लखनऊ : एमपी कैडर के आईपीएस ऋषि कुमार शुक्ला के सीबीआई डायरेक्टर बनने के साथ ही उत्तर प्रदेश की आईपीएस लॉबी में वायरल हो रहे एक मैसेज से हड़कंप मचा हुआ है. अखिलेश सरकार में डीजीपी रहे जावीद अहमद के नाम पर सोशल मीडिया में एक मैसेज वायरल हो रहा है. इस मैसेज में जावीद अहमद का सीबीआई डायरेक्टर ना बनने की वजह मुसलमान होना बताया जा रहा है. हालांकि इस मैसेज को जावीद अहमद ने फर्जी मैसेज करार दिया है.
आईपीएस अफसरों के व्हाट्सएप ग्रुप से एक और नया बखेड़ा खड़ा हो गया है. बीते दिनों उत्तर प्रदेश में तैनात आईपीएस अफसरों के व्हाट्सएप ग्रुप पर डीआईजी दीपक कुमार के एसीआर को लेकर छेड़ी हुए बवाल के बाद अब सीबीआई डायरेक्टर के चुने जाने को लेकर बवाल मचा है. सीनियर आईपीएस अफसरों के इस व्हाट्सएप ग्रुप में 1984 बैच के आईपीएस और यूपी पुलिस के पूर्व डीजीपी जावीद अहमद भी हैं.
एमपी कैडर के 1983 बैच के आईपीएस ऋषि कुमार शुक्ला के सीबीआई डायरेक्टर बनाए जाने पर इस व्हाट्सएप ग्रुप पर जावीद अहमद ने अपना दर्द लिखा है. उन्होंने ग्रुप में साफ लिखा है कि ... allah ki marzi,bura to lagta hai pr M hona gunaah hai... हालांकि जावेद अहमद ने इस तथाकथित मैसेज को फर्जी बताते हुए कहा है कि वो एक जिम्मेदार पुलिस अफसर हैं इस तरीके की टिप्पणी नहीं कर सकते. क्लोनिंग का जमाना है उनके नंबर और नाम पर यह फर्जी मैसेज चलाया गया है.
बता दें कि सीबीआई डायरेक्टर बनने की दौड़ में रजनीकांत मिश्रा के साथ राजीव राय भटनागर और सुदीप लखटकिया के साथ जावेद अहमद का नाम शामिल था. इन तीनों नामों में जावेद अहमद के पास सीबीआई के सबसे लंबे अनुभव के चलते उनकी दावेदारी मजबूत मानी जा रही थी, लेकिन चयन उच्च अधिकार चयन समिति ने मध्य प्रदेश के डीजीपी रहे ऋषि कुमार शुक्ला को सीबीआई का नया डायरेक्टर बनाया है.