ETV Bharat / state

पीजीआई में वीआईपी कोरोना मरीज को सीसीएम में किया भर्ती, नर्सों ने किया हंगामा

पीजीआई के क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग में कोरोना संक्रमित मरीज को भर्ती कर लिया गया. उसकी देख-रेख के लिए केवल आउट सोर्स नर्सेज की ड्यूटी लगाई गयी. इसकी जानकारी होने पर नर्सिंग एसोसिएशन ने कड़ा विरोध दर्ज कराया. विरोध के बाद मरीज को कोरोना अस्पताल में शिफ्ट किया गया.

पीजीआई में वीआईपी कोरोना मरीज को सीसीएम में किया भर्ती, नर्सों ने किया हंगामा
पीजीआई में वीआईपी कोरोना मरीज को सीसीएम में किया भर्ती, नर्सों ने किया हंगामा
author img

By

Published : Apr 27, 2021, 8:17 AM IST

लखनऊ : एसजीपीजीआई के मुख्य अस्पताल में सामान्य मरीजों को भर्ती नहीं मिल पा रही है. उन्हें कोरोना टेस्ट के लिए कई बार दौड़ाया जा रहा है. वहीं, क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग (सीसीएम) में संक्रमित मरीज को ही डायरेक्ट भर्ती कर लिया गया. सेंट्रलाइज्ड एसी होने से यहां की 300 नर्सों के संक्रमित होने का खतरा बढ़ गया है. वहीं पांच नर्सें कोरोना से संक्रमित भी हो गई हैं. वीआईपी को सुविधा देने के लिए नर्सों की जान से खिलवाड़ और लापरवाही पर नर्सें भड़क गईं. उनके कड़े विरोध के बाद संस्थान प्रशासन ने मरीज को कोविड अस्पताल में शिफ्ट किया.

देखरेख के लिए आउटसोर्स नर्सेज की लगाई गयी ड्यूटी

पीजीआइ के क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग में कोरोना संक्रमित मरीज को भर्ती कर लिया गया. उसकी देखरेख के लिए केवल आउटसोर्स नर्सेज की ड्यूटी लगाई गयी. इसकी जानकारी होने पर नर्सिंग एसोसिएशन ने कड़ा विरोध दर्ज कराया. विरोध के बाद मरीज को कोरोना अस्पताल में शिफ्ट किया गया.

यह भी पढ़ें : यूपी में 18 वर्ष से अधिक के लोगों का होगा टीकाकरण, तैयारियां शुरू

‘नियमानुसार कोरोना संक्रमित को कोरोना अस्पताल में भर्ती होना चाहिए’

एसोसिएशन की अध्यक्ष सीमा शुक्ला, आउटसोर्स नर्सेज की साधना, मलखान सिंह ने कहा कि नियमानुसार कोरोना संक्रमित को कोरोना अस्पताल में भर्ती होना चाहिए. मगर दो संक्रमित वीआईपी मरीजों को मुख्य अस्पताल के सीसीएम में भर्ती किया गया. इसके कारण वहां की कई नर्सें संक्रमित हो गईं. सीमा शुक्ला ने बताया कि मरीजों की देखरेख के लिए आउटसोर्स की ड्यूटी विभाग की प्रमुख डाॅ. बनानी पोद्दार, डाॅ. मोहन गुर्जर और इंचार्ज मीरा, नूरानी ने लगाई थी.

ड्यूटी करने से मना किया तो नौकरी से निकालने की दी धमकी

आउटसोर्स नर्सेज ने ड्यूटी करने से मना कर दिया तो नौकरी से निकालने के लिए एजेंसी प्रभारी को बुलाया गया. नर्सों से ड्यूटी नहीं करने पर नौकरी से बाहर करने की धमकी दी गयी. यह जानकारी नर्सेज एसोसिएशन को मिली तो इन लोगों ने यहां पहुंचकर कड़ा विरोध किया. नर्सों का कहना है कि संस्थान में सेंट्रल एसी है. यहां पर कोरोना मरीज भर्ती करने से पूरे संस्थान में कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ गया है.

इसी लापरवाही के चलते 300 से अधिक नर्सों पर संक्रमण का खतरा है. कहा कि ड्यूटी करने से कोई नर्स मना नहीं कर रही है. लेकिन कोरोना के मरीज को उसके इलाज के लिए बने अस्पताल में भर्ती होना चाहिए. संस्थान के निदेशक डॉ. आरके धीमान से संपर्क करने की कोशिश की गई तो उनसे संपर्क नहीं को सका.

लखनऊ : एसजीपीजीआई के मुख्य अस्पताल में सामान्य मरीजों को भर्ती नहीं मिल पा रही है. उन्हें कोरोना टेस्ट के लिए कई बार दौड़ाया जा रहा है. वहीं, क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग (सीसीएम) में संक्रमित मरीज को ही डायरेक्ट भर्ती कर लिया गया. सेंट्रलाइज्ड एसी होने से यहां की 300 नर्सों के संक्रमित होने का खतरा बढ़ गया है. वहीं पांच नर्सें कोरोना से संक्रमित भी हो गई हैं. वीआईपी को सुविधा देने के लिए नर्सों की जान से खिलवाड़ और लापरवाही पर नर्सें भड़क गईं. उनके कड़े विरोध के बाद संस्थान प्रशासन ने मरीज को कोविड अस्पताल में शिफ्ट किया.

देखरेख के लिए आउटसोर्स नर्सेज की लगाई गयी ड्यूटी

पीजीआइ के क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग में कोरोना संक्रमित मरीज को भर्ती कर लिया गया. उसकी देखरेख के लिए केवल आउटसोर्स नर्सेज की ड्यूटी लगाई गयी. इसकी जानकारी होने पर नर्सिंग एसोसिएशन ने कड़ा विरोध दर्ज कराया. विरोध के बाद मरीज को कोरोना अस्पताल में शिफ्ट किया गया.

यह भी पढ़ें : यूपी में 18 वर्ष से अधिक के लोगों का होगा टीकाकरण, तैयारियां शुरू

‘नियमानुसार कोरोना संक्रमित को कोरोना अस्पताल में भर्ती होना चाहिए’

एसोसिएशन की अध्यक्ष सीमा शुक्ला, आउटसोर्स नर्सेज की साधना, मलखान सिंह ने कहा कि नियमानुसार कोरोना संक्रमित को कोरोना अस्पताल में भर्ती होना चाहिए. मगर दो संक्रमित वीआईपी मरीजों को मुख्य अस्पताल के सीसीएम में भर्ती किया गया. इसके कारण वहां की कई नर्सें संक्रमित हो गईं. सीमा शुक्ला ने बताया कि मरीजों की देखरेख के लिए आउटसोर्स की ड्यूटी विभाग की प्रमुख डाॅ. बनानी पोद्दार, डाॅ. मोहन गुर्जर और इंचार्ज मीरा, नूरानी ने लगाई थी.

ड्यूटी करने से मना किया तो नौकरी से निकालने की दी धमकी

आउटसोर्स नर्सेज ने ड्यूटी करने से मना कर दिया तो नौकरी से निकालने के लिए एजेंसी प्रभारी को बुलाया गया. नर्सों से ड्यूटी नहीं करने पर नौकरी से बाहर करने की धमकी दी गयी. यह जानकारी नर्सेज एसोसिएशन को मिली तो इन लोगों ने यहां पहुंचकर कड़ा विरोध किया. नर्सों का कहना है कि संस्थान में सेंट्रल एसी है. यहां पर कोरोना मरीज भर्ती करने से पूरे संस्थान में कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ गया है.

इसी लापरवाही के चलते 300 से अधिक नर्सों पर संक्रमण का खतरा है. कहा कि ड्यूटी करने से कोई नर्स मना नहीं कर रही है. लेकिन कोरोना के मरीज को उसके इलाज के लिए बने अस्पताल में भर्ती होना चाहिए. संस्थान के निदेशक डॉ. आरके धीमान से संपर्क करने की कोशिश की गई तो उनसे संपर्क नहीं को सका.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.