ETV Bharat / state

सही पोषण और दवा से टीबी मुक्त होगा उत्तर प्रदेश

पूरे देश में टीबी जैसी जानलेवा बीमारी को समूल नष्ट करने के लिए सरकार ने गम्भीर कदम उठाए हैं. इसके लिए टीबी रोगियों की पहचान कर जल्द ही इलाज प्रारम्भ करना आवश्यक है, ताकि वह अन्य स्वस्थ लोगों को संक्रमित न कर सकें.

author img

By

Published : Nov 6, 2020, 12:17 PM IST

उत्तर प्रदेश सरकार.
उत्तर प्रदेश सरकार.

लखनऊ: पूरे देश में टीबी जैसी जानलेवा बीमारी को एक बार फिर सिर उठाता देख प्रदेश सरकार ने इसको समूल नष्ट करने के लिए गम्भीर कदम उठाया है. टीबी एक संक्रामक बीमारी है, जो एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे में फैल सकती है. ऐसे में टीबी रोगी की पहचान कर जल्द ही इलाज प्रारम्भ करना आवश्यक है. साथ ही इसके रोगी की जल्द पहचान इसलिए भी आवश्यक है, जिसमें जाने-अनजाने वह अन्य स्वस्थ लोगों को संक्रमित न कर सके.


टीबी की जांच में आई गति
प्रदेश सरकार टीबी रोगियों की शीघ्र जांच, उचित पोषण और दवा की उपलब्धता की दिशा में तेजी से लगी हुई है. इस कड़ी में प्रदेश में 145 सीबी नाट मशीन स्थापित है, जिससे गुणवत्तापूर्ण जांच में तेजी आई है. भारत सरकार द्वारा भी प्रदेश को निकट भविष्य में 458 ट्रू नाट मशीन और 41 डिजिटल एक्स-रे मशीन उपलब्ध करायी जायेंगी. इससे जांच में तेजी आएगी. टीबी रोगियों की जांच रिपोर्ट जल्द प्राप्त हो सके और शीघ्र इलाज प्रारम्भ हो सके, इस सुविधा के दृष्टिगत प्रदेश सरकार ने पहली मई, 2020 से प्रदेश के सभी जिलों में सैम्पल को माइक्रोस्कोपिक सेंटर से जिला मुख्यालय और कल्चर और ड्रग सेन्सटिविटी के लिए प्रयोगशाला तक पहुंचाने के लिए डाक विभाग से करार किया. टीबी के प्रदेश से समूल उन्मूलन के लिए प्रदेश सरकार ने शिक्षा, पंचायतीराज और अन्य विभागों के साथ समन्वय बनाकर सहभागिता पर जोर दिया है.

नए लैब हुए स्थापित
मल्टी ड्रग रेजिस्टेंस (एमडीआर) क्षय रोगियों की मुफ्त जांच के लिए कल्चर एंड डीएमटी लैब प्रयागराज, इटावा, झांसी और कानपुर नगर में भी स्थापित की जा रही है, ताकि मरीजों की जांच घर के नजदीक मुफ्त हो सके. प्रदेश के 22 नोडल डीआरटीबी केन्द्रों पर बेडाकुलीन दवा की उपलब्धता सुनिश्चित कराते हुए एमडीआर मरीजों का उपचार किया जा रहा है.

लखनऊ: पूरे देश में टीबी जैसी जानलेवा बीमारी को एक बार फिर सिर उठाता देख प्रदेश सरकार ने इसको समूल नष्ट करने के लिए गम्भीर कदम उठाया है. टीबी एक संक्रामक बीमारी है, जो एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे में फैल सकती है. ऐसे में टीबी रोगी की पहचान कर जल्द ही इलाज प्रारम्भ करना आवश्यक है. साथ ही इसके रोगी की जल्द पहचान इसलिए भी आवश्यक है, जिसमें जाने-अनजाने वह अन्य स्वस्थ लोगों को संक्रमित न कर सके.


टीबी की जांच में आई गति
प्रदेश सरकार टीबी रोगियों की शीघ्र जांच, उचित पोषण और दवा की उपलब्धता की दिशा में तेजी से लगी हुई है. इस कड़ी में प्रदेश में 145 सीबी नाट मशीन स्थापित है, जिससे गुणवत्तापूर्ण जांच में तेजी आई है. भारत सरकार द्वारा भी प्रदेश को निकट भविष्य में 458 ट्रू नाट मशीन और 41 डिजिटल एक्स-रे मशीन उपलब्ध करायी जायेंगी. इससे जांच में तेजी आएगी. टीबी रोगियों की जांच रिपोर्ट जल्द प्राप्त हो सके और शीघ्र इलाज प्रारम्भ हो सके, इस सुविधा के दृष्टिगत प्रदेश सरकार ने पहली मई, 2020 से प्रदेश के सभी जिलों में सैम्पल को माइक्रोस्कोपिक सेंटर से जिला मुख्यालय और कल्चर और ड्रग सेन्सटिविटी के लिए प्रयोगशाला तक पहुंचाने के लिए डाक विभाग से करार किया. टीबी के प्रदेश से समूल उन्मूलन के लिए प्रदेश सरकार ने शिक्षा, पंचायतीराज और अन्य विभागों के साथ समन्वय बनाकर सहभागिता पर जोर दिया है.

नए लैब हुए स्थापित
मल्टी ड्रग रेजिस्टेंस (एमडीआर) क्षय रोगियों की मुफ्त जांच के लिए कल्चर एंड डीएमटी लैब प्रयागराज, इटावा, झांसी और कानपुर नगर में भी स्थापित की जा रही है, ताकि मरीजों की जांच घर के नजदीक मुफ्त हो सके. प्रदेश के 22 नोडल डीआरटीबी केन्द्रों पर बेडाकुलीन दवा की उपलब्धता सुनिश्चित कराते हुए एमडीआर मरीजों का उपचार किया जा रहा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.