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लखनऊ: स्मारक घोटाले में जल्द दाखिल होगी चार्जशीट, 45 लोग पाये गये दोषी

मायावती सरकार के कार्यकाल के दौरान हुए बहुचर्चित स्मारक घोटाले में विजिलेंस डिपार्टमेंट जल्द ही 45 लोगों के खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट दाखिल करने वाला है. पहले चरण की हुई जांच में 45 लोगों को दोषी पाया गया है और इनके खिलाफ मुकदमा चलाए जाने और दोषी मानते हुए चार्जशीट दाखिल की जाएगी.

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बहुचर्चित स्मारक घोटाला.
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Published : Dec 13, 2019, 8:22 PM IST

Updated : Dec 13, 2019, 11:18 PM IST

लखनऊ: मायावती सरकार में लखनऊ और नोएडा में हुए बहुचर्चित स्मारक घोटाला हुआ था. इस घोटाले में दागी अधिकारियों और इंजीनियरों के खिलाफ विजिलेंस डिपार्टमेंट जल्द ही चार्जशीट दाखिल करने वाला है. चार्जशीट दाखिल करने से पहले इन 45 लोगों के खिलाफ विजिलेंस विभाग ने सरकार से अनुमति मांगी थी.

बहुचर्चित स्मारक घोटाला.

मायावती सरकार में स्मारक निर्माण के दौरान करीब 14 सौ 10 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ था. पूर्व लोकायुक्त जस्टिस एन.के. मेहरोत्रा की जांच में बड़ा खुलासा हुआ और 100 से अधिक लोगों को दोषी पाया गया था. इसके बाद उन्होंने जांच की सिफारिश राज्य सरकार से की थी.

इनके खिलाफ की जानी है चार्जशीट दाखिल
सूत्रों के अनुसार जिन लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की जानी है, उनमें खनिज विभाग के पूर्व निदेशक रामबोध मौर्य, राजकीय निर्माण निगम के तत्कालीन प्रबंध निदेशक सीपी सिंह, संयुक्त निदेशक खनिज सुहैल अहमद फारुकी के अलावा 42 अन्य अधिकारी और अभियंता शामिल हैं. यह सभी लोग लोकायुक्त की जांच में दोषी पाए गए थे और इनमें ज्यादातर लोग सेवानिवृत्त हो चुके हैं.

45 लोगों के खिलाफ दाखिल की जाएगी चार्जशीट
लोकायुक्त की रिपोर्ट के बाद सरकार ने शुरुआती जांच आर्थिक अपराध शाखा से कराई गई. उसके बाद इस पूरे मामले की जांच और कार्रवाई के लिए सतर्कता अधिष्ठान से कराने का फैसला किया गया, जिसके बाद अब यह जांच का प्रथम चरण पूरा हो गया और 45 लोगों के खिलाफ अदालत में जल्द ही चार्जशीट दाखिल की जाएगी. इस मामले में पत्थरों की खरीद में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया गया था और 1410 करोड़ की अनियमितता हुई थी.

इसे भी पढ़ें:- पुनर्विचार याचिका की कोई जरूरत नहीं थी, सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही कर दिया था फैसला: इकबाल अंसारी

लखनऊ: मायावती सरकार में लखनऊ और नोएडा में हुए बहुचर्चित स्मारक घोटाला हुआ था. इस घोटाले में दागी अधिकारियों और इंजीनियरों के खिलाफ विजिलेंस डिपार्टमेंट जल्द ही चार्जशीट दाखिल करने वाला है. चार्जशीट दाखिल करने से पहले इन 45 लोगों के खिलाफ विजिलेंस विभाग ने सरकार से अनुमति मांगी थी.

बहुचर्चित स्मारक घोटाला.

मायावती सरकार में स्मारक निर्माण के दौरान करीब 14 सौ 10 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ था. पूर्व लोकायुक्त जस्टिस एन.के. मेहरोत्रा की जांच में बड़ा खुलासा हुआ और 100 से अधिक लोगों को दोषी पाया गया था. इसके बाद उन्होंने जांच की सिफारिश राज्य सरकार से की थी.

इनके खिलाफ की जानी है चार्जशीट दाखिल
सूत्रों के अनुसार जिन लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की जानी है, उनमें खनिज विभाग के पूर्व निदेशक रामबोध मौर्य, राजकीय निर्माण निगम के तत्कालीन प्रबंध निदेशक सीपी सिंह, संयुक्त निदेशक खनिज सुहैल अहमद फारुकी के अलावा 42 अन्य अधिकारी और अभियंता शामिल हैं. यह सभी लोग लोकायुक्त की जांच में दोषी पाए गए थे और इनमें ज्यादातर लोग सेवानिवृत्त हो चुके हैं.

45 लोगों के खिलाफ दाखिल की जाएगी चार्जशीट
लोकायुक्त की रिपोर्ट के बाद सरकार ने शुरुआती जांच आर्थिक अपराध शाखा से कराई गई. उसके बाद इस पूरे मामले की जांच और कार्रवाई के लिए सतर्कता अधिष्ठान से कराने का फैसला किया गया, जिसके बाद अब यह जांच का प्रथम चरण पूरा हो गया और 45 लोगों के खिलाफ अदालत में जल्द ही चार्जशीट दाखिल की जाएगी. इस मामले में पत्थरों की खरीद में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया गया था और 1410 करोड़ की अनियमितता हुई थी.

इसे भी पढ़ें:- पुनर्विचार याचिका की कोई जरूरत नहीं थी, सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही कर दिया था फैसला: इकबाल अंसारी

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लखनऊ। मायावती सरकार में हुए बहुचर्चित स्मारक घोटाले में विजिलेंस डिपार्टमेंट जल्द ही 45 लोगों के खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट दाखिल करने वाला है। ईटीवी भारत को सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सतर्कता डिपार्टमेंट की पहले चरण की हुई जांच में 45 लोगों को दोषी पाया गया है और इनके खिलाफ मुकदमा चलाए जाने और दोषी मानते हुए चार्जसीट दाखिल की जाएगी।।



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मायावती सरकार में लखनऊ व नोएडा में हुए बहुचर्चित स्मारक घोटाले में दागी अधिकारियों और इंजीनियरों के खिलाफ विजिलेंस डिपार्टमेंट जल्द ही चार्जशीट दाखिल करने वाला है चार्जशीट दाखिल करने से पहले इन 45 लोगों के खिलाफ विजिलेंस विभाग ने सरकार से अनुमति मांगी थी जो इन लोगों के खिलाफ चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की जाएगी मायावती सरकार में स्मारक निर्माण के कामकाज में करीब 14 सौ 10 करोड रुपए का घोटाला हुआ था। पूर्व लोकायुक्त जस्टिस एनके मेहरोत्रा की जांच में बड़ा खुलासा हुआ और 100 से अधिक लोगों को दोषी माना था जिसके बाद उन्होंने जांच की सिफारिश राज्य सरकार से की थी।
सूत्रों के अनुसार जिन लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की जानी है उनमें खनिज विभाग के पूर्व निदेशक रामबोध मौर्य, राजकीय निर्माण निगम के तत्कालीन प्रबंध निदेशक सीपी सिंह संयुक्त निदेशक खनिज सुहैल अहमद फारुकी के अलावा 42 अन्य अधिकारी व अभियंता शामिल है। यह सभी लोग लोकायुक्त की जांच में दोषी पाए गए थे और इनमें ज्यादातर लोग सेवानिवृत्त हो चुके हैं।
पूर्व लोकायुक्त जस्टिस एनके मेहरोत्रा ने अपनी जांच रिपोर्ट में इन सभी लोगों के खिलाफ विजिलेंस जांच की सिफारिश राज्य सरकार से की थी लोकायुक्त की रिपोर्ट के बाद सरकार ने शुरुआती जांच आर्थिक अपराध शाखा से कराई और फिर उसके बाद इस पूरे मामले की जांच और कार्यवाही के लिए सतर्कता अधिष्ठान से कराने का फैसला किया जिसके बाद अब यह जांच का प्रथम चरण पूरा हो गया और 45 लोगों के खिलाफ अदालत में जल्द ही चार्जशीट दाखिल की जाएगी।



Conclusion:सूत्रों के अनुसार जब लोकायुक्त जस्टिस एनके मेहरोत्रा ने अपनी जांच की तो तमाम तरह की अनियमितता सामने आई थी जिसके बाद इस पूरे मामले की जांच विजिलेंस से कराने और दोषियों को सजा दिलाने की बात कही गई थी यह बात सामने आई थी कि 1410 करोड़ की अनियमितता हुई है पत्थरों की खरीद में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया गया, जिसके बाद अब कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।



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धीरज त्रिपाठी 9453099555
Last Updated : Dec 13, 2019, 11:18 PM IST
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