लखनऊ : प्रदेश में सब्जियों के दाम स्थिर न रहकर उनके दामों में लगातार उतार चढ़ाव आ रहा है. मंडियों के दुकानदारों के मुताबिक, दामों के बढ़ने और घटने की मुख्य वजह से सब्जियों की स्थानीय मंडियों से आवक होने से दामों पर फर्क पड़ रहा है. जब सब्जियो की स्थानीय मंडियो से आवक बढ़ती है तो दाम घट जाते हैं और जब आवक कम हो जाती है तो दाम बढ़ने लगते हैं. बात करें अगर तोरई, भिंडी की तो बीते माह में महंगे दामों में बिकने के बाद थोड़ी राहत मिली, उसके बाद फिर से दाम बढ़ गए हैं. अभी पिछले हफ्ते 30 रुपये में भिंडी बिक रही थी, लेकिन अचानक फिर से दाम बढ़ गए. सब्जियों की स्थानीय आवक कम हुई तो दाम बढ़ गए. बात करें लौकी, गोभी, आलू, प्याज इन सभी के दाम कुछ दिन पहले बढ़े हुए थे. जैसे ही इनकी स्थानीय मंडियों से आवक हुई, इनके दामों में कमी आ गई.
दुकानदारों के मुताबिक, इसका पहला बड़ा कारण डीजल के दामों में इजाफे के कारण देखने को मिल रहा है. डीजल के दाम बढ़ने से ट्रांसपोर्ट का खर्चा बढ़ जाता है और बाहर से आने वाली सब्जियों के दाम बढ़ जाते हैं. इसके साथ ही बारिश भी एक कारण है, जिसके कारण सब्जियों के दाम बढ़ गए हैं. बारिश के कारण सब्जियों को नुकसान पहुंचा था, जिसके चलते भी दामों में इजाफा हुआ है. आइए जानते हैं किन दामों पर सब्जियां बिकी हैं.
फुटकर दाम
प्याज - 25 रुपये किलो
टमाटर - 60 रुपये किलो
आलू - 20 रुपये किलो
नींबू - 80 रुपये किलो
तोरई - 30 रुपये किलो
लहसुन - 220 रुपये किलो
करेला - 60 रुपये किलो
परवल - 100 रुपये किलो
कटहल - 20 रुपये किलो
सेम - 40 रुपये किलो
कद्दू - 30 रुपये किलो
लौकी - 20 रुपये किलो
पालक - 30 रुपये किलो
भिंडी - 40 रुपये किलो
मिर्च - 120 रुपये किलो
गोभी - 25 रुपये पर पीस
गाजर - 60 रुपये किलो