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आय से अधिक संपत्ति मामला: IAS रामविलास यादव के ठिकानों पर उत्तराखंड विजिलेंस की छापेमारी

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Published : Jun 11, 2022, 10:49 PM IST

आईएएस अधिकारी रामविलास यादव (IAS officer ramvilas yadav) अब उत्तराखंड विजिलेंस के रडार पर आ गए हैं. आय से अधिक मामले में उत्तराखंड विजिलेंस लगातार उनके ठिकानों पर झापेमारी कर रही है.आज उत्तराखंड विजिलेंस (Uttarakhand Vigilance Team raid) की तरफ से रामविलास यादव और उनके करीबियों से जुड़े सात ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की जा रही है.

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IAS रामविलास यादव

देहरादून: आय से अधिक मामले में धीरे आईएएस अधिकारी रामविलास यादव (IAS officer ramvilas yadav) अब उत्तराखंड विजिलेंस के रडार पर आ गए हैं. विजिलेंस की तरफ से मुकदमा दर्ज करने के बाद आज आईएएस रामविलास यादव के कई ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की खबर है. छापेमारी देहरादून से लेकर लखनऊ तक की जा रही है. देहरादून में डीएसपी अनुषा के नेतृत्व में मामले में कार्रवाई चल रही है. वहीं लखनऊ में यादव के घर एएसपी रेनू लोहनी की टीम पहुंची है. जबकि गोरखपुर में विजिलेंस के डीएसपी अनिल मनराल कार्रवाई कर रहे हैं.

बीते 19 अप्रैल को आईएएस रामविलास के खिलाफ विजिलेंस ने मुकदमा दर्ज किया था. आईएएस रामविलास पर लखनऊ और देहरादून में आय से अधिक संपत्ति बनाने के मामले में जांच चल रही है. रामविलास यादव लखनऊ विकास प्राधिकरण के सचिव रह चुके हैं. उत्तर प्रदेश की सपा सरकार में कई कद्दावर नेताओं के करीबी रह चुके आईएएस रामविलास यादव उत्तराखंड में समाज कल्याण विभाग के अपर सचिव थे. उन पर कई घोटालों के आरोप भी लग चुके हैं.

आय से अधिक संपत्ति के मामले में रामविलास यादव उत्तर प्रदेश से लेकर उत्तराखंड सरकार के निशाने पर है. उत्तर प्रदेश की जांच एजेंसियां पहले ही तमाम मामलों को लेकर उनकी जांच कर रही है, जबकि अब उत्तराखंड विजिलेंस (Uttarakhand Vigilance Team Jhapemari) ने भी अपनी कार्रवाई तेज कर दी है. इसी कड़ी में उत्तराखंड विजिलेंस (Uttarakhand Vigilance Team raid) की तरफ से रामविलास यादव और उनके करीबियों से जुड़े सात ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की जा रही है.

पढ़ें- 28 लाख राज्य कर्मचारियों का बढ़ेगा महंगाई भत्ता, योगी सरकार का बड़ा ऐलान

बता दें कि 19 अप्रैल को उत्तराखंड विजिलेंस की तरफ से इस मामले में मुकदमा दर्ज किया गया था शासन की अनुमति के बाद मुकदमा दर्ज होते ही विजिलेंस ने अपनी कार्रवाई शुरू की थी. बताया जा रहा है कि रामविलास यादव पर अपनी आय से 500% तक अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप है, आईएएस रामविलास यादव यूं तो उत्तर प्रदेश में ही तैनात थे और 2019 में वह उत्तर प्रदेश से उत्तराखंड आ गए थे. उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उत्तराखंड को आईएएस रामविलास यादव से जुड़े कुछ दस्तावेज भेजे गए थे.

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इसके बाद उत्तराखंड शासन भी इन मामलों को लेकर सक्रिय हो गया था. आईएएस रामविलास यादव 30 जून को सेवानिवृत्त होने वाले हैं. खबर है कि रामविलास यादव इन कार्रवाई से पहले ही छुट्टी पर चले गए हैं. जांच के दौरान जानकारी आई थी कि विजिलेंस द्वारा आईएएस अधिकारी को पूछताछ के लिए बुलाए जाने पर आईएएस रामविलास यादव विजिलेंस के सम्मुख प्रस्तुत नहीं हो रहे थे. यही नहीं आईएएस रामविलास यादव पर जांच से जुड़े अधिकारियों को गुमराह करने का भी आरोप लगा है.

फिलहाल आईएएस रामविलास यादव और उनके करीबियों से जुड़े ठिकानों पर कार्रवाई करते हुए छापेमारी की जा रही है. बताया जा रहा है कि इसके लिए विजिलेंस में अलग-अलग कई टीमें बनाई है. बताया जा रहा है कि एक सीओ स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में टीम छापेमारी कर रही है.

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देहरादून: आय से अधिक मामले में धीरे आईएएस अधिकारी रामविलास यादव (IAS officer ramvilas yadav) अब उत्तराखंड विजिलेंस के रडार पर आ गए हैं. विजिलेंस की तरफ से मुकदमा दर्ज करने के बाद आज आईएएस रामविलास यादव के कई ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की खबर है. छापेमारी देहरादून से लेकर लखनऊ तक की जा रही है. देहरादून में डीएसपी अनुषा के नेतृत्व में मामले में कार्रवाई चल रही है. वहीं लखनऊ में यादव के घर एएसपी रेनू लोहनी की टीम पहुंची है. जबकि गोरखपुर में विजिलेंस के डीएसपी अनिल मनराल कार्रवाई कर रहे हैं.

बीते 19 अप्रैल को आईएएस रामविलास के खिलाफ विजिलेंस ने मुकदमा दर्ज किया था. आईएएस रामविलास पर लखनऊ और देहरादून में आय से अधिक संपत्ति बनाने के मामले में जांच चल रही है. रामविलास यादव लखनऊ विकास प्राधिकरण के सचिव रह चुके हैं. उत्तर प्रदेश की सपा सरकार में कई कद्दावर नेताओं के करीबी रह चुके आईएएस रामविलास यादव उत्तराखंड में समाज कल्याण विभाग के अपर सचिव थे. उन पर कई घोटालों के आरोप भी लग चुके हैं.

आय से अधिक संपत्ति के मामले में रामविलास यादव उत्तर प्रदेश से लेकर उत्तराखंड सरकार के निशाने पर है. उत्तर प्रदेश की जांच एजेंसियां पहले ही तमाम मामलों को लेकर उनकी जांच कर रही है, जबकि अब उत्तराखंड विजिलेंस (Uttarakhand Vigilance Team Jhapemari) ने भी अपनी कार्रवाई तेज कर दी है. इसी कड़ी में उत्तराखंड विजिलेंस (Uttarakhand Vigilance Team raid) की तरफ से रामविलास यादव और उनके करीबियों से जुड़े सात ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की जा रही है.

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बता दें कि 19 अप्रैल को उत्तराखंड विजिलेंस की तरफ से इस मामले में मुकदमा दर्ज किया गया था शासन की अनुमति के बाद मुकदमा दर्ज होते ही विजिलेंस ने अपनी कार्रवाई शुरू की थी. बताया जा रहा है कि रामविलास यादव पर अपनी आय से 500% तक अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप है, आईएएस रामविलास यादव यूं तो उत्तर प्रदेश में ही तैनात थे और 2019 में वह उत्तर प्रदेश से उत्तराखंड आ गए थे. उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उत्तराखंड को आईएएस रामविलास यादव से जुड़े कुछ दस्तावेज भेजे गए थे.

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इसके बाद उत्तराखंड शासन भी इन मामलों को लेकर सक्रिय हो गया था. आईएएस रामविलास यादव 30 जून को सेवानिवृत्त होने वाले हैं. खबर है कि रामविलास यादव इन कार्रवाई से पहले ही छुट्टी पर चले गए हैं. जांच के दौरान जानकारी आई थी कि विजिलेंस द्वारा आईएएस अधिकारी को पूछताछ के लिए बुलाए जाने पर आईएएस रामविलास यादव विजिलेंस के सम्मुख प्रस्तुत नहीं हो रहे थे. यही नहीं आईएएस रामविलास यादव पर जांच से जुड़े अधिकारियों को गुमराह करने का भी आरोप लगा है.

फिलहाल आईएएस रामविलास यादव और उनके करीबियों से जुड़े ठिकानों पर कार्रवाई करते हुए छापेमारी की जा रही है. बताया जा रहा है कि इसके लिए विजिलेंस में अलग-अलग कई टीमें बनाई है. बताया जा रहा है कि एक सीओ स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में टीम छापेमारी कर रही है.

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