लखनऊ: विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने गुरुवार को बजट सत्र की समाप्ति पर सदन के सदस्यों को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि सभी दलीय नेताओं और सदस्यों ने सारगर्भित चर्चा में भाग लिया. कार्यवाही की गुणवत्ता की प्रशंसा करते हुए अध्यक्ष ने कहा कि कार्यवाही में समयावधि ही महत्वपूर्ण नहीं होती है, बहस की गुणवत्ता और मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श की महत्ता से ही कार्यवाही का मूल्यांकन किया जाना चाहिए.
विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि इस सत्र की सबसे बड़ी यह विशेषता रही है कि इस बार सदन की कार्यवाही बड़ी ही शांतिपूर्ण ढंग से और सुचारू रूप से चली. पक्ष-विपक्ष की ओर से बहसें हुईं. व्यवधान न के बराबर रहा. पक्ष-विपक्ष का सदन के संचालन में अप्रतिम योगदान रहा.
संसदीय जनतंत्र दुनिया की आकर्षक व्यवस्था
विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि संसदीय जनतंत्र दुनिया की आकर्षक व्यवस्था है, जहां दुनिया में अनेकों स्थानों पर संसदीय जनतंत्र मांग के लिए आंदोलन हो रहे हैं तो वहीं हमारे यहां जनतंत्र लंबे समय से चल रहा है. उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य होने के नाते यहां की जो परंपराएं हम विकसित करते हैं, उस पर अन्य विधान मण्डलों की निगाह रहती है.
18 फरवरी को शुरू हुआ था बजट सत्र
हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि विधानसभा की कार्यवाही 18 फरवरी से प्रारम्भ हुई और गुरुवार चार मार्च तक चली. 15 दिनों के सत्र में कुल 10 दिन सदन की बैठकें हुईं. इसमें कुल 65 घंटे 31 मिनट सदन की कार्यवाही चली. 10 दिन के उपवेशनों में अल्पसूचित प्रश्न-192, तारांकित प्रश्न-1,301, अतरांकित प्रश्न-1,671 प्राप्त हुए. इनमें कुछ 1,311 प्रश्न उत्तरित हुए. नियम-301 की कुल 377 सूचनाएं प्राप्त हुईं, जिनमें से 257 स्वीकृत हुईं.
नियम-51 के अन्तर्गत 680 सूचनाएं प्राप्त हुईं, जिनमें 364 सूचनाएं स्वीकृत हुईं और 316 सूचनाओं पर ध्यानाकर्षण किया गया. नियम-56 के अन्तर्गत 39 सूचनाएं प्राप्त हुईं, जिनमें 11 सूचनाएं ग्राह्यता हेतु सुनी गईं और 19 पर ध्यानाकर्षण हुआ. अन्य सूचनाओं को भी आवश्यक कार्यवाही के लिए सरकार को प्रेषित किया गया. इस सत्र में 1,851 याचिकाएं प्राप्त हुईं, जिनमें से 1,587 ग्राह्यता होकर सदन में प्रस्तुत की गईं.
बजट की चर्चा में शामिल हुए 116 सदस्य
विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि राज्यपाल अभिभाषण पर मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष एवं दलीय नेताओं समेत 48 सदस्यों ने भाग लिया. वित्तीय वर्ष 2021-22 की बजट चर्चा में मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष एवं दलीय नेताओं सहित 116 सदस्यों ने हिस्सा लिया. इस बजट में कुल 18 विधेयक पारित किए गये. इनमें पक्ष-विपक्ष की तरफ से महत्वपूर्ण चर्चाएं हुईं. विपक्ष ने अपनी मांग उठाकर तर्क प्रस्तुत किए. संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने उठाये गए प्रश्नों पर समाधान परक उत्तर दिये.
विभिन्न मुद्दों पर सदन में हुई चर्चा
कानून-व्यवस्था के प्रश्न पर भी विधानसभा में कई बार महत्वपूर्ण वाद-विवाद हुआ. बेशक, विपक्ष के अपने आंकड़े और तथ्य रहे हैं और सरकार के अपने, लेकिन वाद-विवाद में विधानसभा की रूचि और गंभीरता आकर्षण का विषय बनी रही. विधानसभा में किसानों की समस्याएं भी पूरी गंभीरता के साथ उठाई गईं. आवारा जानवरों की समस्या, गन्ना किसानों की समस्या को दूर करने की दृष्टि से विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों ही गंभीर दिखाई पड़े. विद्युत, कृषि, प्रशासन, जल आपूर्ति सहित अविलम्बनीय महत्व के तमाम प्रश्नों पर विधानसभा में गंभीर वाद-विवाद हुआ.
मुख्यमंत्री ने सभी सवालों का दिया जवाब
विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने तमाम व्यस्तताओं के बावजूद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सदन में उपस्थिति की सराहना की. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने राज्यपाल अभिभाषण एवं बजट की चर्चा में उपस्थित होकर सदन में उठाए गए विषयों पर अपने विस्तृत उत्तर दिये. इसके अतिरिक्त भी समय-समय पर सदन के तमाम महत्वपूर्ण उठने वाले विषयों पर हस्तक्षेप करते हुए सदन की आशंकाओं का समाधान किया. विशेषकर कृषि कानून के बारे में विस्तार से चर्चा कर स्थिति स्पष्ट की.
नेता प्रतिपक्ष की सदन में उपस्थिति सराहनीय
विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी निरंतर सदन में मौजूद रहे. अधिकांश उठने वाले मुद्दों पर हस्तक्षेप करते हुए बड़े ही महत्वपूर्ण एवं सामायिक सुझाव दिए. उससे सदन के सदस्यों का ज्ञानवर्धन हुआ. नेता बहुजन समाज पार्टी लालजी वर्मा ने महत्वपवूर्ण विषयों पर अपनी विशेष रूचि के साथ अधिकांश समय सदन में मौजूद रहे. प्रत्येक मुद्दों पर अपने बौद्विक ज्ञान से समस्याओं के कारगर हल के लिए सरकार को सुझाव दिए. कांग्रेस की नेता आराधना मिश्रा 'मोना' के दलीय नेता के रूप में मुद्दों को बहुत ही शालिनतापूर्वक एवं कारगर ढंग से उठाने की प्रशंसा की. इसके अतिरिक्त अन्य दलीय नेताओं को प्रभावकारी ढंग से मुद्दे को उठाने के प्रति प्रशंसा भाव व्यक्त किया.
सुरेश खन्ना की भी की तारीफ
विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना द्वारा विपक्ष से उठाये गये 56, 51, 301 सहित अनेक प्रकार की सूचनाओं और बिलों के पारण की बहसों पर उत्तर देकर अपना महत्वपूर्ण योगदान करने के लिए भूरि-भूरि प्रशंसा की. मंत्रिमण्डल के सभी सदस्यों को सरकार की ओर से विशेष प्रकार के प्रश्नों और वाद-विवाद के मामले में सदन के सदस्यों को अपने उत्तर से संतुष्ट किया. इसके लिए भी धन्यवाद ज्ञापित किया.