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लखनऊ: नवरात्रि के मौके पर सजती है मां वैष्णो देवी की गुफा, श्रद्धालुओं की लगती हैं कतारें

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Published : Oct 1, 2019, 8:23 PM IST

उत्तर प्रदेश के लखनऊ में श्री ओंकारेश्वर महादेव मंदिर में शरद नवरात्रि के मौके पर पिछले 27 वर्षों से मां वैष्णो देवी की गुफा सजाई जाती है. यहां शारदीय नवरात्रि पर 9 दिन रोजाना हजारों श्रद्धालुओं की मां वैष्णो की पिंडी दर्शन के लिए लंबी कतारें लगती हैं.

नवरात्रि के मौके पर सजती है मां वैष्णो देवी की गुफा.

लखनऊ: नवरात्रि के मौके पर पूरे देश में मंदिरों और घरों में माता के जयकारे गूंज रहे हैं. वहीं राजधानी के राजाजीपुरम स्थित मीना बेकरी चौराहे पर पिछले ढाई दशक से श्रद्धालु भगवान गणेश के दर्शन करने के बाद चरण पादुका, बाणगंगा, अर्ध कुमारी, हाथी मत्था होते हुए माता वैष्णो के दर्शन करते हैं.

नवरात्रि के मौके पर सजती है मां वैष्णो देवी की गुफा.

32 स्क्वायर फीट में होता है आयोजन
श्री ओंकारेश्वर महादेव मंदिर में शरद नवरात्रि के मौके पर पिछले 27 वर्षों से मां वैष्णो देवी की गुफा सजाई जा रही है. ओंकारेश्वर नवयुवक सेवा समिति की ओर से करीब 32 स्क्वायर फीट में इसका आयोजन को किया जाता है. शारदीय नवरात्रि पर 9 दिन रोजाना हजारों श्रद्धालुओं की मां वैष्णो की पिंडी दर्शन के लिए लंबी कतारें लगती हैं. इस बार भी शरदीय नवरात्रि पर वैष्णो देवी का भव्य दरबार चंद्रयान-2 की थीम पर तैयार किया गया है.

इस बार माता वैष्णो के दर्शन के लिए 100 फीट की गुफा बनाई गई है. वहीं झांकी पर 27 फीट की ऊंचाई पर महाकाल की स्थापना को लेकर आयोजक काफी उत्साहित हैं. समिति के कोषाध्यक्ष अखिलेश त्रिवेदी का कहना है कि इस आयोजन की शुरुआत 1992 से की जा रही है. हम लोग माता वैष्णो देवी के दर्शन को गए थे, उसके बाद से सोचा कि ओंकारेश्वर मंदिर में भी माता रानी की स्थापना की जाए.

उनका कहना है कि इसी तरह से 27 सालों से हम लोग माता की झांकी सजाते हैं. झांकी के दर्शन रोजाना शाम 5 बजे से रात्रि 11 बजे तक कराए जाते हैं. रोजाना माता का पुष्पों से भविष्य अंगार होता है और दशहरा मेला के दिन रावण का 40 फीट और मेघनाथ का 35 फीट का पुतला दहन किया जाता है.

लखनऊ: नवरात्रि के मौके पर पूरे देश में मंदिरों और घरों में माता के जयकारे गूंज रहे हैं. वहीं राजधानी के राजाजीपुरम स्थित मीना बेकरी चौराहे पर पिछले ढाई दशक से श्रद्धालु भगवान गणेश के दर्शन करने के बाद चरण पादुका, बाणगंगा, अर्ध कुमारी, हाथी मत्था होते हुए माता वैष्णो के दर्शन करते हैं.

नवरात्रि के मौके पर सजती है मां वैष्णो देवी की गुफा.

32 स्क्वायर फीट में होता है आयोजन
श्री ओंकारेश्वर महादेव मंदिर में शरद नवरात्रि के मौके पर पिछले 27 वर्षों से मां वैष्णो देवी की गुफा सजाई जा रही है. ओंकारेश्वर नवयुवक सेवा समिति की ओर से करीब 32 स्क्वायर फीट में इसका आयोजन को किया जाता है. शारदीय नवरात्रि पर 9 दिन रोजाना हजारों श्रद्धालुओं की मां वैष्णो की पिंडी दर्शन के लिए लंबी कतारें लगती हैं. इस बार भी शरदीय नवरात्रि पर वैष्णो देवी का भव्य दरबार चंद्रयान-2 की थीम पर तैयार किया गया है.

इस बार माता वैष्णो के दर्शन के लिए 100 फीट की गुफा बनाई गई है. वहीं झांकी पर 27 फीट की ऊंचाई पर महाकाल की स्थापना को लेकर आयोजक काफी उत्साहित हैं. समिति के कोषाध्यक्ष अखिलेश त्रिवेदी का कहना है कि इस आयोजन की शुरुआत 1992 से की जा रही है. हम लोग माता वैष्णो देवी के दर्शन को गए थे, उसके बाद से सोचा कि ओंकारेश्वर मंदिर में भी माता रानी की स्थापना की जाए.

उनका कहना है कि इसी तरह से 27 सालों से हम लोग माता की झांकी सजाते हैं. झांकी के दर्शन रोजाना शाम 5 बजे से रात्रि 11 बजे तक कराए जाते हैं. रोजाना माता का पुष्पों से भविष्य अंगार होता है और दशहरा मेला के दिन रावण का 40 फीट और मेघनाथ का 35 फीट का पुतला दहन किया जाता है.

Intro:पिछले ढाई दशक से भक्त यहां भी करते हैं बाणगंगा, चरण पादुका, अर्धकुमारी व मां वैष्णो देवी के दर्शन

लखनऊ। नवरात्रि के मौके पर पूरे देश में मंदिरों व घरों में माता के जयकारे गूंज रहे हैं। वहीं राजधानी के राजाजीपुरम स्थित मीना बेकरी चौराहे पर पिछले ढाई दशक से श्रद्धालु भगवान गणेश के दर्शन करने के बाद चरण पादुका, बाणगंगा, अर्ध कुमारी, हाथी मत्था होते हुए माता वैष्णो के दर्शन करते हैं। श्री ओंकारेश्वर महादेव मंदिर पर शरद नवरात्रि में पिछले 27 वर्षों से मां वैष्णो देवी की गुफा सजाई जा रही है। ओंकारेश्वर नवयुवक सेवा समिति की ओर से करीब 32 स्क्वायर फीट में इस आयोजन को किया जाता है।


Body:शरदीय नवरात्रि पर 9 दिन रोजाना हजारों श्रद्धालुओं की मां वैष्णो की पिंडी दर्शन को लंबी कतारें लगती हैं। इस बार भी वैष्णो देवी का भव्य दरबार chandrayaan-2 की थीम पर तैयार किया गया है। इस बार माता वैष्णो के दर्शन के लिए 100 फीट की गुफा बनाई गई है। वही झांकी पर 27 फीट की ऊंचाई पर महाकाल की स्थापना को लेकर आयोजक काफी उत्साहित हैं।

बाइट वन- अखिलेश त्रिवेदी, समिति के कोषाध्यक्ष

इसकी शुरुआत 1992 से की गई थी। हम लोग माता वैष्णो देवी के दर्शन को गए थे। उसके बाद सोचा कि ओंकारेश्वर मंदिर में भी माता रानी की स्थापना की जाए। इसी तरह से 27 सालों से हम लोग माता की झांकी सजाते हैं। झांकी के दर्शन रोजाना शाम 5:00 बजे से रात्रि 11:00 बजे तक कराए जाते हैं। रोजाना माता का पुष्पों से भविष्य अंगार होता है और दशहरा मेला के दिन रावण का 40 फीट मेघनाथ का 35 फीट का पुतला दहन किया जाता है।




Conclusion:राहुल श्रीवास्तव, लखनऊ
8318787082
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