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Vegetables Price in Lucknow : टमाटर के बाद मिर्ची ने बिगाड़ा थाली का स्वाद, जानें क्या रहा बाजार भाव - लखनऊ में हरी मिर्च और टमाटर का रेट

भारत में मिर्च रसोई की मुख्य सब्जी मानी जाती है मसाले के तौर पर इसका इस्तेमाल किया जाता है बारिश आने के बाद हरी मिर्च की कीमतों में भारी उछाल आया गया है हरी मिर्च के दामों में आयी तेजी तीखा पसंद करने वालों के लिए राहत की खबर नही है इन दिनों टमाटर से महंगे दामों पर बाजारो में बिक रही है

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Published : Jul 6, 2023, 7:12 AM IST

लखनऊ : टमाटर के बाद अब हरी मिर्च ने रसोई के व्यंजनों का स्वाद बिगाड़ दिया है. जुलाई के पहले सप्ताह में हरी मिर्च के दाम 180 से 200 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गए हैं. जून के पहले सप्ताह में हरी मिर्च 40 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बिक रही थी, पर अब इसकी कीमतों में लगभग 70 फीसदी तक की बढ़ोतरी हो गई है. रसोई घर में इस्तेमाल होने वाली अन्य सब्जियों की तो ज्यादातर के दामों में भारी बढ़ोतरी हुई है.

सब्जियों का फुटकर भाव

  • हरी मिर्च -200 रुपये किलो
  • अदरक-240 रुपये किलो
  • फूल गोभी- 20 रुपये/प्रति पीस
  • टमाटर 150 रुपये किलो
  • पालक-30 रुपये किलो
  • गाजर-20 रुपये किलो
  • आलू -20रुपये किलो
  • कटहल - 20 रुपये किलो
  • लहसुन- 180 रुपये किलो
  • प्याज 22 रुपये किलो
  • नीबू -80 रुपये किलो
  • भिंडी-35 रुपये किलो
  • तोरई 40 रुपये किलो
  • कद्दू-25 रुपये किलो
  • लौकी- 40 रुपये किलो
  • सेम-40 रुपये किलो
  • परवल- 80 रुपये किलो
  • करेला-60 रुपये किलो
  • धनिया-200 रुपये किलो
  • शिमला मिर्च- 20 रुपये किलो
  • खीरा- 40 रुपये किलो
  • अरबी- 50 रुपये किलो
  • घुइयां- 25 रुपये किलो

लखनऊ की दुबग्गा मंडी में पिछले एक हफ्ते में हरी मिर्च की कीमतों में 70 फीसदी से अधिक बढ़ोतरी हुई है. दुबग्गा मंडी के व्यापारी और आढ़ती सालिक राम यादव का कहना है कि स्थानीय बाजारों में आपूर्ति में कमी आने के कारण हरी मिर्च अधिक महंगी हो गई है. मिर्च महंगी होने का सबसे बड़ा कारण बारिश है. जिसके चलते मंडियों में मिर्च की आपूर्ति नहीं हो पा रही है. फिलहाल कुछ दिनों तक लोगों को महंगाई से राहत नहीं मिलने वाली है. अभी सब्जियों के दामो में और तेजी आएगी. वहीं स्थानीय तौर पर उपजाई गई हरी मिर्च की बाजारों में आने की अभी देरी है. साथ ही मानसून के चलते हरी सब्जियों के दाम ने तेजी पकड़ ली है.

यह भी पढ़ें : मंत्री पंकज चौधरी ने केएमसी मेडिकल कॉलेज में जननी सुरक्षा योजना का किया शुभारंभ

लखनऊ : टमाटर के बाद अब हरी मिर्च ने रसोई के व्यंजनों का स्वाद बिगाड़ दिया है. जुलाई के पहले सप्ताह में हरी मिर्च के दाम 180 से 200 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गए हैं. जून के पहले सप्ताह में हरी मिर्च 40 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बिक रही थी, पर अब इसकी कीमतों में लगभग 70 फीसदी तक की बढ़ोतरी हो गई है. रसोई घर में इस्तेमाल होने वाली अन्य सब्जियों की तो ज्यादातर के दामों में भारी बढ़ोतरी हुई है.

सब्जियों का फुटकर भाव

  • हरी मिर्च -200 रुपये किलो
  • अदरक-240 रुपये किलो
  • फूल गोभी- 20 रुपये/प्रति पीस
  • टमाटर 150 रुपये किलो
  • पालक-30 रुपये किलो
  • गाजर-20 रुपये किलो
  • आलू -20रुपये किलो
  • कटहल - 20 रुपये किलो
  • लहसुन- 180 रुपये किलो
  • प्याज 22 रुपये किलो
  • नीबू -80 रुपये किलो
  • भिंडी-35 रुपये किलो
  • तोरई 40 रुपये किलो
  • कद्दू-25 रुपये किलो
  • लौकी- 40 रुपये किलो
  • सेम-40 रुपये किलो
  • परवल- 80 रुपये किलो
  • करेला-60 रुपये किलो
  • धनिया-200 रुपये किलो
  • शिमला मिर्च- 20 रुपये किलो
  • खीरा- 40 रुपये किलो
  • अरबी- 50 रुपये किलो
  • घुइयां- 25 रुपये किलो

लखनऊ की दुबग्गा मंडी में पिछले एक हफ्ते में हरी मिर्च की कीमतों में 70 फीसदी से अधिक बढ़ोतरी हुई है. दुबग्गा मंडी के व्यापारी और आढ़ती सालिक राम यादव का कहना है कि स्थानीय बाजारों में आपूर्ति में कमी आने के कारण हरी मिर्च अधिक महंगी हो गई है. मिर्च महंगी होने का सबसे बड़ा कारण बारिश है. जिसके चलते मंडियों में मिर्च की आपूर्ति नहीं हो पा रही है. फिलहाल कुछ दिनों तक लोगों को महंगाई से राहत नहीं मिलने वाली है. अभी सब्जियों के दामो में और तेजी आएगी. वहीं स्थानीय तौर पर उपजाई गई हरी मिर्च की बाजारों में आने की अभी देरी है. साथ ही मानसून के चलते हरी सब्जियों के दाम ने तेजी पकड़ ली है.

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