लखनऊः त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में पहले चरण का मतदान प्रदेश के 18 जिलों में शाम छह बजे तक सम्पन्न हो गया. छह बजे तक मतदान केंद्रों में पहुंचे मतदाता देर शाम तक मतदान करते रहे. सभी 18 जिलों में 71 प्रतिशत मतदान की जानकारी निर्वाचन आयोग ने दी है. सबसे ज्यादा 80 प्रतिशत मतदान झांसी तो सबसे कम मतदान भदोही में 63.81 प्रतिशत मतदान हुआ है. कुछ जिलों में मतदान के दौरान अव्यवस्था की जानकारी भी राज्य निर्वाचन आयोग को मिली. आगरा में उपद्रवियों द्वारा मतपेटी उठा लेने जाने सहित कई अन्य मामले सामने आए. बावजूद इसके राज्य निर्वाचन आयोग ने शांतिपूर्ण मतदान कराए जाने का दावा किया है.
प्रयागराज में मतदान पेटी में पानी डालने का मामला सामना आया. इसको लेकर काफी देर तक हंगामा भी हुआ. इसी तरह झांसी में काकरवई थाना क्षेत्र स्थित पोलिंग स्टेशन में स्थानीय लोगों ने पीठासीन अधिकारी पर धांधली का आरोप लगाते हुए मतदान केंद्र में तोड़फोड़ की और काफी हंगामा भी किया.
कानपुर में चौबेपुर ब्लाक के तिलोकपुर गांव में फर्जी मतदान को लेकर प्रत्याशियों और उनके समर्थकों के बीच मारपीट और काफी हंगामेदार घटना हुई कानपुर के ही बिधनू में पीठासीन अधिकारी के साथ ही मारपीट का मामला सामने आया. साथ ही मत पेटी में पानी भी डाल दिया गया था. कानपुर में ही फर्जी वोटिंग कराए जाने को लेकर बिजनौर थाना क्षेत्र के तरबियत पुर गांव में ग्रामीणों ने हंगामा किया. जौनपुर के बदलापुर विकास क्षेत्र के रूप चंद्रपुर के 1 पोलिंग स्टेशन में प्रधान पद के 2 उम्मीदवारों के बीच जमकर ईंट और पत्थर चलने की घटना भी प्रकाश में आई है.
भदोही में मतपत्र बदलने को लेकर भी लोगों ने हंगामा किया और काफी देर तक मतदान बाधित रहा. हरदोई के एक पोलिंग स्टेशन में मतदान के दौरान किसी बात को लेकर काफी हंगामा हुआ और मतदान पेटी में पानी डाल दिया गया. ग्रामीणों ने पुलिसकर्मियों पर भी पथराव किया और पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा.
कोविड- 19 प्रोटोकॉल की उड़ी धज्जियां
ज्यादातर पोलिंग स्टेशनों में कोविड19 प्रोटोकॉल का उल्लंघन खुलेआम होता रहा. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग भी नजर नहीं आई. इसके अलावा कई अन्य तरह की शिकायतें भी मिलीं. जिनपर संबंधित अधिकारियों को अव्यवस्था दूर करने के दिशा निर्देश दिए गए. कहीं पर मतपत्र बदलने तो कुछ वोटरों के नाम न होने की भी शिकायतें सामने आई.
कार्रवाई की जानकारी नहीं दे सका आयोग
कई जिलों में मतदान के दौरान अव्यवस्था हंगामा होने के बावजूद किसी भी जिले में किसी भी प्रकार की कार्रवाई होने की जानकारी राज्य निर्वाचन आयोग की तरफ से नहीं दी गई है. पहले चरण के चुनाव में 18 जिलों में 2 लाख 98 हजार उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे और 18 जिलों में 51,176 पोलिंग स्टेशन बनाए गए थे, जहां पर मतदान की प्रक्रिया पूरी हुई. अब मतगणना दो मई को होगी.
2 लाख 98 हजार से अधिक उम्मीदवार चुनाव मैदान में
पहले चरण का चुनाव व्यवस्थित तरीके से संपन्न कराए जाने को लेकर सभी 18 जिलों में 2 लाख 45 हजार 714 मतदान कर्मचारी के रूप में लगाए गए थे, जबकि जोनल मजिस्ट्रेट के रूप में 487 अधिकारी लगाए गए थे. सेक्टर मजिस्ट्रेट के रूप में 2962 अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई थी. वहीं सभी 18 जिलों में जिला पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत सदस्य पद के चुनाव कराने को लेकर रिटर्निंग अफसर और असिस्टेंट रिटर्निंग अफसरों की भी अलग से ड्यूटी स्थानीय स्तर पर लगाई गई थी. पहले चरण के पंचायत चुनाव में ग्राम पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य के पदों पर 2 लाख 98 हजार से अधिक उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं, जबकि 3 करोड़ 16 लाख से अधिक मतदाता थे, जिन्होंने अपने मताधिकार का प्रयोग किया.
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