लखनऊ: उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता अशोक सिंह ने राज्य की भाजपा सरकार पर जोरदार हमला बोला है. आरोपों की झड़ी लगाते हुए अशोक सिंह ने कहा कि योगी सरकार के राज में पीडब्ल्यूडी में सड़क घोटाला, कोरोना काल में पीपीई किट घोटाला, विद्युत विभाग में पीएफ घोटाला, स्वास्थ्य विभाग में हृदय रोगियों के लिये दवा खरीद में घोटाला, शिक्षक भर्ती घोटाला, स्मार्ट विद्युत मीटर घोटाला, केजीबीवी बंद होने के बाद भी छात्राओं के भोजन आदि मद का घोटाला, मिड डे मील घोटाला, आबकारी विभाग में बिल्टी घोटाला हुआ, लेकिन सरकार ने इस पर चुप्पी साध रखी है.
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'झूठ के बल पर राज कर रही सरकार'
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पुलिस भर्ती में चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति, ग्राम विकास विभाग में चयनितों की भर्ती प्रक्रिया निरस्त करना, पशुधन प्रसार अधिकारियों की नियुक्ति रोके रखने के लिये अधिनियम में संशोधन को लटकाए रखने जैसे प्रकरण यह साबित करते हैं कि, प्रदेश के सरकारी खजाने की लगातार लूट के साथ युवाओं, बेरोजगारों से अन्याय पर अमादा यह सरकार झूठ के बल पर राज कर रही है. सरकार की कार्यशैली में जनकल्याण के लिये कोई स्थान नहीं है.प्रदेश को पूरी तरह बर्बादी, बदहाली के रास्ते पर छोड़कर यह सत्ता की मलाई खाने में लगे है.
'सरकार भ्रष्टाचारियों को दे रही संरक्षण'
कांग्रेस प्रवक्ता आशोक सिंह ने राज्य सरकार पर अपराधियों, भ्रष्टाचारियों, घोटालेबाजी में लिप्त लोगों को संरक्षण देने और उन्हें बचाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि किसी भी घोटाले भ्र्ष्टाचार के मामले में जांच कराने का ढोल पीटने वाली सरकार कार्रवाई करने के स्थान पर आरोपियों को संरक्षण देने का काम कर रही है. ताजा प्रकरण बेसिक शिक्षा मंत्री से जुड़ा हुआ है. जिसमें मंत्री ने अपने पद के प्रभाव का दुरुपयोग करते हुए, एक अवैध आय प्रमाण पत्र के सहारे अपने भाई को सिद्धार्थ विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर के पद पर सामान्य वर्ग के ईडब्ल्यूएस कोटे में नियुक्ति कराई, यह एक गम्भीर प्रकृति का अपराध है. उसके बाद भी मुख्यमंत्री मौन हैं और मुंह खोलने को तैयार नहीं हैं. यह सरकार अपराधियों, भ्रष्टाचारियों, घोटालेबाजों के साथ मिलकर प्रदेशवासियों के जख्मों पर लगातार नमक छिड़ककर सत्ता में रहकर नफरत के एजेंडे को लागू करने में जुटी है.
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'एक भी भर्ती प्रक्रिया नहीं हुई पूरी'
उन्होंने कहा कि युवाओं व बेरोजगारों को नौकरी देने की लगातार घोषणा करने वाली सरकार रोजगार देने को तैयार नहीं है. एक भी भर्ती प्रक्रिया पूरी करने में विफल रही इस सरकार के कार्यकाल में शिक्षक भर्ती, ग्राम पंचायत अधिकारी आदि के पदों पर हुई भर्तियों में जिस तरह भ्रष्टाचार हुआ और उसके बाद उन्हें निरस्त किया गया, यह बताने के लिये पर्याप्त है कि इस सरकार ने बेरोजगारों के साथ धोखा किया है. पुलिस भर्ती में चयनित लगभग 35 हजार अभ्यर्थियों को अब तक ट्रेनिंग पर न भेजने पर प्रश्न उठाते हुए कहा कि यह चयनितों के साथ सरकार का कैसा न्याय है.