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उत्तर प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने प्रियंका गांधी को भेजा नोटिस

उत्तर प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को नोटिस भेजा है. यह नोटिस प्रियंका गांधी की तरफ से कानपुर बालिका संरक्षण गृह के सम्बन्ध में किए गए फेसबुक पोस्ट पर भेजा गया है. प्रियंका गांधी को तीन दिन में पोस्ट पर सफाई देते हुए जवाब नहीं देने पर कार्रवाई की भी बात कही गई है.

uttar pradesh child rights protection commission sent notice to priyanka gandhi
उत्तर प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने प्रियंका गांधी को भेजा नोटिस.
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Published : Jun 25, 2020, 9:15 PM IST

Updated : Jun 26, 2020, 2:38 PM IST

कानपुर: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को उत्तर प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने नोटिस भेजा है. इस नोटिस के साथ ही प्रियंका गांधी को तीन दिन में सफाई देने के लिए कहा गया है. साथ ही जवाब नहीं देने पर कार्रवाई की भी बात कही गई है. दरअसल यह नोटिस प्रियंका गांधी द्वारा कानपुर बालिका संरक्षण गृह के सम्बन्ध में किए गए फेसबुक पोस्ट को लेकर जारी किया गया है. वहीं इससे पहले आगरा के डीएम ने भी प्रियंका गांधी के एक ट्वीट को लेकर उन्हें नोटिस जारी किया था.

uttar pradesh child rights protection commission sent notice to priyanka gandhi
प्रियंका गांधी को जारी नोटिस.

कानपुर स्थित बालगृह में 21 जून को 57 संवासिनियों की कोरोना जांच के बाद दो बच्चियों के गर्भवती और एक के एड्स पॉजिटिव पाए जाने पर ऑफिशियल फेसबुक पोस्ट करने के सम्बन्ध में बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने प्रियंका गांधी को नोटिस जारी किया है.

क्या लिखा था फेसबुक पोस्ट में
प्रियंका गांधी ने फेसबुक पर पोस्ट किया था, 'कानपुर के सरकारी बाल संरक्षण गृह में 57 बच्चियों को कोरोना की जांच होने के बाद एक तथ्य आया कि 2 बच्चियां गर्भवती निकलीं और एक एड्स पॉजिटिव पाई गई. मुजफ्फरपुर (बिहार) के बालिका गृह का पूरा किस्सा देश के सामने है. यूपी के देवरिया जिले से भी ऐसा मामला सामने आ चुका है. ऐसे में पुन: इस तरह की घटनाएं सामने आना दिखाता है कि जांच के नाम पर सब कुछ दबा दिया जाता है, लेकिन सरकारी बाल संरक्षण गृहों में बहुत ही अमानवीय घटनाएं घट रही हैं.'

'फेसबुक पोस्ट भ्रामक और साक्ष्य विहीन'
प्रियंका गांधी के फेसबुक पोस्ट का राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण अधिनियम-2005 की धारा 13(j) के अंतर्गत यूपी बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने स्वत: संज्ञान लिया है. बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने प्रियंका गांधी के पोस्ट को भ्रामक और साक्ष्य विहीन बताया है. आयोग का कहना है कि इस पोस्ट के माध्यम से सुनियोजित तरीके से बालिकाओं के सम्मान को ठेस पहुंचाने का कुत्सित प्रयास किया गया है.

'न्यायालय के आदेश की अवमानना'
बाल अधिकार संरक्षण आयोग का कहना है कि बालिकाओं पर की गई भ्रामक टिप्पणी से न्यायपीठ बाल कल्याण समिति/ सम्बन्धित न्यायालय के आदेश की अवमानना भी हुई है. साथ ही इन बच्चियों को बेहद मानसिक पीड़ा हुई है. निराधार और असत्य टिप्पणियों से इन्हें मानसिक आघात भी पहुंचा है. साथ ही इससे प्रथमदृष्टया जेजे एक्ट 2015 की धारा 74 और पॉक्सों एक्ट 2012 की धारा-23 का उल्लंघन हुआ है.

...नहीं तो इन धाराओं के तहत की जाएगी कार्रवाई
उत्तर प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने प्रियंका गांधी से कहा है कि वे तीन दिन में इस पोस्ट का खंडन कराना सुनिश्चित करें. अगर इस पोस्ट का खंडन निर्धारित समय में नहीं किया जाता है तो बालक अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा अधिनियम 2005 की धारा 13 की उपधारा 1(जे), 14 और 15 के अंतर्गत समुचित कार्रवाई की जाएगी.

कानपुर: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को उत्तर प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने नोटिस भेजा है. इस नोटिस के साथ ही प्रियंका गांधी को तीन दिन में सफाई देने के लिए कहा गया है. साथ ही जवाब नहीं देने पर कार्रवाई की भी बात कही गई है. दरअसल यह नोटिस प्रियंका गांधी द्वारा कानपुर बालिका संरक्षण गृह के सम्बन्ध में किए गए फेसबुक पोस्ट को लेकर जारी किया गया है. वहीं इससे पहले आगरा के डीएम ने भी प्रियंका गांधी के एक ट्वीट को लेकर उन्हें नोटिस जारी किया था.

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प्रियंका गांधी को जारी नोटिस.

कानपुर स्थित बालगृह में 21 जून को 57 संवासिनियों की कोरोना जांच के बाद दो बच्चियों के गर्भवती और एक के एड्स पॉजिटिव पाए जाने पर ऑफिशियल फेसबुक पोस्ट करने के सम्बन्ध में बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने प्रियंका गांधी को नोटिस जारी किया है.

क्या लिखा था फेसबुक पोस्ट में
प्रियंका गांधी ने फेसबुक पर पोस्ट किया था, 'कानपुर के सरकारी बाल संरक्षण गृह में 57 बच्चियों को कोरोना की जांच होने के बाद एक तथ्य आया कि 2 बच्चियां गर्भवती निकलीं और एक एड्स पॉजिटिव पाई गई. मुजफ्फरपुर (बिहार) के बालिका गृह का पूरा किस्सा देश के सामने है. यूपी के देवरिया जिले से भी ऐसा मामला सामने आ चुका है. ऐसे में पुन: इस तरह की घटनाएं सामने आना दिखाता है कि जांच के नाम पर सब कुछ दबा दिया जाता है, लेकिन सरकारी बाल संरक्षण गृहों में बहुत ही अमानवीय घटनाएं घट रही हैं.'

'फेसबुक पोस्ट भ्रामक और साक्ष्य विहीन'
प्रियंका गांधी के फेसबुक पोस्ट का राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण अधिनियम-2005 की धारा 13(j) के अंतर्गत यूपी बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने स्वत: संज्ञान लिया है. बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने प्रियंका गांधी के पोस्ट को भ्रामक और साक्ष्य विहीन बताया है. आयोग का कहना है कि इस पोस्ट के माध्यम से सुनियोजित तरीके से बालिकाओं के सम्मान को ठेस पहुंचाने का कुत्सित प्रयास किया गया है.

'न्यायालय के आदेश की अवमानना'
बाल अधिकार संरक्षण आयोग का कहना है कि बालिकाओं पर की गई भ्रामक टिप्पणी से न्यायपीठ बाल कल्याण समिति/ सम्बन्धित न्यायालय के आदेश की अवमानना भी हुई है. साथ ही इन बच्चियों को बेहद मानसिक पीड़ा हुई है. निराधार और असत्य टिप्पणियों से इन्हें मानसिक आघात भी पहुंचा है. साथ ही इससे प्रथमदृष्टया जेजे एक्ट 2015 की धारा 74 और पॉक्सों एक्ट 2012 की धारा-23 का उल्लंघन हुआ है.

...नहीं तो इन धाराओं के तहत की जाएगी कार्रवाई
उत्तर प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने प्रियंका गांधी से कहा है कि वे तीन दिन में इस पोस्ट का खंडन कराना सुनिश्चित करें. अगर इस पोस्ट का खंडन निर्धारित समय में नहीं किया जाता है तो बालक अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा अधिनियम 2005 की धारा 13 की उपधारा 1(जे), 14 और 15 के अंतर्गत समुचित कार्रवाई की जाएगी.

Last Updated : Jun 26, 2020, 2:38 PM IST
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