लखनऊ: एक तरफ जहां देश व प्रदेश भर में प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है. वहीं अब उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग ने वाहनों के प्रदूषण जांच की फीस में भी बढ़ोतरी कर दी है. अब वाहन स्वामी जब अपने वाहन के प्रदूषण की जांच कराएंगे तो उन्हें अपनी जेब ज्यादा ढीली करनी पड़ेगी.
नए साल से प्रदूषण जांच की नई दरें भी लागू हो जाएंगी. दोपहिया से लेकर सभी तरह के वाहन स्वामियों को प्रदूषण जांच के लिए अब दो गुना पैसा चुकाना होगा. प्रदेश भर में ऐसे वाहनों की संख्या तीन करोड़ के आसपास है. लखनऊ में प्रदूषण जांच केंद्रों की संख्या 448 है, जबकि प्रदेश भर में 1,600 प्रदूषण जांच केंद्र हैं.
बढ़ता प्रदूषण अब वाहन स्वामियों की जेब हल्की करेगा. प्रदूषण को नियंत्रण में लाने के लिए परिवहन विभाग ने प्रदूषण जांच की फीस में बढ़ोतरी की है. हर छह माह और साल भर में वाहनों के प्रदूषण की जांच कराना महंगा हो जाएगा. परिवहन विभाग ने मार्च 2021 तक प्रदेश भर के हर थाना क्षेत्र में एक प्रदूषण केंद्र स्थापित करने का लक्ष्य रखा है, जिससे दो व चार पहिया गाड़ी मालिकों को प्रदूषण जांच कराने में समस्या न हो. ट्रांसपोर्ट कमिश्नर धीरज साहू ने बताया कि उत्तर प्रदेश ऑनलाइन मोटरयान प्रदूषण जांच केंद्र योजना 2020 के अंतर्गत जनपद के थाना स्तर पर प्रदूषण केंद्र खोलने की तैयारी है.
प्रदूषण जांच की नई दर
- दोपहिया वाहनों के लिए 50 रुपये.
- तीन व चार पहिया पेट्रोल, सीएनजी व एलपीजी के लिए 70 रुपये.
- सभी प्रकार के चार पहिया डीजल वाहनों के लिए 100 रुपये.
प्रदूषण जांच की वर्तमान दरें
- दोपहिया के लिए 30 रुपये.
- चार पहिया पेट्रोल के लिए 40 रुपये.
- चार पहिया डीजल के लिए 50 रुपये.