लखनऊ : बारिश का मौसम जा चुका है. तेज धूप के साथ मौसम सुहावना हो रहा है. इन दिनों टमाटर, लौकी, कद्दू, बैंगन, पालक व भिंडी समेत कई सब्जियों के तेवर कम हो गए हैं. साथ ही बाजार में इनकी मांग भी बढ़ गई है. वहीं परवल, तोरई, लहसुन की मांग मंडियों में कम हो गई है. लोग जरूरत के मुताबिक ही इन चीजों की खरीदारी कर रहे हैं.
आमतौर पर बारिश के अंत के मौसम में हरी सब्जियां 30-35 रुपये किलो के भाव से बिकती हैं. हालांकि इस बार सब्जियां 15- 20 रुपये किलो के दाम पर मंडियों में बिक रही हैं. वही कुछ सब्जियां जिनकी आवक कम है और मंडियों तक नहीं पहुच पा रही हैं उनके दामों में तेजी बनी हुई है. आढ़ती हिमांशु निगम के अनुसार सस्ती बिक रही साब्जियों के दाम कम होने का कारण स्थानीयों साब्जियों की भरपूर आवक है. इससे दामों में कमी आई है. सब्जियां मंडियों में आम आदमी के बजट के मुताबिक बिक रही हैं. हालांकि दाम कम होने से मंडी में सब्जी ला रहे किसानों की लागत नहीं निकल पा रही है. किसानों का कहना है कि पिछले हफ्ते बारिश से सब्जियां खराब हो गई थीं. जिससे लागत अधिक लग गई और अब लागत निकलना भी मुश्किल हो रहा है.
बाजार भाव : शिमला मिर्च 70 रुपये किलो, आलू 25 रुपये किलो, गोभी 25 रुपये पर पीस, टमाटर 25 रुपये किलो, मिर्च 80 रुपये किलो, प्याज 25 रुपये किलो, लहसुन 160 रुपये किलो, बैंगन (भंटा) 30 रुपये किलो, पत्तागोभी 15 रुपये किलो सेम 50 रुपये किलो, कद्दू 30 रुपये किलो, लौकी 30 रुपये किलो, परवल 60 रुपये किलो और नींबू 80 रुपये किलो,करेला 50 रुपये किलो, पालक 30 रुपये किलो, खीरा 40 रुपये किलो, भिंडी 40 रुपये किलो, गाजर 60 रुपये किलो तोरई 50 रुपये किलो है.
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