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विजय दिवस: करगिल युद्ध में जान गंवाने वाले जांबाज शहीदों को लोगों ने किया नमन

विजय दिवस के अवसर पर रविवार को पूरे प्रदेश में जांबाज वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई. 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान देश की रक्षा के लिए जांबाजों ने अपनी जान गंवा दी थी.

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Published : Dec 17, 2019, 4:08 AM IST

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भारत-पाक युद्ध में मारे गए जांबाज शहीदों को किया गया याद.

उत्तर प्रदेश: करगिल युद्ध में पाकिस्तानी सैनिकों को हराकर मिली जीत में शहीद हुए सैनिकों को विजय दिवस पर याद किया गया. 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान देश की रक्षा के लिए जांबाजों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी थी. इस दिवस के उपलक्ष्य में देश और प्रदेश भर में युद्ध में जान गवाने वाले जांबाज शहीदों को याद तक श्रद्धांजलि अर्पित की गई.


पुष्पचक्र अर्पित कर लेफ्टिनेंट जनरल ने दी श्रद्धांजलि
लखनऊ में विजय दिवस के उपलक्ष्य में सोमवार को छावनी स्थित मध्य कमान के युद्ध स्मारक की स्मृतिका पर माल्यार्पण कर, उन जांबाज वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई, जिन्होंने, 1971 में भारत-पाक युद्ध के दौरान देश की रक्षा के लिए अपनी जान गंवाई थी.

मध्य कमान की जनसंपर्क अधिकारी गार्गी मलिक सिन्हा ने बताया कि सैन्य अधिकारियों और सैनिकों के साथ सेना के बैंड द्वारा देशभक्ति के गीतों की धुनों के बीच युद्ध स्मारक स्मृतिका पर पुष्प चक्र अर्पित कर जांबाज शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी. साथ ही शहीदों की याद में 2 मिनट का मौन भी रखा.

शहीदों की स्मृति में निकाली गई मशाल जुलूस यात्रा
गोरखपुर में अमर शहीद क्रांतिकारियों एवं बलिदानियों को समर्पित देश और राष्ट्रप्रेम से ओतप्रोत पंडित राम प्रसाद बिस्मिल बलिदानी मेला और खेल महोत्सव आयोजन किया गया. वहीं गुरु कृपा संस्थान और अखिल भारतीय क्रांतिकारी संघर्ष मोर्चा के संयुक्त तत्वाधान में हरिओम नगर तिराहे से तिरंगा मशाल जुलूस चेतना यात्रा निकाली गई.

तिरंगा मशाल जुलूस चेतना यात्रा में शामिल देश भक्त वंदे मातरम, भारत माता की जय के साथ अमर शहीदों के नामों का जयघोष करते नजर आए.

करगिल युद्ध में हरदोई के 100 से ज्यादा सैनिकों ने लिया था हिस्सा

हरदोई जिले में सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास कार्यालय में विजय दिवस को बड़ी धूमधाम से पूर्व सैनिकों ने मनाया. 16 दिसंबर 1971 को भारतीय सेना ने भारत पाक युद्ध में पाकिस्तान पर विजय प्राप्त की थी और 90000 सैनिकों को बंदी बना लिया था, जिसके बाद बांग्लादेश के रूप में एक अलग राष्ट्र की स्थापना की गयी थी. उस भारत-पाकिस्तान के बीच हुए इस युद्ध में हरदोई जिले के 100 से अधिक सैनिकों ने हिस्सा लिया था.

उत्तर प्रदेश: करगिल युद्ध में पाकिस्तानी सैनिकों को हराकर मिली जीत में शहीद हुए सैनिकों को विजय दिवस पर याद किया गया. 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान देश की रक्षा के लिए जांबाजों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी थी. इस दिवस के उपलक्ष्य में देश और प्रदेश भर में युद्ध में जान गवाने वाले जांबाज शहीदों को याद तक श्रद्धांजलि अर्पित की गई.


पुष्पचक्र अर्पित कर लेफ्टिनेंट जनरल ने दी श्रद्धांजलि
लखनऊ में विजय दिवस के उपलक्ष्य में सोमवार को छावनी स्थित मध्य कमान के युद्ध स्मारक की स्मृतिका पर माल्यार्पण कर, उन जांबाज वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई, जिन्होंने, 1971 में भारत-पाक युद्ध के दौरान देश की रक्षा के लिए अपनी जान गंवाई थी.

मध्य कमान की जनसंपर्क अधिकारी गार्गी मलिक सिन्हा ने बताया कि सैन्य अधिकारियों और सैनिकों के साथ सेना के बैंड द्वारा देशभक्ति के गीतों की धुनों के बीच युद्ध स्मारक स्मृतिका पर पुष्प चक्र अर्पित कर जांबाज शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी. साथ ही शहीदों की याद में 2 मिनट का मौन भी रखा.

शहीदों की स्मृति में निकाली गई मशाल जुलूस यात्रा
गोरखपुर में अमर शहीद क्रांतिकारियों एवं बलिदानियों को समर्पित देश और राष्ट्रप्रेम से ओतप्रोत पंडित राम प्रसाद बिस्मिल बलिदानी मेला और खेल महोत्सव आयोजन किया गया. वहीं गुरु कृपा संस्थान और अखिल भारतीय क्रांतिकारी संघर्ष मोर्चा के संयुक्त तत्वाधान में हरिओम नगर तिराहे से तिरंगा मशाल जुलूस चेतना यात्रा निकाली गई.

तिरंगा मशाल जुलूस चेतना यात्रा में शामिल देश भक्त वंदे मातरम, भारत माता की जय के साथ अमर शहीदों के नामों का जयघोष करते नजर आए.

करगिल युद्ध में हरदोई के 100 से ज्यादा सैनिकों ने लिया था हिस्सा

हरदोई जिले में सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास कार्यालय में विजय दिवस को बड़ी धूमधाम से पूर्व सैनिकों ने मनाया. 16 दिसंबर 1971 को भारतीय सेना ने भारत पाक युद्ध में पाकिस्तान पर विजय प्राप्त की थी और 90000 सैनिकों को बंदी बना लिया था, जिसके बाद बांग्लादेश के रूप में एक अलग राष्ट्र की स्थापना की गयी थी. उस भारत-पाकिस्तान के बीच हुए इस युद्ध में हरदोई जिले के 100 से अधिक सैनिकों ने हिस्सा लिया था.

Intro:वीर शहीद सैनिकों को स्मृतिका पर पुष्पचक्र अर्पित कर लेफ्टिनेंट जनरल ने दी श्रद्धांजलि


लखनऊ। विजय दिवस के उपलक्ष्य में सोमवार को लखनऊ छावनी स्थित मध्य कमान के युद्ध स्मारक की स्मृतिका पर माल्यार्पण कर उन जांबाज वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई जिन्होंने 1971 में भारत-पाक युद्ध के दौरान देश की रक्षा के लिए अपने सर्वोच्च प्राणों की आहुति दे दी थी।

Body:मध्य कमान की जनसंपर्क अधिकारी गार्गी मलिक सिन्हा ने बताया कि इस अवसर पर मध्य कमान के सेनाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल आईएस घुमन ने लखनऊ छावनी के सैन्य अधिकारियों और सैनिकों के साथ सेना के बैंड द्वारा देशभक्ति के गीतों की धुनों के बीच मध्य कमान के युद्ध स्मारक स्मृतिका पर पुष्प चक्र अर्पित कर जांबाज शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद सेना की एक टुकड़ी ने सलामी दी। बिगुलर द्वारा अंतिम धुन बजाई गई। इस दौरान लेफ्टिनेंट जनरल घुमन ने शहीदों की सलामी दी। शहीद सैनिकों की दिवंगत आत्मा की शांति के लिए 2 मिनट का मौन रखा गया।

Conclusion:
बता दें कि आज ही के दिन वर्ष 1971 में पाकिस्तानी सेना के तत्कालीन चीफ जनरल अमीर अब्दुल्ला खान नियाजी ने युद्ध में हार जाने के बाद ढाका स्थित रोमना रेसकोर्स जो अब सुहारवर्दी उद्यान के नाम से जाना जाता है, में 93000 से अधिक सैनिकों के साथ जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के नेतृत्व में भारतीय सेना एवं मुक्ति वाहिनी के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। तीन दिसम्बर 1971 को शुरू हुआ युद्ध 14 दिन तक चला जिसमें पाकिस्तान की आधी से अधिक आबादी और एक तिहाई सेना को कैद कर लिया गया। भारतीय सेना के जवानों ने पूर्वी और पश्चिमी दोनों मोर्चों पर 14 दिनों तक चले युद्ध में असाधारण वीरता के साथ संघर्ष किया और विश्व इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी शानदार जीत दर्ज की।

अखिल पांडेय, लखनऊ, 9336864096
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