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लखनऊ: 2014 के मुकाबले यूपी में कम हुआ मतदान, जानें क्या है वजह - up loksabha seat

राज्य में पांच चरणों में मतदान हो चुका है. कुल 53 सीटों पर हुए मतदान का लेखा-जोखा देखें तो करीब आधी सीटों पर मत फीसदी में गिरावट आई है. इसके पीछे अलग-अलग तर्क दिए जा रहे हैं. साथ ही शेष दो चरणों में मतदान में इजाफा होने की उम्मीद जताई जा रही है.

लोकसभा चुनाव 2019
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Published : May 7, 2019, 8:15 PM IST

Updated : May 7, 2019, 11:32 PM IST

लखनऊ: लोकसभा चुनाव के पांच चरणों में प्रदेश की 53 सीटों पर मतदान हो चुका है. 2014 के लोकसभा चुनाव की अपेक्षा इस बार मतदान का स्तर कम रहा है. अब तक जिन सीटों पर वोटिंग हो चुकी है उनमें से करीब आधी सीटों पर पिछले चुनाव के मुकाबले कम मतदान हुआ है. कुल 23 सीटों पर मतदान में गिरावट आई है. इनमें से 10 सीटें ऐसी हैं जहां तीन से पांच फीसद की कमी आई है.

निर्वाचन आयोग निष्पक्ष, स्वतंत्र, भय मुक्त और ज्यादा से ज्यादा मतदान कराने का प्रयास करता रहा है. जमीनी तौर पर आयोग की यह कवायद बहुत ज्यादा रंग नहीं ला सकी है. उत्तर प्रदेश में दो दर्जन सीटों पर मतदान में कमी से इसका अंदाजा लगाया जा सकता है. सूरत ए हाल यह है कि राजधानी लखनऊ जैसी सीटों पर मतदान 54% पर सिमट गया. हालांकि, पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में यहां मत फीसदी में इजाफा हुआ है.

सहारनपुर, धौराहरा, सीतापुर, कैराना आदि क्षेत्रों में मतदान को लेकर दिलचस्पी कम देखी गई. पिछले चुनाव की तुलना में इन सीटों पर पांच से छह फीसद तक गिरावट हुई है. अधिक गर्मी को इस गिरावट की वजह बताया जा रहा है.

मतदान में गिरावट के लिए राजनीतिक दल जुदा राय रखते हैं. कांग्रेस प्रवक्ता बृजेंद्र सिंह का कहना है कि मोदी सरकार के खिलाफ लोगों में गुस्सा है इसलिए जो भाजपा के समर्थक थे वह मतदान करने के लिए निकले ही नहीं हैं. मोदी ने जो वादा करके सत्ता हासिल की थी वह वादा पूरा न कर सके हैं. आलम यह है कि खुद बीजेपी के कार्यकर्ताओं में निराशा है.

लोकसभा चुनाव में यूपी की सीटों पर मतदान की स्थिति

वहीं भारतीय जनता पार्टी कहती है कि मतदान का कम होना लोकतंत्र के लिए चिंता का विषय है. इस पर विमर्श होना चाहिए. इस चिंता में सभी को आगे बढ़कर हिस्सा लेना चाहिए ताकि आगे आने वाले चरणों में मतदान प्रतिशत बढ़ सके. इससे भविष्य में होने वाले चुनाव में भी लोगों का मतदान के प्रति रुझान बढ़ाने में मदद मिलेगी.

बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. मनोज मिश्र कहते हैं मतदान न करने वाले लोगों को सरकारों को कोसने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है. अगर अधिक से अधिक संख्या में मतदान नहीं करेंगे तो अच्छी सरकार चुनकर कैसे आएगी?

राज्य में अब तक हुए मतदान प्रतिशत पर एक नजर

क्रम सं. जिला2019 2014
1 सहारनपुर 70.82 74.24
2 मुजफ्फरनगर 68.22 69.74
3 बिजनौर 65.98 67.88
4 बागपत 64.22 66.75
5 गाजियाबाद 55.78 56.94
6 मथुरा 60.48 64.10
7 फतेहपुर सीकरी 60.26 61.26
8 कैराना 67.46 73.10
9 फिरोजाबाद 60.03 67.49
10 मैनपुरी 56.80 60.46
11 आंवला 58.80 60.22
12 बरेली 59.34 61.18
13 धौरहरा 64.00 68.02
14 सीतापुर 62.66 66.22
15 फतेहपुर 55.08 58.62
16 बहराईच 56.23 57.02
17 कैसरगंज 54.87 55.28
18 शाहजहांपुर 50.87 57.03
19 खीरी 63.00 64.24
20 मिश्रिख 56.20 57.87
21 फर्रुखाबाद 59.37 60.30
22 कन्नौज 59.48 61.68
23 जालौन 56.58 58.83
24 झांसी 63.00 68.30

नोट- आंकड़े प्रतिशत में हैं

लखनऊ: लोकसभा चुनाव के पांच चरणों में प्रदेश की 53 सीटों पर मतदान हो चुका है. 2014 के लोकसभा चुनाव की अपेक्षा इस बार मतदान का स्तर कम रहा है. अब तक जिन सीटों पर वोटिंग हो चुकी है उनमें से करीब आधी सीटों पर पिछले चुनाव के मुकाबले कम मतदान हुआ है. कुल 23 सीटों पर मतदान में गिरावट आई है. इनमें से 10 सीटें ऐसी हैं जहां तीन से पांच फीसद की कमी आई है.

निर्वाचन आयोग निष्पक्ष, स्वतंत्र, भय मुक्त और ज्यादा से ज्यादा मतदान कराने का प्रयास करता रहा है. जमीनी तौर पर आयोग की यह कवायद बहुत ज्यादा रंग नहीं ला सकी है. उत्तर प्रदेश में दो दर्जन सीटों पर मतदान में कमी से इसका अंदाजा लगाया जा सकता है. सूरत ए हाल यह है कि राजधानी लखनऊ जैसी सीटों पर मतदान 54% पर सिमट गया. हालांकि, पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में यहां मत फीसदी में इजाफा हुआ है.

सहारनपुर, धौराहरा, सीतापुर, कैराना आदि क्षेत्रों में मतदान को लेकर दिलचस्पी कम देखी गई. पिछले चुनाव की तुलना में इन सीटों पर पांच से छह फीसद तक गिरावट हुई है. अधिक गर्मी को इस गिरावट की वजह बताया जा रहा है.

मतदान में गिरावट के लिए राजनीतिक दल जुदा राय रखते हैं. कांग्रेस प्रवक्ता बृजेंद्र सिंह का कहना है कि मोदी सरकार के खिलाफ लोगों में गुस्सा है इसलिए जो भाजपा के समर्थक थे वह मतदान करने के लिए निकले ही नहीं हैं. मोदी ने जो वादा करके सत्ता हासिल की थी वह वादा पूरा न कर सके हैं. आलम यह है कि खुद बीजेपी के कार्यकर्ताओं में निराशा है.

लोकसभा चुनाव में यूपी की सीटों पर मतदान की स्थिति

वहीं भारतीय जनता पार्टी कहती है कि मतदान का कम होना लोकतंत्र के लिए चिंता का विषय है. इस पर विमर्श होना चाहिए. इस चिंता में सभी को आगे बढ़कर हिस्सा लेना चाहिए ताकि आगे आने वाले चरणों में मतदान प्रतिशत बढ़ सके. इससे भविष्य में होने वाले चुनाव में भी लोगों का मतदान के प्रति रुझान बढ़ाने में मदद मिलेगी.

बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. मनोज मिश्र कहते हैं मतदान न करने वाले लोगों को सरकारों को कोसने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है. अगर अधिक से अधिक संख्या में मतदान नहीं करेंगे तो अच्छी सरकार चुनकर कैसे आएगी?

राज्य में अब तक हुए मतदान प्रतिशत पर एक नजर

क्रम सं. जिला2019 2014
1 सहारनपुर 70.82 74.24
2 मुजफ्फरनगर 68.22 69.74
3 बिजनौर 65.98 67.88
4 बागपत 64.22 66.75
5 गाजियाबाद 55.78 56.94
6 मथुरा 60.48 64.10
7 फतेहपुर सीकरी 60.26 61.26
8 कैराना 67.46 73.10
9 फिरोजाबाद 60.03 67.49
10 मैनपुरी 56.80 60.46
11 आंवला 58.80 60.22
12 बरेली 59.34 61.18
13 धौरहरा 64.00 68.02
14 सीतापुर 62.66 66.22
15 फतेहपुर 55.08 58.62
16 बहराईच 56.23 57.02
17 कैसरगंज 54.87 55.28
18 शाहजहांपुर 50.87 57.03
19 खीरी 63.00 64.24
20 मिश्रिख 56.20 57.87
21 फर्रुखाबाद 59.37 60.30
22 कन्नौज 59.48 61.68
23 जालौन 56.58 58.83
24 झांसी 63.00 68.30

नोट- आंकड़े प्रतिशत में हैं

Intro:लखनऊ। लोक सभा सामान्य निर्वाचन के दौरान उत्तर प्रदेश में अब तक पांच चरणों में 53 लोकसभा सीटों पर मतदान हो चुका है। 2014 के लोकसभा चुनाव की अपेक्षा इस बार कुछ कम मतदान हो रहे हैं। काम मतदान मजबूत लोकतंत्र के लिए चिंता की बात है। अब तक जिन सीटों पर मतदान हो चुके हैं उनकी बात करें तो 53 में से करीब आधी सीटों पर कुछ न कुछ कम मतदान हुआ है। ऐसी 24 लोकसभा सीटें हैं जिनपर कम मतदान हुआ है। वहीं 10 सीटें ऐसी हैं जिन पर तीन से पांच फीसद कमी आई है।


Body:निर्वाचन आयोग का शुरू से ही फोकस रहा है कि निष्पक्ष स्वतंत्र भय मुक्त और ज्यादा से ज्यादा मतदान हो। आयोग की कवायद बहुत ज्यादा रंग नहीं ला सकी। उत्तर प्रदेश की मैं अब तक हुए मतदान में 24 सीटें ऐसी हैं जहां पर पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में कम मतदान हुआ है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ जैसी सीटों पर मतदान 54% ही रहा है। हालांकि पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में लखनऊ में यह अधिक मतदान हुआ है।

सहारनपुर धौराहरा सीतापुर कराना जैसे-जैसे लोकसभा क्षेत्रों के मतदाताओं में मतदान को लेकर दिलचस्पी बहुत कम दिखी है। पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में इन सीटों पर पांच से छह फीसद तक मतदान कम किया गया है। मतदान में कमी को लेकर कहा जा रहा है कि पिछले चुनाव में गर्मी इस बार की अपेक्षा कम थी इस बार गर्मी के चलते मतदान में गिरावट देखने को मिल रही है।

राजनीतिक दल मतदान में गिरावट का कारण कुछ और ही बयान कर रहे हैं। कांग्रेस प्रवक्ता बृजेन्द्र सिंह का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी की नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ लोगों में गुस्सा है। इसलिए जो भाजपा के समर्थक थे वह मतदान करने के लिए निकले ही नहीं। नरेंद्र मोदी सरकार से उनके ही कार्यकर्ताओं में निराशा है। मोदी ने जो वादा करके सत्ता हासिल की थी वह वादा पूरा न कर सके।

वहीं भारतीय जनता पार्टी कहती है कि मतदान कम हो, यह लोकतंत्र के लिए चिंता का विषय है। इस पर विमर्श होना चाहिए। इस चिंता में सभी को आगे बढ़ चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए। ताकि आगे आने वाले चरणों में मतदान प्रतिशत बढ़े। साथ ही भविष्य में होने वाले चुनाव में भी लोगों का मतदान के प्रति रुझान बड़े।

बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता डॉ मनोज मिश्र कहते हैं कि अगर जो लोग मतदान नहीं करते हैं, उन्हें सरकारों को कोसने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। पहले तो लोग मतदान नहीं करते और फिर सरकार को कोसते हैं। अगर लोग अधिक से अधिक संख्या में मतदान नहीं करेंगे तो अच्छी सरकार चुनकर कैसे आएगी। इसलिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को मतदान करना चाहिए।

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लोकसभा चुनाव 2019 2014

1-सहारनपुर 70.82 74.24

2-मुजफ्फरनगर 68.22 69.74

3-बिजनौर 65.98 67.88

4-बागपत 64.22 66.75

5-गाजियाबाद 55.78 56.94

6-मथुरा 60.48 64.10

7-फतहपुर सीकरी 60.26 61.26

8- कैराना 67.46 73.10

9-फिरोजाबाद 60.03 67.49

10-मैनपुरी 56.80 60.46

11-आंवला 58.80 60.22

12-बरेली 59.34 61.18

13-धौरहरा 64.00 68.02

14-सीतापुर 62.66 66.22

15-फतेहपुर 55.08 58.62

16-बहराईच 56.23 57.02

17-कैसरगंज 54.87 55.28

18-शाहजहां पुर 50.87 57.03

19-खीरी 63.00 64.24

20-मिश्रिख 56.20 57.87

21-फरूखाबाद 59.37 60.30

22-कन्नौज 59.48 61.68

23-जालौन 56.58 58.83

24-झांसी 63.00 68.30

बाईट- बृजेंद्र सिंह प्रवक्ता, यूपी कांग्रेसी
बाईट- डॉ मनोज मिश्र, प्रवक्ता, यूपी बीजेपी


Conclusion:
Last Updated : May 7, 2019, 11:32 PM IST
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