लखनऊः एसीजेएम शान्तनु त्यागी ने खाता खोलकर दस्तावेज वापस नहीं करने व खातेदार के नाम पर आठ लाख का लोन कराकर उसके खाते में जमा करने व फिर निकालने के मामले में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की शाखा आशियाना के तत्कालीन बैंककर्मियों के खिलाफ वारंट जारी करने का आदेश दिया है.
उन्होंने तत्कालीन मैनेजर अभय कुमार, डिप्टी मैनेजर राजेश कुमार, हेड कैशियर पुत्तीलाल वर्मा व चपरासी बृजेश कुमार के साथ ही मुल्जिम रईस अहमद, अजीत यादव, संतोष गुप्ता व ऋषभ गुप्ता के खिलाफ भी 20 हजार का जमानती वारंट जारी किया है. मामले की अगली सुनवाई 22 जनवरी को होगी.
यह मामला वर्ष 2013 का है. अदालत के आदेश से पहले इस मामले में थाना आशियाना में एफआईआर दर्ज हुई थी लेकिन विवेचना के पश्चात पुलिस ने दो बार अंतिम रिपोर्ट दाखिल की. अदालत ने इसके बाद संदीप की प्रोटेस्ट अर्जी को परिवाद के रुप में दर्ज कर मामले का संज्ञान लिया. साथ ही इन सभी मुल्जिमों को आईपीसी की धारा 406, 420, 467, 468 व 471 के आरोप में तलब किया था लेकिन नीयत तारीख पर मुल्जिम अदालत में उपस्थित नहीं हुए.
रिकवरी एंजेट की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज
वहीं एक अन्य मामले में विशेष जज अजय श्रीवास्तव ने लोन की रकम की वसूली कर फाइनेंस कंपनी में जमा नहीं करने पर रिकवरी एंजेट सनी कुमार रावत की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी है. उन्होंने इसे पूर्व में दी गई अंतरिम जमानत को भी निरस्त कर दिया है. उन्होंने इसके साथ ही अपने आदेश की प्रति इस मामले के विवेचक को भी भेजने का आदेश दिया है. विशेष सरकारी वकील अमित अवस्थी व कमल अवस्थी के मुताबिक धोखाधड़ी के इस मामले की एफआईआर पूर्णिमा मिश्रा ने थाना महानगर में दर्ज कराई थी.
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