लखनऊ: मायावती सरकार में लखनऊ और नोएडा में हुए बहुचर्चित स्मारक घोटाला हुआ था. इस घोटाले में दागी अधिकारियों और इंजीनियरों के खिलाफ विजिलेंस डिपार्टमेंट जल्द ही चार्जशीट दाखिल करने वाला है. चार्जशीट दाखिल करने से पहले इन 45 लोगों के खिलाफ विजिलेंस विभाग ने सरकार से अनुमति मांगी थी.
मायावती सरकार में स्मारक निर्माण के दौरान करीब 14 सौ 10 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ था. पूर्व लोकायुक्त जस्टिस एन.के. मेहरोत्रा की जांच में बड़ा खुलासा हुआ और 100 से अधिक लोगों को दोषी पाया गया था. इसके बाद उन्होंने जांच की सिफारिश राज्य सरकार से की थी.
इनके खिलाफ की जानी है चार्जशीट दाखिल
सूत्रों के अनुसार जिन लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की जानी है, उनमें खनिज विभाग के पूर्व निदेशक रामबोध मौर्य, राजकीय निर्माण निगम के तत्कालीन प्रबंध निदेशक सीपी सिंह, संयुक्त निदेशक खनिज सुहैल अहमद फारुकी के अलावा 42 अन्य अधिकारी और अभियंता शामिल हैं. यह सभी लोग लोकायुक्त की जांच में दोषी पाए गए थे और इनमें ज्यादातर लोग सेवानिवृत्त हो चुके हैं.
45 लोगों के खिलाफ दाखिल की जाएगी चार्जशीट
लोकायुक्त की रिपोर्ट के बाद सरकार ने शुरुआती जांच आर्थिक अपराध शाखा से कराई गई. उसके बाद इस पूरे मामले की जांच और कार्रवाई के लिए सतर्कता अधिष्ठान से कराने का फैसला किया गया, जिसके बाद अब यह जांच का प्रथम चरण पूरा हो गया और 45 लोगों के खिलाफ अदालत में जल्द ही चार्जशीट दाखिल की जाएगी. इस मामले में पत्थरों की खरीद में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया गया था और 1410 करोड़ की अनियमितता हुई थी.
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