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इस गांव के ग्रामीण रह गये प्रधानमंत्री आवास योजना से अछूते

पीएम मोदी ने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बसे भूमिहीन लोगों को लिये प्रधानमंत्री आवास योजना चलाई थी, लेकिन यह योजना राजधानी के एक छोटे से गांव में किस हद तक धरातल पर उतरी है? देखिये ये स्पेशल रिपोर्ट.

नहीं मिला ग्रामीणों को पीएम आवास योजना का लाभ
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Published : Oct 20, 2019, 7:35 PM IST

लखनऊ: केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरूआत की, जिसके अंतर्गत उन गरीब व्यक्तियों को आशियाना देने की बात कही गई थी, जिनके सिर पर छत नहीं है. इस योजना के तहत शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में कई लोगों को आवास मिले हैं, लेकिन आज भी कई पात्र अपने आशियाने की तलाश में दर-दर भटक रहे हैं.

नहीं मिला ग्रामीणों को पीएम आवास योजना का लाभ.

नहीं मिल पाया पीएम के आवास योजना का लाभ
शुक्रवार को ईटीवी भारत की टीम प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनने वाले शहरी आवास के रियलिटी चेक पर निकली और राजधानी के नगराम क्षेत्र में पहुंची. नगराम क्षेत्र एक नगर पंचायत क्षेत्र है, जिसमें प्रधानमंत्री आवास डूडा के तहत बनवाया गया है. वहीं ग्राम वासियों का कहना है कि पात्र व्यक्तियों को अब तक आवास नहीं मिल पाए हैं.

इसे भी पढ़ें:- कमलेश तिवारी हत्याकांड: CM योगी से मिला पीड़ित परिवार, मांगें पूरी होने का मिला आश्वासन

बिना छत के रहने को हैं मजबूर
जब ईटीवी ने कई ऐसे घरों में जाकर देखा और यह जानने की कोशिश की कि आखिर किस तरह से ग्रामीण अपने जीवन को व्यतीत कर रहे हैं. ऐसे ही एक घर में हम पहुंचे तो देखा कि बिना छत के एक घर में बुजुर्ग रहती हैं, जो अपने जीवन को उसी टूट-फूटे मकान में बिताने को मजबूर हैं. बुजुर्ग महिला ने बतया कि उन्होंने आवास के लिये आवेदन किया था, लेकिन अभी तक कोई भी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी सुध लेने नहीं पहुंचा है.

कई पात्र हैं प्रधानमंत्री आवास योजना से अछूते
अगर बात करें आवास योजना के अछूते पात्र की तो सिर्फ नगराम क्षेत्र की इकलौती समस्या नहीं है बल्कि पूरे नगराम में कई ऐसे पात्र हैं जिनको आवास नहीं मिला है. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिलने वाले किश्तों के बारे में जब ग्रामीणों ने अपनी समस्याओं को अधिकारियों से बताना चाहा तो केवल उन्हें अब तक आश्वासन ही मिल पाया है. उन्हें एक किश्त के अलावा दूसरी किश्त अब तक मकान नहीं मिल पाई है.

इसे भी पढे़ं:- कमलेश तिवारी हत्याकांड : लखनऊ के होटल से बरामद हुए खून से सने कपड़े और अन्य सामान

लखनऊ: केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरूआत की, जिसके अंतर्गत उन गरीब व्यक्तियों को आशियाना देने की बात कही गई थी, जिनके सिर पर छत नहीं है. इस योजना के तहत शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में कई लोगों को आवास मिले हैं, लेकिन आज भी कई पात्र अपने आशियाने की तलाश में दर-दर भटक रहे हैं.

नहीं मिला ग्रामीणों को पीएम आवास योजना का लाभ.

नहीं मिल पाया पीएम के आवास योजना का लाभ
शुक्रवार को ईटीवी भारत की टीम प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनने वाले शहरी आवास के रियलिटी चेक पर निकली और राजधानी के नगराम क्षेत्र में पहुंची. नगराम क्षेत्र एक नगर पंचायत क्षेत्र है, जिसमें प्रधानमंत्री आवास डूडा के तहत बनवाया गया है. वहीं ग्राम वासियों का कहना है कि पात्र व्यक्तियों को अब तक आवास नहीं मिल पाए हैं.

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बिना छत के रहने को हैं मजबूर
जब ईटीवी ने कई ऐसे घरों में जाकर देखा और यह जानने की कोशिश की कि आखिर किस तरह से ग्रामीण अपने जीवन को व्यतीत कर रहे हैं. ऐसे ही एक घर में हम पहुंचे तो देखा कि बिना छत के एक घर में बुजुर्ग रहती हैं, जो अपने जीवन को उसी टूट-फूटे मकान में बिताने को मजबूर हैं. बुजुर्ग महिला ने बतया कि उन्होंने आवास के लिये आवेदन किया था, लेकिन अभी तक कोई भी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी सुध लेने नहीं पहुंचा है.

कई पात्र हैं प्रधानमंत्री आवास योजना से अछूते
अगर बात करें आवास योजना के अछूते पात्र की तो सिर्फ नगराम क्षेत्र की इकलौती समस्या नहीं है बल्कि पूरे नगराम में कई ऐसे पात्र हैं जिनको आवास नहीं मिला है. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिलने वाले किश्तों के बारे में जब ग्रामीणों ने अपनी समस्याओं को अधिकारियों से बताना चाहा तो केवल उन्हें अब तक आश्वासन ही मिल पाया है. उन्हें एक किश्त के अलावा दूसरी किश्त अब तक मकान नहीं मिल पाई है.

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Intro:केंद्र सरकार के द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत की गई जिसमें उन गरीब व्यक्तियों को आशियाने देने की बात कही गई थी जिनके सर पर छत नहीं है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में आवास निर्माण किए जाने हैं कई लोगों को उनके आशियाने मिल गए हैं लेकिन आज भी कई पात्र व्यक्ति अपने आशियाने की तलाश में दर-दर भटक रहे हैं।


Body:ईटीवी भारत की टीम प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनने वाले शहरी आवास के रियलिटी चेक पर निकली और राजधानी लखनऊ के नगराम क्षेत्र में पहुंची। राजधानी लखनऊ का नगराम क्षेत्र नगर पंचायत क्षेत्र है जिसमें डूडा के द्वारा प्रधानमंत्री आवास बनवाए जा रहे हैं। वहीं यहां के निवासियों का कहना है कि पात्र व्यक्तियों को अब तक आवास नहीं मिल पाए हैं।

हमने कई ऐसे घरों में जाकर देखा और जानने की कोशिश की कि वह किस तरह से अपने जीवन को व्यतीत कर रहे हैं ऐसे ही एक घर में हम जब पहुंचे तो देखा कि वहां पर छत नहीं थी और महिला जो कि काफी बुजुर्ग है वह अपना जीवन उसी टूटे-फूटे मकान में बिताने को मजबूर हो रही है। महिला का आरोप है कि कई बार उसके द्वारा आवास के लिए आवेदन किया गया लेकिन आज तक कोई भी सरकारी अधिकारी व कर्मचारी सुध लेने नहीं पहुंचा है।

नगराम क्षेत्र की इकलौती समस्या नहीं है बल्कि पूरे नगराम में कई ऐसे पात्र व्यक्ति हैं जिनको आवास नहीं मिला है वही जिन्हें आवास मिला है उन्हें एक किस्त के अलावा दूसरी किस्त अब तक मकान की नहीं मिल पाई है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिलने वाले किस्तों के बारे में जब टाउन एरिया में जाकर लोगों ने अपनी समस्याओं को अधिकारियों से बताना चाहा तो केवल उन्हें आश्वासन ही अब तक मिल पाया है।


वॉक थ्रू- योगेश मिश्रा (ग्रामीणों के साथ)


Conclusion:अब ऐसे में देखने वाली बात होगी कि जहां एक तरफ केंद्र व राज्य सरकार गरीब व्यक्तियों को उनके आशियाने देने की कवायद में लगी हुई है वहीं दूसरी ओर सरकारी अधिकारियों की लापरवाही की वजह से लोग आज भी अपने आशियाने के सपने ही सिर्फ देख रहे हैं। उन्हें हकीकत में यह आशियाने मिल पाएंगे या नहीं यह तो वक्त ही बताएगा।

योगेश मिश्रा लखनऊ
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