास विभाग ने शुरू की तैयारी

राज्य सरकार के आवास विकास विभाग की तरफ से जल को संरक्षित किए जाने को लेकर यह महत्वपूर्ण फैसला किया गया है. जो भी बारिश की बूंद जहां पर गिरे, उसको वहीं पर ही संरक्षित किए जाने की योजना बनाई गई है. इसको लेकर आदेश भी जारी किया गया है. इसके अंतर्गत नई विकसित होने वाली टाउनशिप परियोजनाओं में 'कैच द रेन. कार्यक्रम के अंतर्गत लेआउट प्लान में बदलाव किया जाएगा.

आवास विकास विभाग की ओर से जल को संरक्षित किए जाने को लेकर महत्वपूर्ण फैसला
आवास विकास विभाग की ओर से जल को संरक्षित किए जाने को लेकर महत्वपूर्ण फैसला

टाउनशिप परियोजना के मास्टर प्लान में बदलाव

टाउनशिप परियोजना के अंतर्गत जल संरक्षण की व्यवस्था करनी होगी, जिसको लेकर 1 फीसद क्षेत्रफल में जलाशय बनाना होगा. इसके साथ ही पर्यावरण संरक्षण को लेकर ग्रीन बेल्ट भी छोड़नी होगी. इसके लिए लेआउट प्लान में पार्क और खुले क्षेत्र के लिए प्रस्तावित जमीन के अंतर्गत जलाशय का निर्माण अनिवार्य रूप से करना बाध्यकारी होगा.

नई विकसित होने वाली टाउनशिप परियोजनाओं में 'कैच द रेन
नई विकसित होने वाली टाउनशिप परियोजनाओं में 'कैच द रेन

जल संरक्षित करने के कैचमेंट एरिया का होगा निर्धारण

बारिश के जल के लिए प्राकृतिक कैचमेंट एरिया को चिन्हित करते हुए पानी के ठहराव की व्यवस्था की जाएगी. पार्क और खुले क्षेत्र के अंतर्गत शासन द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार टाउनशिप परियोजना के एक हिस्से में जल संरक्षण के लिए रिचार्ज पिट और रिचार्ज शॉफ्ट बनाए जाएंगे. ऐसे में रिचार्ज शॉफ्ट और रिचार्ज पिट और जलाशय का निर्माण मानक के अनुसार किया जाएगा.

खुले क्षेत्र में पेड़ पौधे की होगी व्यवस्था

मास्टर प्लान में बदलाव करते हुए टाउनशिप परियोजना के अंतर्गत बनाए जाने वाले पार्कों में पक्का निर्माण सिर्फ 5 प्रतिशत से अधिक नहीं किया जा सकेगा. वर्षा जल के अधिकतम भूमिगत रिसाव को पार्क एवं खुले क्षेत्रों में प्रोत्साहित करने का फैसला लिया गया है. सड़क, पार्क और खुले स्थान में ऐसे पेड़ पौधों को लगाया जाएगा, जिनको जल की न्यूनतम जरूरत होगी.

सरकारी भवन और अन्य भवनों में ये होगी व्यवस्था

सरकारी कार्यालय भवन, निजी सोसायटी भवन, सहकारी आवास समितियों द्वारा भी प्रस्तावित नई योजनाओं के लेआउट प्लान में जल संरक्षण की व्यवस्था को अनिवार्य रूप से लागू कराया जाएगा. इसके अंतर्गत रूफटॉप रेन वाटर हार्वेस्टिंग के माध्यम से भूजल सामूहिक रिचार्जिंग के लिए अन्य नेटवर्क का भी प्रावधान किया जाएगा.

इसे भी पढ़ें- ब्लैक फंगस का बढ़ा प्रकोप, 24 घंटे में आये 186 मरीज, दो की मौत

जल विशेषज्ञ ने दी जानकारी

जल अभियान के संयोजक सीबी पांडे ने कहा कि 'कैच द रेन' प्रोग्राम नरेंद्र मोदी सरकार के विजन का एक उत्कृष्ट नमूना है. धरती पर जीवन के लिए पंच तत्वों का न केवल संरक्षण जरूरी है, बल्कि उनका संवर्धन और परिवर्धन भी जरूरी है. पंच तत्व की जब बात आती है तो पानी पर चर्चा जरूर होती है. हम सभी जानते हैं कि हमें 365 दिन पानी चाहिए, लेकिन भगवान 365 दिन पानी नहीं गिराते हैं. इसलिए यह जरूरी है कि जब भी, जहां पर भी, पानी की बूंदे धरती पर गिरे उन्हें वहीं रोक लिया जाए. खेत का पानी खेत में, गांव का पानी गांव में और मोहल्ले का पानी मोहल्ले में ही संरक्षित किया जाए. आज जिस प्रकार से शहरों में कंक्रीट के जंगल खड़े हो रहे हैं, ऐसी स्थिति में शहरों में 'कैच द रेन' प्रोग्राम वर्षा के जल स्तर को ऊंचा करने में मदद करेगा.

लखनऊ: बारिश की एक-एक बूंद को सहेज कर भविष्य में पानी के संकट से बचने को लेकर प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला किया है. केंद्र सरकार के 'कैच द रेन' कार्यक्रम प्रोग्राम के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के आवास विकास विभाग ने नई विकसित होने वाली टाउनशिप परियोजनाओं में अनिवार्य रूप से जल संरक्षण के उपाय करने के निर्देश दिए हैं. इसके अंतर्गत टाउनशिप परियोजनाओं में वाटर रिचार्ज पीट और वाटर रिचार्ज सॉफ्ट जैसी व्यवस्था सुनिश्चित करते हुए जल संरक्षण के उपाय करने होंगे.

बारिश की बूंद सहेजने की कवायद
आवास विकास विभाग ने शुरू की तैयारी

राज्य सरकार के आवास विकास विभाग की तरफ से जल को संरक्षित किए जाने को लेकर यह महत्वपूर्ण फैसला किया गया है. जो भी बारिश की बूंद जहां पर गिरे, उसको वहीं पर ही संरक्षित किए जाने की योजना बनाई गई है. इसको लेकर आदेश भी जारी किया गया है. इसके अंतर्गत नई विकसित होने वाली टाउनशिप परियोजनाओं में 'कैच द रेन. कार्यक्रम के अंतर्गत लेआउट प्लान में बदलाव किया जाएगा.

आवास विकास विभाग की ओर से जल को संरक्षित किए जाने को लेकर महत्वपूर्ण फैसला
आवास विकास विभाग की ओर से जल को संरक्षित किए जाने को लेकर महत्वपूर्ण फैसला

टाउनशिप परियोजना के मास्टर प्लान में बदलाव

टाउनशिप परियोजना के अंतर्गत जल संरक्षण की व्यवस्था करनी होगी, जिसको लेकर 1 फीसद क्षेत्रफल में जलाशय बनाना होगा. इसके साथ ही पर्यावरण संरक्षण को लेकर ग्रीन बेल्ट भी छोड़नी होगी. इसके लिए लेआउट प्लान में पार्क और खुले क्षेत्र के लिए प्रस्तावित जमीन के अंतर्गत जलाशय का निर्माण अनिवार्य रूप से करना बाध्यकारी होगा.

नई विकसित होने वाली टाउनशिप परियोजनाओं में 'कैच द रेन
नई विकसित होने वाली टाउनशिप परियोजनाओं में 'कैच द रेन

जल संरक्षित करने के कैचमेंट एरिया का होगा निर्धारण

बारिश के जल के लिए प्राकृतिक कैचमेंट एरिया को चिन्हित करते हुए पानी के ठहराव की व्यवस्था की जाएगी. पार्क और खुले क्षेत्र के अंतर्गत शासन द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार टाउनशिप परियोजना के एक हिस्से में जल संरक्षण के लिए रिचार्ज पिट और रिचार्ज शॉफ्ट बनाए जाएंगे. ऐसे में रिचार्ज शॉफ्ट और रिचार्ज पिट और जलाशय का निर्माण मानक के अनुसार किया जाएगा.

खुले क्षेत्र में पेड़ पौधे की होगी व्यवस्था

मास्टर प्लान में बदलाव करते हुए टाउनशिप परियोजना के अंतर्गत बनाए जाने वाले पार्कों में पक्का निर्माण सिर्फ 5 प्रतिशत से अधिक नहीं किया जा सकेगा. वर्षा जल के अधिकतम भूमिगत रिसाव को पार्क एवं खुले क्षेत्रों में प्रोत्साहित करने का फैसला लिया गया है. सड़क, पार्क और खुले स्थान में ऐसे पेड़ पौधों को लगाया जाएगा, जिनको जल की न्यूनतम जरूरत होगी.

सरकारी भवन और अन्य भवनों में ये होगी व्यवस्था

सरकारी कार्यालय भवन, निजी सोसायटी भवन, सहकारी आवास समितियों द्वारा भी प्रस्तावित नई योजनाओं के लेआउट प्लान में जल संरक्षण की व्यवस्था को अनिवार्य रूप से लागू कराया जाएगा. इसके अंतर्गत रूफटॉप रेन वाटर हार्वेस्टिंग के माध्यम से भूजल सामूहिक रिचार्जिंग के लिए अन्य नेटवर्क का भी प्रावधान किया जाएगा.

इसे भी पढ़ें- ब्लैक फंगस का बढ़ा प्रकोप, 24 घंटे में आये 186 मरीज, दो की मौत

जल विशेषज्ञ ने दी जानकारी

जल अभियान के संयोजक सीबी पांडे ने कहा कि 'कैच द रेन' प्रोग्राम नरेंद्र मोदी सरकार के विजन का एक उत्कृष्ट नमूना है. धरती पर जीवन के लिए पंच तत्वों का न केवल संरक्षण जरूरी है, बल्कि उनका संवर्धन और परिवर्धन भी जरूरी है. पंच तत्व की जब बात आती है तो पानी पर चर्चा जरूर होती है. हम सभी जानते हैं कि हमें 365 दिन पानी चाहिए, लेकिन भगवान 365 दिन पानी नहीं गिराते हैं. इसलिए यह जरूरी है कि जब भी, जहां पर भी, पानी की बूंदे धरती पर गिरे उन्हें वहीं रोक लिया जाए. खेत का पानी खेत में, गांव का पानी गांव में और मोहल्ले का पानी मोहल्ले में ही संरक्षित किया जाए. आज जिस प्रकार से शहरों में कंक्रीट के जंगल खड़े हो रहे हैं, ऐसी स्थिति में शहरों में 'कैच द रेन' प्रोग्राम वर्षा के जल स्तर को ऊंचा करने में मदद करेगा.

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