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ट्रैफिक नियम तोड़ने पर भी बच जा रहे नटवरलाल, आखिर कैसे?

लखनऊ में इन दिनों ट्रैफिक पुलिस के चालान से बचने के लिए नटवरलाल खास तरीका इस्तेमाल कर रहे हैं. इससे ये दूसरों के लिए परेशानी भी खड़ी कर रहे हैं. चलिए जानते हैं क्या है पूरा मामला.

ट्रैफिक नियम तोड़ने पर भी बच रहे है नटवरलाल.
ट्रैफिक नियम तोड़ने पर भी बच रहे है नटवरलाल.
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Published : May 2, 2022, 9:02 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी में इस वक़्त डीसीपी यातायात के कार्यालय में उन पीड़ितों की भीड़ है जो इस बात से परेशान है कि उनकी गाड़ी की नंबर प्लेट लगाकर लोग सड़कों पर फर्राटा भर रहे हैं और चालान उनके घर आ रहा है. इस बात को लेकर यातायात विभाग भी परेशान है और वाहन मालिक भी. दरअसल, लखनऊ में इस वक़्त ऐसे लोगों की भरमार है जो चालान से बचने के लिए दूसरी गाड़ी का नम्बर लगाकर घूम रहे हैं. अब ट्रैफिक विभाग ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्यवाई करने में जुटा हुआ है.

लखनऊ के केसरीखेड़ा निवासी संतोष अवस्थी के पास ऑटो है. संतोष का ऑटो गोमतीनगर इलाके में चलता है. उनका अन्य किसी क्षेत्र में जाना बड़ी मुश्किल से होता है लेकिन इसके बावजूद उनके पास एक के बाद एक चालान के मैसेज आ रहे थे, जो चारबाग इलाके में हुए थे. संतोष ने कुछ दिनों के लिए अपना ऑटो घर पर ही खड़ा कर दिया यह पता लगाने के लिए की आखिरकार उनका चालान हो कैसे रहा है. इसी बीच उनके ऑटो का एक और चालान हो गया. संतोष अवस्थी ने इस बात की शिकायत डीसीपी यातायात से की है.

ट्रैफिक नियम तोड़ने पर भी बच रहे है नटवरलाल.
पीड़ित संतोष की शिकायत पर यातायात पुलिस ने जांच की तो पाया कि संतोष अवस्थी के नम्बर का चोरी से दो अन्य ऑटो चालक इस्तेमाल कर रहे थे. इसी तरह 2 माह पहले ठाकुरगंज पुलिस ने सफिया नाम की एक लड़की को गिरफ्तार किया था. सफिया ने ट्रैफिक चालान से बचने के लिए अपनी स्कूटी में किसी दूसरी की गाड़ी का नम्बर लगा रखा था. ऐसे में जब भी उसके द्वारा नियम तोड़ा जाता ट्रैफिक पुलिस द्वारा चालान की ऑनलाइन रसीद असली नम्बर वाले वाहन स्वामी रविंद्र को भेज दी जाती थी. रविंद्र का इसी तरह एक लाख के ऊपर चालान हो चुका था. दरअसल, पिछले एक माह में करीब 10 ऐसी शिकायतें डीसीपी यातायात सुभाष चंद्र शाक्य के पास आ चुकी है जिनका आरोप रहता है कि उनकी गाड़ी का नंबर कोई अन्य लगाकर चल रहा है और उनका चालान हो रहा है. यातायात पुलिस ऐसे लोगों की जांच कर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर रही है. लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट की डीसीपी ट्रैफिक सुभाष चंद्र शाक्य बताते है कि हमारे पास ऐसे कई मामले थानों व आम लोगों के द्वारा संज्ञान में आये है, जिसमें लोग दूसरों की गाड़ी के नम्बर प्लेट लगाकर चलते है. शिकायत आने पर आईटीएमएस (Integrated Traffic Management System) के माध्यम से यह पता लगाते हैं कि दूसरे की नम्बर प्लेट लगाकर कौन सा वाहन चल रहा है. इसमें चौराहों पर खड़े ट्रैफिक सब इंस्पेक्टर भी ऐसे गाड़ियों का पता लगाने का प्रयास करते है. यही नही जांच करने के बाद ऐसे लोगों पर मुकदमा भी दर्ज किया जाता है. डीसीपी का कहना है कि जिस गाड़ी का नम्बर प्रयोग किया जाता है उनका चालान भी निरस्त कर दिया जाता है.डीसीपी यातायात कार्यालय में आ रही शिकायतों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि राजधानी की सड़कों में कई नटवरलाल हैं जो चालान से बचने या फिर आपसी रंजिश के चलते किसी अन्य की गाड़ी का नम्बर अपनी गाड़ी में लगा कर लाखों का चालान कराकर ट्रैफिक पुलिस को चूना लगा रहे हैं. अगर ऐसी ही समस्या किसी अन्य लखनऊ के वाहन चालकों व मालिकों को होती है तो इसके लिए आपको ई-चालान की कॉपी, सबूत व शिकायती पत्र @dcptrafficlko@gmail.com पर मेल कर सकते हैं. इस मामले को संज्ञान में लेते हुए कार्यवाई की जाएगी. ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी में इस वक़्त डीसीपी यातायात के कार्यालय में उन पीड़ितों की भीड़ है जो इस बात से परेशान है कि उनकी गाड़ी की नंबर प्लेट लगाकर लोग सड़कों पर फर्राटा भर रहे हैं और चालान उनके घर आ रहा है. इस बात को लेकर यातायात विभाग भी परेशान है और वाहन मालिक भी. दरअसल, लखनऊ में इस वक़्त ऐसे लोगों की भरमार है जो चालान से बचने के लिए दूसरी गाड़ी का नम्बर लगाकर घूम रहे हैं. अब ट्रैफिक विभाग ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्यवाई करने में जुटा हुआ है.

लखनऊ के केसरीखेड़ा निवासी संतोष अवस्थी के पास ऑटो है. संतोष का ऑटो गोमतीनगर इलाके में चलता है. उनका अन्य किसी क्षेत्र में जाना बड़ी मुश्किल से होता है लेकिन इसके बावजूद उनके पास एक के बाद एक चालान के मैसेज आ रहे थे, जो चारबाग इलाके में हुए थे. संतोष ने कुछ दिनों के लिए अपना ऑटो घर पर ही खड़ा कर दिया यह पता लगाने के लिए की आखिरकार उनका चालान हो कैसे रहा है. इसी बीच उनके ऑटो का एक और चालान हो गया. संतोष अवस्थी ने इस बात की शिकायत डीसीपी यातायात से की है.

ट्रैफिक नियम तोड़ने पर भी बच रहे है नटवरलाल.
पीड़ित संतोष की शिकायत पर यातायात पुलिस ने जांच की तो पाया कि संतोष अवस्थी के नम्बर का चोरी से दो अन्य ऑटो चालक इस्तेमाल कर रहे थे. इसी तरह 2 माह पहले ठाकुरगंज पुलिस ने सफिया नाम की एक लड़की को गिरफ्तार किया था. सफिया ने ट्रैफिक चालान से बचने के लिए अपनी स्कूटी में किसी दूसरी की गाड़ी का नम्बर लगा रखा था. ऐसे में जब भी उसके द्वारा नियम तोड़ा जाता ट्रैफिक पुलिस द्वारा चालान की ऑनलाइन रसीद असली नम्बर वाले वाहन स्वामी रविंद्र को भेज दी जाती थी. रविंद्र का इसी तरह एक लाख के ऊपर चालान हो चुका था. दरअसल, पिछले एक माह में करीब 10 ऐसी शिकायतें डीसीपी यातायात सुभाष चंद्र शाक्य के पास आ चुकी है जिनका आरोप रहता है कि उनकी गाड़ी का नंबर कोई अन्य लगाकर चल रहा है और उनका चालान हो रहा है. यातायात पुलिस ऐसे लोगों की जांच कर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर रही है. लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट की डीसीपी ट्रैफिक सुभाष चंद्र शाक्य बताते है कि हमारे पास ऐसे कई मामले थानों व आम लोगों के द्वारा संज्ञान में आये है, जिसमें लोग दूसरों की गाड़ी के नम्बर प्लेट लगाकर चलते है. शिकायत आने पर आईटीएमएस (Integrated Traffic Management System) के माध्यम से यह पता लगाते हैं कि दूसरे की नम्बर प्लेट लगाकर कौन सा वाहन चल रहा है. इसमें चौराहों पर खड़े ट्रैफिक सब इंस्पेक्टर भी ऐसे गाड़ियों का पता लगाने का प्रयास करते है. यही नही जांच करने के बाद ऐसे लोगों पर मुकदमा भी दर्ज किया जाता है. डीसीपी का कहना है कि जिस गाड़ी का नम्बर प्रयोग किया जाता है उनका चालान भी निरस्त कर दिया जाता है.डीसीपी यातायात कार्यालय में आ रही शिकायतों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि राजधानी की सड़कों में कई नटवरलाल हैं जो चालान से बचने या फिर आपसी रंजिश के चलते किसी अन्य की गाड़ी का नम्बर अपनी गाड़ी में लगा कर लाखों का चालान कराकर ट्रैफिक पुलिस को चूना लगा रहे हैं. अगर ऐसी ही समस्या किसी अन्य लखनऊ के वाहन चालकों व मालिकों को होती है तो इसके लिए आपको ई-चालान की कॉपी, सबूत व शिकायती पत्र @dcptrafficlko@gmail.com पर मेल कर सकते हैं. इस मामले को संज्ञान में लेते हुए कार्यवाई की जाएगी. ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप
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