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सिनेमा पर फिर लगा कोरोना का ग्रहण

उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के संक्रमण का असर सिनेमा जगत पर भी पड़ने लगा है. सिनेमाघरों में लगने वाली फिल्मों को देखने के लिए दर्शकों का अकाल पड़ गया है. गिने-चुने ही दर्शक सिनेमा देखने के लिए पहुंच रहे हैं.

सिनेमाघर.
सिनेमाघर.
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Published : Apr 11, 2021, 3:36 PM IST

Updated : Apr 11, 2021, 7:06 PM IST

लखनऊः एक बार फिर से कोरोना वायरस के संक्रमण ने प्रदेश के सभी जिलों को अपनी चपेट में ले लिया है. हर रोज संक्रमित मामलों के आंकड़ों में तेजी से इजाफा हो रहा है. इसका असर अब सिनेमा जगत पर भी पड़ने लगा है. सिनेमाघरों में लगने वाली फिल्मों को देखने के लिए दर्शकों का अकाल पड़ गया है. गिने-चुने ही दर्शक सिनेमा देखने के लिए पहुंच रहे हैं. वहीं, कोरोना का संक्रमण ज्यादा होने के कारण फिल्मों की रिलीज की डेट डाल दी गई हैं. जिससे प्रदेश में सिनेमा कारोबारियों को बड़ा झटका लगा है. साल 2020 सिनेमा के लिए बहुत ही खराब गुजरा लेकिन 2021 में कुछ उम्मीदें थी, जिस पर कोरोना ने फिर से ग्रहण लगा दिया है. पिछले 1 महीने में ही 500 करोड़ से ज्यादा का नुकसान सिनेमाघरों को उठाना पड़ा है.

लखनऊ.
थिएटर संचालकों की उम्मीदों पर फिरा पानी
बढ़ते हुए कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते उत्तर प्रदेश के सिनेमाघरों में सन्नाटा पसर ने लगा है. अप्रैल में आने वाली बड़ी फिल्में सूर्यवंशी और हाथी मेरी साथी से सिनेमा जगत को काफी उम्मीदें थी. लेकिन अब इन बड़ी फिल्मों की रिलीज डेट को टाल दिया गया है. क्योंकि मुंबई संक्रमण के बुरे दौर से गुजर रहा है. इससे राजधानी लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश के 258 सिनेमाघरों कि मालिकों को घाटे से उबरने की उम्मीद पर पानी फिर गया है.

घाटे से नहीं उबर सके सिनेमा कारोबारी
साल 2020 में कोरोना महामारी के चलते सभी उद्योग जगत से लेकर मनोरंजन जगत पर भी इसका बुरा असर देखने को मिला था और उत्तर प्रदेश में तो सिनेमा घर 15 अक्टूबर तक बंद रहे. लेकिन जब सिनेमा घर खुले तो शासन ने निर्धारित क्षमता के 50 फीसदी दर्शकों के के साथ खोलने की अनुमति दी. इसके बावजूद भी सिनेमाघरों में दर्शकों की संख्या कम पहुंची. इसके बाद दिसंबर में सरकार ने यह प्रतिबंध हटा दिया और सिनेमाघरों में सभी सीटों पर दर्शकों को बैठने के लिए अनुमति दे दी गई. इससे सिनेमा कारोबारियों को उम्मीद लगी कि अब वह घाटे से उबर सकेंगे. संक्रमण कम हुआ तो दर्शकों में भी विश्वास बढ़ने लगा और सिनेमाघरों में पहुंचने लगे थे. लेकिन फिर दूसरी लहर के संक्रमण ने सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया.

एक महीने में 500 करोड़ का नुकसान
यूपी सिनेमा एक्जीपीटर्स फेडरेशन के अध्यक्ष आशीष अग्रवाल बताते हैं कि 2020 में सिनेमा जगत को 15000 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ था. इस साल उम्मीद जताई जा रही थी की अब यह संकट दूर हो जाएगा तो सिनेमाघरों में रौनक देखने को मिलेगी, लेकिन फिर कोरोना की दूसरी लहर ने सब चौपट कर दिया. 1 महीने के दौरान 500 करोड़ से ज्यादा का नुकसान सिनेमाघरों को हो चुका है.


सिनेमाघरों को संक्रमण से मुक्त रखने की कवायद
राजधानी लखनऊ में आजादी के पहले खुले मशहूर सिनेमाघर नॉवल्टी के संचालक राजेश टंडन का कहना है कि वर्तमान में संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है. जिससे सिनेमाघरों में दर्शकों की संख्या 20 परसेंट पहुंच चुकी थी. लेकिन फिर यह घटकर 10 पर्सेंट तक रह गई है. इसके बावजूद अभी तक सरकार ने सिनेमाघरों के लिए कोई गाइडलाइन नहीं जारी की है. वह अपने सिनेमाघरों को संक्रमण से मुक्त रखने के लिए हर शो के बाद सैनिटाइज करते हैं. मास्क के साथ-साथ निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन करते हुए दर्शकों को आने की इजाजत दी जाती है. जिनके पास मास्क नहीं होता है उन्हें मास्क भी देते हैं.

यह भी पढ़ें-राजधानी में मिले 2200 नए कोरोना संक्रमित, इलाज के लिए मारामारी

यूपी में 258 सिंगल स्क्रीन और 78 मल्टीप्लेक्स
उत्तर प्रदेश में समय के अनुरूप सिनेमाघरों में भी बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है क्योंकि अब सिंगल स्क्रीन सिनेमा की संख्या में गिरावट आ रही है. मल्टीप्लेक्स की संख्या बढ़ती जा रही है.उत्तर प्रदेश में वर्तमान में 258 सिंगल स्क्रीन सिनेमा है और 78 मल्टीप्लेक्स संचालित हो रहे हैं.

लखनऊः एक बार फिर से कोरोना वायरस के संक्रमण ने प्रदेश के सभी जिलों को अपनी चपेट में ले लिया है. हर रोज संक्रमित मामलों के आंकड़ों में तेजी से इजाफा हो रहा है. इसका असर अब सिनेमा जगत पर भी पड़ने लगा है. सिनेमाघरों में लगने वाली फिल्मों को देखने के लिए दर्शकों का अकाल पड़ गया है. गिने-चुने ही दर्शक सिनेमा देखने के लिए पहुंच रहे हैं. वहीं, कोरोना का संक्रमण ज्यादा होने के कारण फिल्मों की रिलीज की डेट डाल दी गई हैं. जिससे प्रदेश में सिनेमा कारोबारियों को बड़ा झटका लगा है. साल 2020 सिनेमा के लिए बहुत ही खराब गुजरा लेकिन 2021 में कुछ उम्मीदें थी, जिस पर कोरोना ने फिर से ग्रहण लगा दिया है. पिछले 1 महीने में ही 500 करोड़ से ज्यादा का नुकसान सिनेमाघरों को उठाना पड़ा है.

लखनऊ.
थिएटर संचालकों की उम्मीदों पर फिरा पानी
बढ़ते हुए कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते उत्तर प्रदेश के सिनेमाघरों में सन्नाटा पसर ने लगा है. अप्रैल में आने वाली बड़ी फिल्में सूर्यवंशी और हाथी मेरी साथी से सिनेमा जगत को काफी उम्मीदें थी. लेकिन अब इन बड़ी फिल्मों की रिलीज डेट को टाल दिया गया है. क्योंकि मुंबई संक्रमण के बुरे दौर से गुजर रहा है. इससे राजधानी लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश के 258 सिनेमाघरों कि मालिकों को घाटे से उबरने की उम्मीद पर पानी फिर गया है.

घाटे से नहीं उबर सके सिनेमा कारोबारी
साल 2020 में कोरोना महामारी के चलते सभी उद्योग जगत से लेकर मनोरंजन जगत पर भी इसका बुरा असर देखने को मिला था और उत्तर प्रदेश में तो सिनेमा घर 15 अक्टूबर तक बंद रहे. लेकिन जब सिनेमा घर खुले तो शासन ने निर्धारित क्षमता के 50 फीसदी दर्शकों के के साथ खोलने की अनुमति दी. इसके बावजूद भी सिनेमाघरों में दर्शकों की संख्या कम पहुंची. इसके बाद दिसंबर में सरकार ने यह प्रतिबंध हटा दिया और सिनेमाघरों में सभी सीटों पर दर्शकों को बैठने के लिए अनुमति दे दी गई. इससे सिनेमा कारोबारियों को उम्मीद लगी कि अब वह घाटे से उबर सकेंगे. संक्रमण कम हुआ तो दर्शकों में भी विश्वास बढ़ने लगा और सिनेमाघरों में पहुंचने लगे थे. लेकिन फिर दूसरी लहर के संक्रमण ने सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया.

एक महीने में 500 करोड़ का नुकसान
यूपी सिनेमा एक्जीपीटर्स फेडरेशन के अध्यक्ष आशीष अग्रवाल बताते हैं कि 2020 में सिनेमा जगत को 15000 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ था. इस साल उम्मीद जताई जा रही थी की अब यह संकट दूर हो जाएगा तो सिनेमाघरों में रौनक देखने को मिलेगी, लेकिन फिर कोरोना की दूसरी लहर ने सब चौपट कर दिया. 1 महीने के दौरान 500 करोड़ से ज्यादा का नुकसान सिनेमाघरों को हो चुका है.


सिनेमाघरों को संक्रमण से मुक्त रखने की कवायद
राजधानी लखनऊ में आजादी के पहले खुले मशहूर सिनेमाघर नॉवल्टी के संचालक राजेश टंडन का कहना है कि वर्तमान में संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है. जिससे सिनेमाघरों में दर्शकों की संख्या 20 परसेंट पहुंच चुकी थी. लेकिन फिर यह घटकर 10 पर्सेंट तक रह गई है. इसके बावजूद अभी तक सरकार ने सिनेमाघरों के लिए कोई गाइडलाइन नहीं जारी की है. वह अपने सिनेमाघरों को संक्रमण से मुक्त रखने के लिए हर शो के बाद सैनिटाइज करते हैं. मास्क के साथ-साथ निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन करते हुए दर्शकों को आने की इजाजत दी जाती है. जिनके पास मास्क नहीं होता है उन्हें मास्क भी देते हैं.

यह भी पढ़ें-राजधानी में मिले 2200 नए कोरोना संक्रमित, इलाज के लिए मारामारी

यूपी में 258 सिंगल स्क्रीन और 78 मल्टीप्लेक्स
उत्तर प्रदेश में समय के अनुरूप सिनेमाघरों में भी बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है क्योंकि अब सिंगल स्क्रीन सिनेमा की संख्या में गिरावट आ रही है. मल्टीप्लेक्स की संख्या बढ़ती जा रही है.उत्तर प्रदेश में वर्तमान में 258 सिंगल स्क्रीन सिनेमा है और 78 मल्टीप्लेक्स संचालित हो रहे हैं.

Last Updated : Apr 11, 2021, 7:06 PM IST
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