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यूपी ने रचा कीर्तिमान, 'जेम पोर्टल' से खरीदारी में बना नंबर वन - जेम पोर्टल

योगी सरकार के नाम एक और उपलब्धि जुड़ गई है. राष्ट्रीय स्तर पर 'जेम पोर्टल' के माध्यम से सर्वाधिक खरीदारी करने वाला उत्तर प्रदेश पहला राज्य बन गया है. बीते चार सालों में जेम पोर्टल से 9,442 करोड़ रुपये की खरीदारी की गई है.

यूपी का जेम पोर्टल
यूपी का जेम पोर्टल
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Published : Apr 3, 2021, 4:54 PM IST

लखनऊ: भ्रष्टाचार को रोकने के लिए 'जेम पोर्टल' से शुरू की गई खरीद में उत्तर प्रदेश लगातार आगे बढ़ रहा है. यूपी ने गुजरात, दिल्ली, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, छत्तीसगढ़ और उड़ीसा समेत अन्य राज्यों को न सिर्फ पीछे छोड़ा है, बल्कि जेम पोर्टल के माध्यम से विभागीय खरीदारी कर इतिहास रच दिया है. प्रदेश में जेम पोर्टल पर निजी क्षेत्र के एक लाख 23 हजार 697 विक्रेता हैं. इसमें 58 हजार 725 सूक्ष्म और लघु उद्यमी भी शामिल हैं. इनसे सवा दो लाख से ज्यादा लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार भी मिले हैं.

सीएम योगी ने सत्ता संभालने के बाद सभी विभागों में भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने का आदेश दिया था. साथ ही उन्होंने 'जेम पोर्टल' को प्रभावी रूप से क्रियाशील करने और विभागीय खरीदारी को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के निर्देश दिए थे. जेम पोर्टल से खरीदारी में उत्तर प्रदेश पहले पायदान पर है. दूसरे नंबर पर गुजरात, तीसरे पर दिल्ली, चौथे पर मध्य प्रदेश, पांचवें पर महाराष्ट्र, छठे पर बिहार, सातवें पर छत्तीसगढ़, आठवें पर उड़ीसा, नौवें पर जम्मू एंड कश्मीर और दसवें नंबर पर आंध्र प्रदेश है.

दो बार केंद्र से मिल चुका पुरस्कार

विभिन्न विभागों ने प्रदेश में 'जेम पोर्टल' से वित्तीय वर्ष 2017-18 में 602 करोड़, वित्तीय वर्ष 2018-19 में 1,674 करोड़ और वित्तीय वर्ष 2019-20 में 2,401 करोड़ रुपये की खरीदारी की है. लगातार बढ़ते हुए वित्तीय वर्ष 2020-21 में कुल 4,675 करोड़ की खरीदारी की गई है. इस प्रकार चार साल में विभागों ने करीब 9,442 करोड़ रुपये से ज्यादा की खरीदारी 'जेम पोर्टल' से की है. केंद्र सरकार ने प्रदेश को 2018 में बेस्ट बायर अवॉर्ड और 2019 में सुपर बायर अवॉर्ड से भी सम्मानित किया है.

भ्रष्टाचार पर लगी रोक

एमएसएमई (लघु उद्योग) के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने बताया कि जेम पोर्टल के माध्यम से करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार पर रोक लगी है. साथ ही विभागीय खरीदारी में गुणवत्ता, पारदर्शिता, मितव्ययिता को महत्ता दी जा रही है. इस कारण आज पोर्टल पर 12 हजार 232 सरकारी खरीदार हैं. एक लाख 23 हजार 697 विक्रेता हैं, जिन्होंने चार साल में देश में सबसे ज्यादा 9,442 करोड़ की खरीद की है.

पढ़ें: पंचायत चुनाव: पहले चरण के लिए आज से नामांकन शुरू, 18 जिलों में 15 को होगा मतदान

खरीदारी के लिए सरकार का आदेश

'जेम पोर्टल' एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जहां पर 70 हजार से ज्यादा विक्रेता पंजीकृत हैं. इन विक्रेताओं के हजारों उत्पाद भी निर्धारित दर और मानक के अनुसार उपलब्ध हैं. सरकार की ओर से आदेश है कि जो उत्पाद या सेवाएं जेम पोर्टल पर उपलब्ध हैं, उनकी खरीदारी अनिवार्य रूप से 'जेम पोर्टल' से ही की जाएगी.

ये है प्रमुख राज्यों की स्थिति (चार साल में करोड़ में खरीद)

राज्यचार सालों में हुई खरीदारी
उत्तर प्रदेश9,442 रुपये
गुजरात4,030 रुपये
दिल्ली3,145 रुपये
मध्य प्रदेश3,084 रुपये
महाराष्ट्र2,545 रुपये
बिहार1,992 रुपये
छत्तीसगढ़1,992 रुपये
उड़ीसा1,261 रुपये
जम्मू एंड कश्मीर1,239 रुपये
आंध्र प्रदेश1,129 रुपये
पंजाब1,098 रुपये
चंडीगढ़921 रुपये
कर्नाटक843 रुपये

लखनऊ: भ्रष्टाचार को रोकने के लिए 'जेम पोर्टल' से शुरू की गई खरीद में उत्तर प्रदेश लगातार आगे बढ़ रहा है. यूपी ने गुजरात, दिल्ली, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, छत्तीसगढ़ और उड़ीसा समेत अन्य राज्यों को न सिर्फ पीछे छोड़ा है, बल्कि जेम पोर्टल के माध्यम से विभागीय खरीदारी कर इतिहास रच दिया है. प्रदेश में जेम पोर्टल पर निजी क्षेत्र के एक लाख 23 हजार 697 विक्रेता हैं. इसमें 58 हजार 725 सूक्ष्म और लघु उद्यमी भी शामिल हैं. इनसे सवा दो लाख से ज्यादा लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार भी मिले हैं.

सीएम योगी ने सत्ता संभालने के बाद सभी विभागों में भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने का आदेश दिया था. साथ ही उन्होंने 'जेम पोर्टल' को प्रभावी रूप से क्रियाशील करने और विभागीय खरीदारी को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के निर्देश दिए थे. जेम पोर्टल से खरीदारी में उत्तर प्रदेश पहले पायदान पर है. दूसरे नंबर पर गुजरात, तीसरे पर दिल्ली, चौथे पर मध्य प्रदेश, पांचवें पर महाराष्ट्र, छठे पर बिहार, सातवें पर छत्तीसगढ़, आठवें पर उड़ीसा, नौवें पर जम्मू एंड कश्मीर और दसवें नंबर पर आंध्र प्रदेश है.

दो बार केंद्र से मिल चुका पुरस्कार

विभिन्न विभागों ने प्रदेश में 'जेम पोर्टल' से वित्तीय वर्ष 2017-18 में 602 करोड़, वित्तीय वर्ष 2018-19 में 1,674 करोड़ और वित्तीय वर्ष 2019-20 में 2,401 करोड़ रुपये की खरीदारी की है. लगातार बढ़ते हुए वित्तीय वर्ष 2020-21 में कुल 4,675 करोड़ की खरीदारी की गई है. इस प्रकार चार साल में विभागों ने करीब 9,442 करोड़ रुपये से ज्यादा की खरीदारी 'जेम पोर्टल' से की है. केंद्र सरकार ने प्रदेश को 2018 में बेस्ट बायर अवॉर्ड और 2019 में सुपर बायर अवॉर्ड से भी सम्मानित किया है.

भ्रष्टाचार पर लगी रोक

एमएसएमई (लघु उद्योग) के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने बताया कि जेम पोर्टल के माध्यम से करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार पर रोक लगी है. साथ ही विभागीय खरीदारी में गुणवत्ता, पारदर्शिता, मितव्ययिता को महत्ता दी जा रही है. इस कारण आज पोर्टल पर 12 हजार 232 सरकारी खरीदार हैं. एक लाख 23 हजार 697 विक्रेता हैं, जिन्होंने चार साल में देश में सबसे ज्यादा 9,442 करोड़ की खरीद की है.

पढ़ें: पंचायत चुनाव: पहले चरण के लिए आज से नामांकन शुरू, 18 जिलों में 15 को होगा मतदान

खरीदारी के लिए सरकार का आदेश

'जेम पोर्टल' एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जहां पर 70 हजार से ज्यादा विक्रेता पंजीकृत हैं. इन विक्रेताओं के हजारों उत्पाद भी निर्धारित दर और मानक के अनुसार उपलब्ध हैं. सरकार की ओर से आदेश है कि जो उत्पाद या सेवाएं जेम पोर्टल पर उपलब्ध हैं, उनकी खरीदारी अनिवार्य रूप से 'जेम पोर्टल' से ही की जाएगी.

ये है प्रमुख राज्यों की स्थिति (चार साल में करोड़ में खरीद)

राज्यचार सालों में हुई खरीदारी
उत्तर प्रदेश9,442 रुपये
गुजरात4,030 रुपये
दिल्ली3,145 रुपये
मध्य प्रदेश3,084 रुपये
महाराष्ट्र2,545 रुपये
बिहार1,992 रुपये
छत्तीसगढ़1,992 रुपये
उड़ीसा1,261 रुपये
जम्मू एंड कश्मीर1,239 रुपये
आंध्र प्रदेश1,129 रुपये
पंजाब1,098 रुपये
चंडीगढ़921 रुपये
कर्नाटक843 रुपये
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