लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों के साथ रविवार को बैठक कर सख्त दिशा-निर्देश दिए. मुख्य सचिव ने कहा कि ब्लॉक और तहसीलों पर तैनात अधिकारी अपनी तैनाती स्थल पर ही निवास करें. मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों द्वारा तैनाती स्थल पर निवास न करने वाले अधिकारियों के खिलाफ एक्शन लिया जाए. जनप्रतिनिधियों, उद्योगपतियों और व्यापारियों के साथ नियमित रूप से संवाद स्थापित करते हुए उनकी समस्याओं का तेजी से निस्तारण किया जाए.
उन्होंने कहा कि तहसील दिवस, थाना दिवस, जनसुनवाई और आईजीआरएस पोर्टल आदि विभिन्न माध्यमों से प्राप्त होने वाली शिकायतों को गंभीरता से लिया जाए. सभी अधिकारी नियत समय पर कार्यालय में उपस्थिति होकर जनसुनवाई करें. जन शिकायतों के निस्तारण में किसी भी स्तर पर शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी. मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों द्वारा शिकायतों की नियमित समीक्षा कर शिकायतों का गुणवत्तापरक एवं समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित कराया जाए. इसके अलावा वरासत, नामांतरण, पैमाईश सहित अन्य राजस्व वादों के निस्तारण में भी गुणवत्ता पर विशेष तौर पर ध्यान दिया जाए,
मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने कहा कि ब्लॉक, तहसील सहित जनपद व मंडल के किसी भी कार्यालय में बिचौलियों के दखल की शिकायतें नहीं प्राप्त होनी चाहिए. बैठक में अध्यक्ष राजस्व परिषद हेमंत राव, अपर मुख्य सचिव राजस्व सुधीर गर्ग, प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद, प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थसारथी सेन शर्मा, प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात, प्रमुख सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास अनिल कुमार सागर, आयुक्त एवं सचिव राजस्व परिषद मनीषा त्रिघाटिया, सचिव एमएसएमई प्रांजल यादव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे.
मुख्य सचिव ने कहा कि आगामी त्योहारों के दौरान बिजली की कटौती नहीं होनी चाहिए. त्योहारों के दौरान साफ-सफाई की व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त रहे. किसी भी जनपद में अवैध एम्बुलेंस का संचालन न हो. इसके लिए विशेष अभियान चलाया जाए. सीएचसी और पीएचसी में निर्धारित समयावधि में डॉक्टरों की उपस्थित सुनिश्चित कराने के लिए जियो फेंसिंग से ऑनलाइन उपस्थिति और आने व जाने के समय को दर्ज कराया जाए. साथ ही इसकी मॉनीटरिंग भी की जाए.
मुख्य सचिव ने कहा कि कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान आदि मेलों का आयोजन होगा. कानून-व्यवस्था के दृष्टिगत यह समय संवेदनशील है. अतः हमें सतत सतर्क और सावधान रहना होगा. पुलिस क्षेत्राधिकारी, थानेदार आदि वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अपने हेडक्वार्टर पर ही रात्रि निवास करें, ताकि आवश्यकता पड़ने पर पीड़ित व्यक्ति को तत्काल सहायता पहुंचायी जा सके. वरिष्ठ पुलिस अधिकारी निर्धारित समय पर कार्यालय में उपस्थित होकर जनसुनवाई करें.
पुलिस महानिदेशक विजय कुमार ने कहा कि थाना, सर्किल, जिला, रेंज, जोन, मंडल स्तर पर तैनात वरिष्ठ अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों के साथ संवाद स्थापित करते हुए उनके साथ सप्ताह में दो दिन बैठक करें. पुलिस अधीक्षक जनपद के थानों में की गई कार्रवाई, शिकायतों और अवेदनों की प्रतिदिन समीक्षा करें. महिला संबंधी अपराधों पर सख्ती से कार्रवाई करें. सड़क दुर्घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए ओवर स्पीडिंग करने वालों के खिलाफ एक माह का विशेष अभियान चलाएं. गोवध, धार्मिक परिवर्तन जैसे अपराध करने वाले अपराधियों पर जीरो टॉलरेन्स की नीति के तहत कर्रवाई की जाए.
प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद ने कहा कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारी संवेदनशील घटनाओं में घटनास्थल का स्वयं निरीक्षण करें. अस्पतालों और रेलवे स्टेशनों पर अवैध एंबुलेंस पर रोक लगाई जाए. जनपदों में माफिया के खिलाफ सख्त अभियान चलाया जाए. रंगदारी के मामलों से निपटने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी में फूट पेट्रोलिंग बढ़ाई जाए. एसडीजी प्रशान्त कुमार ने कहा कि रेंज और जोन स्तर पर कानून व्यवस्था की प्रतिदिन समीक्षा की जाए. अवैध टैक्सी और बस स्टैंडों पर रोक लगाने के लिए अभियान चलाया जाए.
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