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लॉकडाउन में दर्शकों के नहीं होने से मायूस दिखे चिड़ियाघर के बेजुबान

राजधानी लखनऊ के चिड़ियाघर में इन दिनों मायूसी छाई हुई है. दरअसल लॉकडाउन के कारण दर्शकों का आना प्रतिबंधित कर दिया गया है. वहीं इस सुनसान नजारे से बेजुबान भी मायूस दिख रहे हैं

मायूस चिड़ियाघर के बेजुबान
मायूस चिड़ियाघर के बेजुबान
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Published : May 16, 2020, 7:44 PM IST

Updated : May 20, 2020, 7:18 PM IST

लखनऊ: कोरोना महामारी से बचाव को लेकर लगाए गए लॉकडाउन से हर कोई परेशान और मायूस है. ऐसे समय में राजधानी लखनऊ के चिड़ियाघर के बेजुबान पशु-पक्षियों पर भी इसका सीधा असर साफ नजर आ रहा है. इनके हाव-भाव भी बदले हुए नजर आ रहे हैं.

दर्शकों के नहीं होने से मायूस दिखे चिड़ियाघर के बेजुबान.

ईटीवी भारत ने राजधानी लखनऊ के चिड़ियाघर के डायरेक्टर और चिड़ियाघर के वन्य जीव चिकित्सक से इस बारे में बातचीत की. इस दौरान उन्होंने बेजुबान पशु-पक्षियों की दिनचर्या के बारे में हमसे बात साझा की. उन्होंने बताया कि इस समय जानवरों के हाव भाव में अंतर आया है. वन्यजीवों की दिनचर्या भी बदल गई है. भालू पब्लिक को देखता था तो डांस करने लगता था, अब इस समय पब्लिक नहीं है तो हम लोग जाते हैं हमारे कर्मचारी जाते हैं तो वैसे ही वह खुश हो जाता है और डांस करता है. हुक्कू बंदर दर्शकों देखता था तो बहुत ही शोर करता था और बहुत खुश होता था, नाचता भी था. बाकी जो जानवर है ऐसे ही सामान्य रूप से रहते हैं. टाइगर है वह भी घूमता रहता है, जब उसका कीपर उसके पास जाता है तो उसको आवाज देता है दौड़ कर उसके पास जाता है. चिड़ियाघर में सामान्य दिनों में प्रतिदिन हजारों लोग वन्यजीवों को देखने आते थे. ऐसे समय में जब 2 महीने से अधिक लॉकडाउन हो चुका है. यहां के जो वन्य जीव हैं उनके अंदर मायूसी देखने को मिल रही है.

चिड़ियाघर में बेजुबानों के लिए बनाया आइशोलेशन वार्ड
कोरोना महामारी के समय वन्यजीवों की देखभाल और उनके बचाव को लेकर यहां पर सैनिटाइजेशन और अन्य तरह के उपाय किए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि हमने चिंपांजी को जरूर देखा है कि सोशल एनिमल होता है, जब लोग उसके पास जाते हैं तो वह अपने आप पास आ जाता है. मुझे लगता है कि वह जरूर लोगों को मिस कर रहा होगा. वहीं इसी तरह हमने भालू का हाव-भाव भी देखा है. हम लोग जाते हैं तो वह कई तरह की हरकतें करने लगता है. मुझे लगता है कि उसे दर्शक अच्छे लगते हैं.
चिड़ियाघर में सैनिटाइजेशन और विशेष सतर्कता

चिड़ियाघर के डायरेक्टर आरके सिंह बताते हैं कि हम इस समय चिड़ियाघर में विशेष सतर्कता बरत रहे हैं और सैनिटाइजेशन व अन्य तरह से बचाव का काम कर रहे हैं. चिड़ियाघर के अंदर जो भी बाहरी कर्मचारी आते हैं तो यहां पर हम सैनिटाइजेशन की व्यवस्था के साथ ही पोटेशियम क्लोराइड रखा हुआ है, उसे इनफैक्ट होकर आते हैं.

उन्होंने बताया कि जो हमारा खाना आता है, उसे भी पूरी तरह से चेक करते हैं. सारे बाड़ों को हमने सैनिटाइज कर रखा है और उन्हीं कर्मचारियों को भी बुलाते हैं जो कि स्वस्थ हैं. कर्मचारी थर्मल स्क्रीनिंग भी कराते हैं, जो हमारे वाहन यूज करते हैं उसे भी सैनिटाइज कराते हैं. हम किसी भी तरह का कोई रिस्क नहीं ले रहे हैं. इसके साथ ही बाहरी लोगों का आना पूरी तरह से शत-प्रतिशत बंद है.

चिड़ियाघर में बेजुबानों के लिए बनाया आइशोलेशन वार्ड

कोरोना महामारी से बचाव को लेकर लॉक डॉउन किया गया और संकट के समय वन्यजीवों की किस प्रकार से उत्तर प्रदेश में देखभाल की जा रही है, उसको लेकर ईटीवी भारत ने मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव आर के सिंह से खास बातचीत की.

मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव आरके सिंह कहते हैं कि हमने यहां पर आइसोलेशन सेंटर बनाया हुआ है. क्वारंटाइन सेंटर भी हमने यहां पर बनाया हुआ है. हमारे पास पीपीई किट भी हैं और हमारे पास पूरा प्रोसीजर है कि किस प्रकार से वन्यजीवों का इलाज करेंगे. हमारे पास तीन अच्छे चिकित्सक की टीम भी है और उसको लेकर वन्यजीवों के इलाज की पूरी एडवाइजरी भी जारी की जा चुकी है. अगर किसी भी वन्यजीव में किसी भी प्रकार के संक्रमण के लक्षण दिखाई दें तो तत्काल सूचित करें. हम लोग वन्यजीवों की सुरक्षा और बचाव को लेकर पूरा ध्यान रख रहे हैं.

मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव आर के सिंह ने बताया कि बाहरी लोगों का आना पूरी तरह से शत-प्रतिशत प्रतिबंधित किया गया है. हम मीडिया के साथियों को भी अपनी तरफ से फोटो या और यह विजुअल उपलब्ध करा देते हैं. उनसे निवेदन कर लेते हैं कि अंदर जाना वन्यजीवों के लिए ठीक नहीं है. अभी तक हम पूरी तरह से सुरक्षित है और वन्यजीवों को भी सुरक्षित रखेंगे.

इसे भी पढ़ें:-औरैया सड़क हादसे पर कार्रवाई: वाहन मालिकों पर मुकदमा दर्ज, 2 थानेदार निलंबित

लखनऊ: कोरोना महामारी से बचाव को लेकर लगाए गए लॉकडाउन से हर कोई परेशान और मायूस है. ऐसे समय में राजधानी लखनऊ के चिड़ियाघर के बेजुबान पशु-पक्षियों पर भी इसका सीधा असर साफ नजर आ रहा है. इनके हाव-भाव भी बदले हुए नजर आ रहे हैं.

दर्शकों के नहीं होने से मायूस दिखे चिड़ियाघर के बेजुबान.

ईटीवी भारत ने राजधानी लखनऊ के चिड़ियाघर के डायरेक्टर और चिड़ियाघर के वन्य जीव चिकित्सक से इस बारे में बातचीत की. इस दौरान उन्होंने बेजुबान पशु-पक्षियों की दिनचर्या के बारे में हमसे बात साझा की. उन्होंने बताया कि इस समय जानवरों के हाव भाव में अंतर आया है. वन्यजीवों की दिनचर्या भी बदल गई है. भालू पब्लिक को देखता था तो डांस करने लगता था, अब इस समय पब्लिक नहीं है तो हम लोग जाते हैं हमारे कर्मचारी जाते हैं तो वैसे ही वह खुश हो जाता है और डांस करता है. हुक्कू बंदर दर्शकों देखता था तो बहुत ही शोर करता था और बहुत खुश होता था, नाचता भी था. बाकी जो जानवर है ऐसे ही सामान्य रूप से रहते हैं. टाइगर है वह भी घूमता रहता है, जब उसका कीपर उसके पास जाता है तो उसको आवाज देता है दौड़ कर उसके पास जाता है. चिड़ियाघर में सामान्य दिनों में प्रतिदिन हजारों लोग वन्यजीवों को देखने आते थे. ऐसे समय में जब 2 महीने से अधिक लॉकडाउन हो चुका है. यहां के जो वन्य जीव हैं उनके अंदर मायूसी देखने को मिल रही है.

चिड़ियाघर में बेजुबानों के लिए बनाया आइशोलेशन वार्ड
कोरोना महामारी के समय वन्यजीवों की देखभाल और उनके बचाव को लेकर यहां पर सैनिटाइजेशन और अन्य तरह के उपाय किए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि हमने चिंपांजी को जरूर देखा है कि सोशल एनिमल होता है, जब लोग उसके पास जाते हैं तो वह अपने आप पास आ जाता है. मुझे लगता है कि वह जरूर लोगों को मिस कर रहा होगा. वहीं इसी तरह हमने भालू का हाव-भाव भी देखा है. हम लोग जाते हैं तो वह कई तरह की हरकतें करने लगता है. मुझे लगता है कि उसे दर्शक अच्छे लगते हैं. चिड़ियाघर में सैनिटाइजेशन और विशेष सतर्कता

चिड़ियाघर के डायरेक्टर आरके सिंह बताते हैं कि हम इस समय चिड़ियाघर में विशेष सतर्कता बरत रहे हैं और सैनिटाइजेशन व अन्य तरह से बचाव का काम कर रहे हैं. चिड़ियाघर के अंदर जो भी बाहरी कर्मचारी आते हैं तो यहां पर हम सैनिटाइजेशन की व्यवस्था के साथ ही पोटेशियम क्लोराइड रखा हुआ है, उसे इनफैक्ट होकर आते हैं.

उन्होंने बताया कि जो हमारा खाना आता है, उसे भी पूरी तरह से चेक करते हैं. सारे बाड़ों को हमने सैनिटाइज कर रखा है और उन्हीं कर्मचारियों को भी बुलाते हैं जो कि स्वस्थ हैं. कर्मचारी थर्मल स्क्रीनिंग भी कराते हैं, जो हमारे वाहन यूज करते हैं उसे भी सैनिटाइज कराते हैं. हम किसी भी तरह का कोई रिस्क नहीं ले रहे हैं. इसके साथ ही बाहरी लोगों का आना पूरी तरह से शत-प्रतिशत बंद है.

चिड़ियाघर में बेजुबानों के लिए बनाया आइशोलेशन वार्ड

कोरोना महामारी से बचाव को लेकर लॉक डॉउन किया गया और संकट के समय वन्यजीवों की किस प्रकार से उत्तर प्रदेश में देखभाल की जा रही है, उसको लेकर ईटीवी भारत ने मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव आर के सिंह से खास बातचीत की.

मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव आरके सिंह कहते हैं कि हमने यहां पर आइसोलेशन सेंटर बनाया हुआ है. क्वारंटाइन सेंटर भी हमने यहां पर बनाया हुआ है. हमारे पास पीपीई किट भी हैं और हमारे पास पूरा प्रोसीजर है कि किस प्रकार से वन्यजीवों का इलाज करेंगे. हमारे पास तीन अच्छे चिकित्सक की टीम भी है और उसको लेकर वन्यजीवों के इलाज की पूरी एडवाइजरी भी जारी की जा चुकी है. अगर किसी भी वन्यजीव में किसी भी प्रकार के संक्रमण के लक्षण दिखाई दें तो तत्काल सूचित करें. हम लोग वन्यजीवों की सुरक्षा और बचाव को लेकर पूरा ध्यान रख रहे हैं.

मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव आर के सिंह ने बताया कि बाहरी लोगों का आना पूरी तरह से शत-प्रतिशत प्रतिबंधित किया गया है. हम मीडिया के साथियों को भी अपनी तरफ से फोटो या और यह विजुअल उपलब्ध करा देते हैं. उनसे निवेदन कर लेते हैं कि अंदर जाना वन्यजीवों के लिए ठीक नहीं है. अभी तक हम पूरी तरह से सुरक्षित है और वन्यजीवों को भी सुरक्षित रखेंगे.

इसे भी पढ़ें:-औरैया सड़क हादसे पर कार्रवाई: वाहन मालिकों पर मुकदमा दर्ज, 2 थानेदार निलंबित

Last Updated : May 20, 2020, 7:18 PM IST
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