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Vegetable prices: ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के चलते गिरे सब्जियों के दाम, जानें क्या हैं भाव

शादियों में ज्यादा खपत होने वाली सब्जियों के दाम बढ़ रहे हैं, वहीं रोजमर्रा इस्तेमाल में आने वाली लगभग दर्जन भर सब्जियां के दाम नीचे आ गए हैं. मंडी में सब्जियों की खपत लगभग 30 परसेंट तक की गिरावट आई है.

Vegetable prices
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Published : Feb 10, 2023, 12:55 PM IST

लखनऊः इन दिनों शादी का मौसम चल रहा है, जिसको लेकर कुछ सब्जियां महंगे दामों पर बिक रही हैं. वहीं, दूसरी ओर रोजमर्रा इस्तेमाल में आने वाली लगभग दर्जन भर सब्जियां के दाम नीचे आ गए हैं. मण्डी में अचानक खपत कम होने को लेकर व्यापारियों व आढ़तियों का कहना है कि लखनऊ में 10 फरवरी से ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट और जी-20 सम्मेलन को लेकर शहर में कई कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है. जिसके चलते शहर भर में ठेलों पर सब्जियां बेचने वालों को हटा दिया गया है. इससे मंडी में सब्जियों की खपत लगभग 30 परसेंट तक गिर गई है. इसके सीधा असर किसानों की जेब पर पढ़ रहा है.

गौरतलब है कि खपत कम होने के कारण कम दामों पर सब्जियों को बेचना पड़ रहा है. जिससे किसानों की लागत निकलना भी मुश्किल हो रहा है. आइए जानते हैं 10 फरवरी शुक्रवार को मंडियों में सब्जियों के दामों किया है. शादियों में इस्तेमाल होने वाली कुछ सब्जियां जैसे तोराई, भिंडी, परवल, करेला औक अन्य सब्जियां महंगे दामों पर बिक रही हैं. मगर वहीं कद्दू, आलू, धनिया, गोभी, टमाटर, शिमला मिर्च, हरी मटर के दाम गिर गए है.

मण्डी में सब्जियों के भावः मटर 12 रुपये किलो, करेला 50 रुपये किलो, पालक 15 रुपये किलो, खीरा 12 रुपये किलो, भिंडी 55 रुपये किलो, गाजर 10 रुपये किलो, शिमला मिर्च 15 रुपये किलो, आलू (नया) 8 रुपये किलो, गोभी 8 रुपये पर पीस, टमाटर 5 रुपये किलो, मिर्ची 30 रुपये किलो, प्याज 15 रुपये किलो, लहसुन 60 रुपये किलो, बैंगन (भांटा) 12 रुपये किलो, पत्तागोभी 7 रुपये पर पीस, सेम 30 रुपये किलो, कद्दू 15 रुपये किलो, लौकी 20 रुपये किलो, परवल 80 रुपये किलो, नीबू 50 रुपये किलो और तरोई 50 रुपये किलो बिक रही है.

सब्जी मंडियों में गुरुवार का दिन किसानों के लिए निराशाजनक रहा. मंडी आढ़ती और व्यापारी शाहनवाज हुसैन ने बताया लखनऊ में इन्वेस्टर्स समिट जी-20 सम्मेलन कार्यक्रम को लेकर शहर भर में सब्जियों के ठेले लगाने से रोक लगा दी गई है. जिस कारण ठेलों पर सब्जी बेचने वाले दुकानदार मंडी नहीं आ रहे हैं और स्थानी किसान रोज की तरह अपनी सब्जियां मंडियो में लेकर आ रहे हैं खपत कम होने के कारण इन्हे सस्ते दामों पर सब्जियां बेची जा रही हैं. जब तक यह कार्यक्रम चलेगा मंडी में सब्जियों की खपत में कमी रहेगी. इस दौरान लगभग 30 प्रतिशत तक कि मंडियो में खपत कम हुई है.

ये भी पढ़ेंः GIS2023: यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट आज से, पीएम मोदी करेंगे उद्घाटन

लखनऊः इन दिनों शादी का मौसम चल रहा है, जिसको लेकर कुछ सब्जियां महंगे दामों पर बिक रही हैं. वहीं, दूसरी ओर रोजमर्रा इस्तेमाल में आने वाली लगभग दर्जन भर सब्जियां के दाम नीचे आ गए हैं. मण्डी में अचानक खपत कम होने को लेकर व्यापारियों व आढ़तियों का कहना है कि लखनऊ में 10 फरवरी से ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट और जी-20 सम्मेलन को लेकर शहर में कई कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है. जिसके चलते शहर भर में ठेलों पर सब्जियां बेचने वालों को हटा दिया गया है. इससे मंडी में सब्जियों की खपत लगभग 30 परसेंट तक गिर गई है. इसके सीधा असर किसानों की जेब पर पढ़ रहा है.

गौरतलब है कि खपत कम होने के कारण कम दामों पर सब्जियों को बेचना पड़ रहा है. जिससे किसानों की लागत निकलना भी मुश्किल हो रहा है. आइए जानते हैं 10 फरवरी शुक्रवार को मंडियों में सब्जियों के दामों किया है. शादियों में इस्तेमाल होने वाली कुछ सब्जियां जैसे तोराई, भिंडी, परवल, करेला औक अन्य सब्जियां महंगे दामों पर बिक रही हैं. मगर वहीं कद्दू, आलू, धनिया, गोभी, टमाटर, शिमला मिर्च, हरी मटर के दाम गिर गए है.

मण्डी में सब्जियों के भावः मटर 12 रुपये किलो, करेला 50 रुपये किलो, पालक 15 रुपये किलो, खीरा 12 रुपये किलो, भिंडी 55 रुपये किलो, गाजर 10 रुपये किलो, शिमला मिर्च 15 रुपये किलो, आलू (नया) 8 रुपये किलो, गोभी 8 रुपये पर पीस, टमाटर 5 रुपये किलो, मिर्ची 30 रुपये किलो, प्याज 15 रुपये किलो, लहसुन 60 रुपये किलो, बैंगन (भांटा) 12 रुपये किलो, पत्तागोभी 7 रुपये पर पीस, सेम 30 रुपये किलो, कद्दू 15 रुपये किलो, लौकी 20 रुपये किलो, परवल 80 रुपये किलो, नीबू 50 रुपये किलो और तरोई 50 रुपये किलो बिक रही है.

सब्जी मंडियों में गुरुवार का दिन किसानों के लिए निराशाजनक रहा. मंडी आढ़ती और व्यापारी शाहनवाज हुसैन ने बताया लखनऊ में इन्वेस्टर्स समिट जी-20 सम्मेलन कार्यक्रम को लेकर शहर भर में सब्जियों के ठेले लगाने से रोक लगा दी गई है. जिस कारण ठेलों पर सब्जी बेचने वाले दुकानदार मंडी नहीं आ रहे हैं और स्थानी किसान रोज की तरह अपनी सब्जियां मंडियो में लेकर आ रहे हैं खपत कम होने के कारण इन्हे सस्ते दामों पर सब्जियां बेची जा रही हैं. जब तक यह कार्यक्रम चलेगा मंडी में सब्जियों की खपत में कमी रहेगी. इस दौरान लगभग 30 प्रतिशत तक कि मंडियो में खपत कम हुई है.

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