लखनऊ : उत्तर प्रदेश पाॅवर काॅरपोरेशन का इन दिनों बिजली कनेक्शन देने पर पूरा जोर है, इसलिए बिजली विभाग के अधिकारियों की तरफ से कनेक्शन के मामले में लगाए जा रहे अड़ंगों को लेकर भी सख्ती बरती जाने लगी है. उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने सख्त तौर पर अधिकारियों को हिदायत दी है कि किसी भी आवेदक ने अगर कनेक्शन के लिए आवेदन किया है तो उसे कनेक्शन जरूर दिया जाए. यह भी आदेश दिए गए हैं कि अगर कनेक्शन देने में कोई दिक्कत है तो अधिशासी अभियंता उसका निराकरण करेंगे. मंत्री के दखल के बाद अब उपभोक्ताओ के लिए एलटी नेटवर्क (440 volt- थ्री फेज तक) पर 50 kW/56 kVA भार तक का घरेलू या वाणिज्यिक कनेक्शन लेने की प्रक्रिया बिल्कुल आसान हो गई है.
ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने बताया कि 'अगर आवेदक का परिसर मेन एलटी लाइन के अंतिम पोल से 40 मीटर या उससे कम दूरी पर है तो आवेदक से कनेक्शन के लिए कोई धनराशि नहीं ली जायेगी. मीटर की क़ीमत आवेदक को देनी होगी. आर्मर्ड सर्विस केबल आवेदक स्वयं ला सकता है या विभाग की तरफ से केबल लगाकर मीटर के साथ उसकी क़ीमत भी अगले बिल में जोड़कर वसूल ली जाएगी. उन्होंने कहा कि अगर आवेदक का परिसर एलटी लाइन के अंतिम पोल से 40 मीटर से अधिक दूर है तो पोल से परिसर तक विद्युत तंत्र विकसित करने का खर्च आवेदक को देना होगा, जिसका एस्टीमेट उपलब्ध कराया जाएगा. अगर विद्युत तंत्र (ट्रांसफॉर्मर) के उच्चीकरण या क्षमता वृद्धि का काम जरूरी हो तो वह डिस्कॉम ही कराएगा. ऊर्जा मंत्री ने कहा कि कनेक्शन के लिए आवेदक की तरफ से स्टीमेट धनराशि जमा करने और औपचारिकताएं पूरी होने के बाद कनेक्शन नहीं देने के लिए कोई भी बहानेबाज़ी नहीं चलेगी.'
उन्होंने कहा कि 'प्रदेश सरकार की मंशानुसार हर आवेदक को बिजली कनेक्शन दिया जाना है. किसी कारणवश कनेक्शन नहीं देने का निर्णय सिर्फ़ अधिशासी अभियंता के स्तर से ही होगा. ऊर्जा मंत्री ने लोगों से अपील की है कि वे विभाग के झटपट पोर्टल पर जाकर बिजली कनेक्शन लें. उपभोक्ता कनेक्शन के लिए https://jhatpat.uppcl.org इस वेबसाइट पर जाकर अप्लाई करें.'