लखनऊ: भाजपा विधायक संजय प्रताप जायसवाल पर दूसरी शादी का आरोप लगाने वाली पीड़िता 2 साल बाद अचानक कोर्ट पहुंच गई. अपने मुकदमे में फैसले की खबर पाकर वह अचानक एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश हरिवंश नारायण की अदालत में पहुंची. हालांकि पीठासीन अधिकारी के अवकाश पर होने के कारण वह वापस लौट गई. इस मामले में अगली सुनवाई 23 दिसंबर को होगी.
खास बात यह है कि करीब 2 वर्ष पूर्व इस मामले की पीड़िता से बचाव पक्ष की ओर से जिस दौरान जिरह चल रही थी, तभी वह अचानक गायब हो गई. उसके विरुद्ध तत्कालीन विशेष न्यायाधीश पवन कुमार राय ने उपस्थित होने के लिए अनेकों आदेश पारित किए लेकिन, पुलिस रिपोर्ट के अनुसार पीड़िता अपने पते पर नहीं रह रही थी और ना ही उसका कुछ पता चल रहा था. इसके उपरांत अदालत ने उसकी गवाही को समाप्त कर मुकदमे में अगली सुनवाई प्रारंभ कर दी थी. तत्कालीन न्यायाधीश पवन कुमार राय ने मामले की सुनवाई के बाद 4 दिसम्बर के लिए अपना निर्णय सुरक्षित कर लिया था. इसी बीच एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश के रूप में हरिबंश नारायण की नियुक्ति हो गई और उन्हीं के समक्ष इस मुकदमे की पत्रावली स्थानांतरित कर दी गई.
तब पीड़िता अचानक पवन कुमार राय की अदालत में पहुंची और उसने सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता एसएन राय को बताया कि मामले में निर्णय की खबर पाकर वह अदालत आई है. उल्लेखनीय है कि बस्ती से भाजपा विधायक संजय प्रताप जायसवाल के खिलाफ नौकरी का लालच देकर युवती का शोषण करने और दूसरी शादी करने के आरोप हैं. इस मामले की पीड़िता ने हजरतगंज थाने पर रिपोर्ट दर्ज कराई थी. जिसमें कहा गया है कि वह अक्टूबर 2012 में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए लखनऊ आई तभी चारबाग रेलवे स्टेशन के प्रतीक्षालय में संजय प्रताप जायसवाल, अमरजीत मिश्र और एक अन्य से मुलाकात हुई थी.