लखनऊः एक बार फिर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने एक और खिताब अपने नाम कर लिया है. केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय ने तीन अलग-अलग कैटेगरी में ई-पंचायत पुरस्कार की घोषणा की है. इसके तहत राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए) योजना के तहत उत्तर प्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर ई-पुरस्कार में पहले स्थान से सम्मानित किया गया है. ये पुरस्कार 24 अप्रैल को पंचायत दिवस पर दिल्ली में समारोह के दौरान दिए जाएंगे.
ग्राम पंचायतों को ऑनलाइन भुगतान करने में अव्वल
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर प्रदेश की 58 हजार 194 ग्राम पंचायतों में ऑनलाइन पेमेंट गेटवे से वर्ष 2019-2020 में दो लाख 13 हजार 525 और 2020-21 में एक लाख 95 हजार 903 डिजिटल सिग्नेचर पंजीकृत करते हुए कुल 17 हजार 881 करोड़ का ऑनलाइन भुगतान किया है. प्रदेश में पंचायतों ने 21 लाख 27 हजार 863 वेंडरों को अब तक रजिस्टर कर उनका ऑनलाइन पेमेंट किया है. वहीं, एक्शन साफ्टेवयर के तहत वर्ष 2019-2020 में 10 लाख 19 हजार 406 और 2020-2021 में आठ लाख 18 हजार 596 कार्यों की भौतिक और वित्तीय प्रगति हुई है. राष्ट्रीय ग्राम स्वराज योजना के तहत प्रदेश के सभी जिले और मंडल स्तर के अधिकारी, डीपीएम, एडीपीएम, डिवीजन डीपीएम, कंप्यूटर ऑपरेटर, 58,194 प्रधानों, 11,140 सचिवों को इस ऑनलाइन पेमेंट गेटवे पर सतत प्रशिक्षण राज्य, जनपद और विकास खंड स्तर पर दिया गया है.
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पंचायत दिवस पर मिलेगा पुरस्कार
केन्द्र पंचायती राज मंत्रालय ने कई मानकों को देखने के बाद इस पुरस्कार की घोषणा की है. इन मानकों में ई-ग्राम स्वराज पोर्टल, प्लान प्लस, एक्शन साफ्ट, एलजीडी का पंचायतों में संचालन, ई-सर्विस, पंचायत प्रतिनिधियो और कर्मियों का प्रशिक्षण शामिल है. इन मानकों को देखने के बाद उत्तर प्रदेश को 2021 का ई-पंचायत का पहला पुरस्कार मिला है. दूसरे नंबर पर असम और छत्तीसगढ़ रहा, जबकि ओडिशा और तमिलनाडु को तीसरे नंबर पर स्थान प्राप्त हुआ है. ये पुरस्कार 24 अप्रैल को पंचायत दिवस पर दिल्ली में समारोह के दौरान दिए जाएंगे. इसके लिए फरवरी में ऑनलाइन आवेदन किया गया था और सोमवार को विजेताओं का ऐलान किया गया है.