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लखनऊ में एक नया नगर निगम बनाने की उठी मांग, एकजुट हुए 88 गांव के लोग

लखनऊ नगर निगम में शामिल 88 गांव के लोगों ने एक नया नगर निगम बनाने की सरकार से मांग की है. दूसरा नगर निगम बनाने की मांग को लेकर रविवार को लखनऊ जनकल्याण महासमिति ने बैठक की.

लखनऊ में एक नया नगर निगम बनाने की उठी मांग
लखनऊ में एक नया नगर निगम बनाने की उठी मांग
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Published : Sep 12, 2021, 9:55 PM IST

लखनऊ : लखनऊ जनकल्याण महासमिति ने 2 नगर निगम बनाने की मांग की है. दो नगर निगम बनाने की मांग को लेकर रविवार को ग्राम प्रधान और ग्रामीणों ने बैठक की. बैठक के दौरान लखनऊ नगर निगम में शामिल 88 गांव के ग्राम प्रधान व ग्रामीण मौजूद रहे.

लखनऊ जनकल्याण महासमिति के अध्यक्ष उमाशंकर दुबे ने बताया कि वर्तमान में लखनऊ में नए 88 गांवो को जोड़कर लगभग 40 लाख की आबादी हो गयी है. ऐसे में कम से कम 2 नगर निगम बनाए जाएं, जिससे क्षेत्रों का विकास हो सके. नगर निगम द्वारा जबरन हाउस टैक्स लेने के निर्णय को वापस कराने के लिए महासमिति ने सीएम योगी का धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार मुख्यमंत्री ने हाउस टैक्स से नए नगर निगम क्षेत्र की जनता को राहत दी है, उसी प्रकार सीएम को 2 नगर निगम बनाकर क्षेत्र के विकास के लिए सकारात्मक कदम उठाना चाहिए.

जनकल्याण महासमिति की बैठक 88 गांवों के ग्राम प्रधान, पूर्व ग्राम प्रधान सहित बड़ी संख्या में लखनऊ की आरडब्ल्यूए के पदाधिकारी मौजूद रहे. बैठक में चर्चा के बाद मखदुमपुर के ग्राम प्रधान देवेश यादव को नए नगर निगम के सभी 88 गांवों का संयोजक बनाया गया है. बता दें, कि लखनऊ नगर निगम की सीमा बढ़ाने के लिए दिसंबर 2019 को लखनऊ के 88 ग्राम पंचायतों को नगर निगम में शामिल किया गया था.

नगर निगम में शामिल किए गए इन गांव की कुल आबादी 2,69,000 आंकी गई थी. इनमे सीतापुर रोड के 15 गांव, कुर्सी रोड के 10 गांव, फैजाबाद रोड के 20 गांव, रायबरेली रोड के 7 गांव, सुल्तानपुर रोड के 14 गांव, कानपुर रोड के 8 गांव, मोहान रोड के 2 गांव और हरदोई रोड के 6 गांव शामिल किए गए थे. नगम निगम में शामिल इन गांव में विकास न होने के कारण अब लोगों ने एक नए निगम को बनाने की मांग की है.

इसे पढ़ें- नगर निगम में शामिल हुईं ग्राम पंचायतें विकास कार्यो से कोसों दूर

लखनऊ : लखनऊ जनकल्याण महासमिति ने 2 नगर निगम बनाने की मांग की है. दो नगर निगम बनाने की मांग को लेकर रविवार को ग्राम प्रधान और ग्रामीणों ने बैठक की. बैठक के दौरान लखनऊ नगर निगम में शामिल 88 गांव के ग्राम प्रधान व ग्रामीण मौजूद रहे.

लखनऊ जनकल्याण महासमिति के अध्यक्ष उमाशंकर दुबे ने बताया कि वर्तमान में लखनऊ में नए 88 गांवो को जोड़कर लगभग 40 लाख की आबादी हो गयी है. ऐसे में कम से कम 2 नगर निगम बनाए जाएं, जिससे क्षेत्रों का विकास हो सके. नगर निगम द्वारा जबरन हाउस टैक्स लेने के निर्णय को वापस कराने के लिए महासमिति ने सीएम योगी का धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार मुख्यमंत्री ने हाउस टैक्स से नए नगर निगम क्षेत्र की जनता को राहत दी है, उसी प्रकार सीएम को 2 नगर निगम बनाकर क्षेत्र के विकास के लिए सकारात्मक कदम उठाना चाहिए.

जनकल्याण महासमिति की बैठक 88 गांवों के ग्राम प्रधान, पूर्व ग्राम प्रधान सहित बड़ी संख्या में लखनऊ की आरडब्ल्यूए के पदाधिकारी मौजूद रहे. बैठक में चर्चा के बाद मखदुमपुर के ग्राम प्रधान देवेश यादव को नए नगर निगम के सभी 88 गांवों का संयोजक बनाया गया है. बता दें, कि लखनऊ नगर निगम की सीमा बढ़ाने के लिए दिसंबर 2019 को लखनऊ के 88 ग्राम पंचायतों को नगर निगम में शामिल किया गया था.

नगर निगम में शामिल किए गए इन गांव की कुल आबादी 2,69,000 आंकी गई थी. इनमे सीतापुर रोड के 15 गांव, कुर्सी रोड के 10 गांव, फैजाबाद रोड के 20 गांव, रायबरेली रोड के 7 गांव, सुल्तानपुर रोड के 14 गांव, कानपुर रोड के 8 गांव, मोहान रोड के 2 गांव और हरदोई रोड के 6 गांव शामिल किए गए थे. नगम निगम में शामिल इन गांव में विकास न होने के कारण अब लोगों ने एक नए निगम को बनाने की मांग की है.

इसे पढ़ें- नगर निगम में शामिल हुईं ग्राम पंचायतें विकास कार्यो से कोसों दूर

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