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देश के पर्यटन नक्शे पर तेजी से उभर रहा उत्तर प्रदेश, जानिए किन क्षेत्रों की बदल रही सूरत - Analysis of UP Bureau Chief

उत्तर प्रदेश में पर्यटन विकास के लिए प्रदेश सरकार साथ ही केंद्र सरकार ने भी काफी तेज सी योजनाएं लागू की हैं. इसी का नतीजा है कि पर्यटन विकास में यूपी ने अलग पहचान बनाई है. पढ़ें यूपी के ब्यूरो चीफ आलोक त्रिपाठी का विश्लेषण.

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Published : Jun 13, 2023, 7:39 PM IST

लखनऊ : पिछले कुछ वर्षों में प्रदेश में पर्यटन के क्षेत्र में काफी काम हुए हैं. इन कामों की बदौलत प्रदेश देश के पर्यटन नक्शे पर तेजी से अपना स्थान बना रहा है. सरकार ने विकास कार्यों को धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृति आदि भागों में बांटकर समग्र विकास की रूपरेखा गढ़ी है. इसके तहत रामायण परिपथ, बौद्ध परिपथ, आध्यात्मिक परिपथ, शक्तिपीठ परिपथ, कृष्ण या बृज परिपथ, बुंदेलखंड परिपथ, महाभारत परिपथ, सूफी परिपथ, क्राफ्ट परिपथ, स्वतंत्रता संग्राम परिपथ, जैन परिपथ एवं वाइल्ड लाइफ व इको टूरिज्म परिपथ का विकास कार्य जोरों पर है. इसके तहत पूरे प्रदेश में काम तो हो ही रहे हैं साथ ही सड़कों और यातायात के अन्य साधनों पर भी खूब काम हो रहा है.

यूपी में पर्यटन विकास.
यूपी में पर्यटन विकास.


अयोध्या, काशी और मथुरा में तो विकास की तमाम योजनाओं पर तो खूब काम हुए ही हैं. इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री ने उप्र बृज तीर्थ विकास परिषद, विंध्य धाम तीर्थ विकास परिषद, चित्रकूट धाम तीर्थ और नैमिषारण्य धाम तीर्थ विकास परिषद का गठन कर इस क्षेत्र के समग्र विकास की नींव भी रख दी है. काफी समय से काशी विश्वनाथ धाम निर्माण, अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण, अयोध्या दीपोत्सव, ब्रज रंगोत्सव, काशी की देव-दीपावली, नैमिष तीर्थ, शुक्र तीर्थ पुनरुद्धार, मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा 100 साल बाद वापस प्रतिष्ठापित कराने, सोरों-सूकर क्षेत्र विकास आदि के लिए सरकार ने विशेष ध्यान दिया है. प्रयागराज, मथुरा, गोरखपुर एवं वाराणसी जिले में भजन संध्या स्थल का निर्माण भी कराया जा रहा है. इसी प्रकार अयोध्या धाम में सुग्रीव किला पथ, जन्मभूमि पथ और भक्ति पथ का निर्माण जोरों पर है. श्रृंगवेरपुर में निषादराज गुह्य पर्यटन स्थल व बहराइच में महाराजा सुहेलदेव स्मारक का निर्माण भी जारी है. मथुरा के बरसाना और प्रयागराज में झंसी से त्रिवेणी पुष्प तक रोप-वे का निर्माण कार्य भी तेजी से किया जा रहा है.

यूपी में पर्यटन विकास.
यूपी में पर्यटन विकास.



पिछले वर्ष आजादी के अमृत महोत्सव को प्रदेश सरकार ने एक उत्सव का रूप दिया. जिसके तहत प्रदेशभर में पांच करोड़ से अधिक झंडे फहराए गए. यह एक नई पहल थी. जिला स्तर पर पर्यटन विकास के लिए जिला पर्यटन एवं संस्कृति प्रोत्साहन परिषद का गठन भी किया गया है. वाराणसी एवं मगहर में कबीर फेस्टिवल का आयोजन कर सूफी यात्रा को याद किया गया, तो मगहर में संत कबीर अकादमी के विभिन्न भवनों का लोकार्पण कर उनकी स्मृतियां सहेजी गईं. इस तरह गौतम बुद्ध चरित्र ग्रंथ व जैन तीर्थंकरों पर पुस्तिकाओं का प्रकाशन भी सरकार के महत्वपूर्ण कार्यों में शामिल है. वीरांगना महारानी लक्ष्मी बाई के बलिदान दिवस पर झांसी में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर सरकार ने वीरता को सलामी भी दी. पर्यटन विकास के क्षेत्र में इन सबके अलावा भी सरकार ने तमाम काम किए हैं तो बहुत से कार्यों की रूपरेखा भी तैयार है. इससे लगता है कि आने वाले समय में उत्तर प्रदेश पर्यटन के नक्शे पर प्रमुखता से उभर कर सामने आएगा और प्रदेश के युवाओं को रोजगार के अधिक अवसर मिलेंगे.




यह भी पढ़ें : Biparjoy Impact : मानसून कमजोर कर रहा बिपरजॉय, गर्मी बढ़ाने के साथ अन्नदाताओं को कराएगा बारिश का इंतजार

लखनऊ : पिछले कुछ वर्षों में प्रदेश में पर्यटन के क्षेत्र में काफी काम हुए हैं. इन कामों की बदौलत प्रदेश देश के पर्यटन नक्शे पर तेजी से अपना स्थान बना रहा है. सरकार ने विकास कार्यों को धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृति आदि भागों में बांटकर समग्र विकास की रूपरेखा गढ़ी है. इसके तहत रामायण परिपथ, बौद्ध परिपथ, आध्यात्मिक परिपथ, शक्तिपीठ परिपथ, कृष्ण या बृज परिपथ, बुंदेलखंड परिपथ, महाभारत परिपथ, सूफी परिपथ, क्राफ्ट परिपथ, स्वतंत्रता संग्राम परिपथ, जैन परिपथ एवं वाइल्ड लाइफ व इको टूरिज्म परिपथ का विकास कार्य जोरों पर है. इसके तहत पूरे प्रदेश में काम तो हो ही रहे हैं साथ ही सड़कों और यातायात के अन्य साधनों पर भी खूब काम हो रहा है.

यूपी में पर्यटन विकास.
यूपी में पर्यटन विकास.


अयोध्या, काशी और मथुरा में तो विकास की तमाम योजनाओं पर तो खूब काम हुए ही हैं. इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री ने उप्र बृज तीर्थ विकास परिषद, विंध्य धाम तीर्थ विकास परिषद, चित्रकूट धाम तीर्थ और नैमिषारण्य धाम तीर्थ विकास परिषद का गठन कर इस क्षेत्र के समग्र विकास की नींव भी रख दी है. काफी समय से काशी विश्वनाथ धाम निर्माण, अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण, अयोध्या दीपोत्सव, ब्रज रंगोत्सव, काशी की देव-दीपावली, नैमिष तीर्थ, शुक्र तीर्थ पुनरुद्धार, मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा 100 साल बाद वापस प्रतिष्ठापित कराने, सोरों-सूकर क्षेत्र विकास आदि के लिए सरकार ने विशेष ध्यान दिया है. प्रयागराज, मथुरा, गोरखपुर एवं वाराणसी जिले में भजन संध्या स्थल का निर्माण भी कराया जा रहा है. इसी प्रकार अयोध्या धाम में सुग्रीव किला पथ, जन्मभूमि पथ और भक्ति पथ का निर्माण जोरों पर है. श्रृंगवेरपुर में निषादराज गुह्य पर्यटन स्थल व बहराइच में महाराजा सुहेलदेव स्मारक का निर्माण भी जारी है. मथुरा के बरसाना और प्रयागराज में झंसी से त्रिवेणी पुष्प तक रोप-वे का निर्माण कार्य भी तेजी से किया जा रहा है.

यूपी में पर्यटन विकास.
यूपी में पर्यटन विकास.



पिछले वर्ष आजादी के अमृत महोत्सव को प्रदेश सरकार ने एक उत्सव का रूप दिया. जिसके तहत प्रदेशभर में पांच करोड़ से अधिक झंडे फहराए गए. यह एक नई पहल थी. जिला स्तर पर पर्यटन विकास के लिए जिला पर्यटन एवं संस्कृति प्रोत्साहन परिषद का गठन भी किया गया है. वाराणसी एवं मगहर में कबीर फेस्टिवल का आयोजन कर सूफी यात्रा को याद किया गया, तो मगहर में संत कबीर अकादमी के विभिन्न भवनों का लोकार्पण कर उनकी स्मृतियां सहेजी गईं. इस तरह गौतम बुद्ध चरित्र ग्रंथ व जैन तीर्थंकरों पर पुस्तिकाओं का प्रकाशन भी सरकार के महत्वपूर्ण कार्यों में शामिल है. वीरांगना महारानी लक्ष्मी बाई के बलिदान दिवस पर झांसी में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर सरकार ने वीरता को सलामी भी दी. पर्यटन विकास के क्षेत्र में इन सबके अलावा भी सरकार ने तमाम काम किए हैं तो बहुत से कार्यों की रूपरेखा भी तैयार है. इससे लगता है कि आने वाले समय में उत्तर प्रदेश पर्यटन के नक्शे पर प्रमुखता से उभर कर सामने आएगा और प्रदेश के युवाओं को रोजगार के अधिक अवसर मिलेंगे.




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