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उत्तर प्रदेश के 11 लाख 54 हजार स्मार्ट मीटर होंगे 4जी

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Published : Nov 19, 2022, 7:35 AM IST

उत्तर प्रदेश पावर काॅरपोरेशन लिमिटेड (Uttar Pradesh Power Corporation Limited) ने भी एनर्जी एफिशिएंसी प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ सख्ती के मूड में आ गया है. उपभोक्ता परिषद लगातार स्मार्ट मीटर तकनीक को लेकर विरोध करता चला आ रहा है और विद्युत नियामक आयोग में याचिका भी लगा चुकी है.

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लखनऊ : उपभोक्ता परिषद कि लगातार उठाई जा रही मांग के बाद पावर काॅरपोरेशन ने एनर्जी एफिशिएंसी प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ को पत्र भेजकर उत्तर प्रदेश में उपभोक्ताओं के घरों में लगे 11 लाख 54 हजार स्मार्ट मीटर की पुरानी 3जी तकनीक को 4जी तकनीक में तत्काल बदलने का निर्देश दिया है. अभी तक जहां इन स्मार्ट मीटर्स में 3जी तकनीक का प्रयोग हो रहा है, वहीं इन्हें अपडेट कर 4जी तकनीक का कर दिया जाएगा. 4जी तकनीक प्रयोग होने से इसका सीधा फायदा उपभोक्ताओं को मिलेगा. खास बात यह है कि इसके एवज में उपभोक्ताओं से कोई भी चार्ज नहीं लिया जाएगा.


उत्तर प्रदेश पावर काॅरपोरेशन लिमिटेड (Uttar Pradesh Power Corporation Limited) ने भी एनर्जी एफिशिएंसी प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ सख्ती के मूड में आ गया है. उपभोक्ता परिषद लगातार स्मार्ट मीटर तकनीक को लेकर विरोध करता चला आ रहा है और विद्युत नियामक आयोग में याचिका भी लगा चुकी है. उपभोक्ता परिषद लगातार इस बात की मांग कर रहा था कि ईईएसएल को पावर काॅरपोरेशन की तरफ से उत्तर प्रदेश में 50 लाख स्मार्ट मीटर लगाने का जो काम विगत वर्षों में दिया गया था, जिसमें उसके द्वारा लगभग 11 लाख 54 हजार स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं के परिसर पर पुरानी तकनीक के लगा भी दिए गए. उपभोक्ता परिषद ने जब उसकी कारगुजारी का खुलासा किया तो स्मार्ट मीटर पर रोक लग गई. पावर काॅरपोरेशन ने अपने पत्र में इस बात का भी विरोध किया है कि एनर्जी एफिशिएंसी प्रा. लि. पुरानी तकनीक के मीटर बदलने में आनाकानी कर रहा है.

उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कहा कि वर्तमान में जो स्मार्ट प्रीपेड मीटर के टेंडर 4जी तकनीक के निकाले गए हैं, उस टेंडर में देश के बड़े निजी घराने के नाम सामने आ रहे हैं. इस स्मार्ट प्रीपेड मीटर के टेंडर को भी तत्काल निरस्त किया जाए, नहीं तो 1 दिन जब यह मीटर लगने शुरू हो जाएंगे, तब तक पूरे देश में 5जी तकनीक का विस्तार हो जाएगा और अंत में स्मार्ट प्रीपेड मीटर की पुरानी तकनीक हो जाएगी. ऐसे में बिजली कंपनियों के पास अभी भी समय है कि टेंडर को निरस्त कर 5G कितने मीटर का टेंडर निकालना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि जब विद्युत नियामक आयोग द्वारा स्मार्ट मीटर का रोल आउट प्लान अनुमोदित किया गया था, उसी दौरान यह आदेश जारी किए गए थे कि जैसे-जैसे तकनीक में बदलाव होगा जो भी मीटर निर्माता कंपनी होगी, उसे उपभोक्ता परिसर पर लगे मीटरों में उच्च तकनीक परिवर्तित करना होगा, जिसका उन्हें कोई भी अतिरिक्त खर्च नहीं दिया जाएगा. टेंडर की शर्तों के अनुसार, स्मार्ट मीटरों के डिस्कनेक्टर रिकनेक्शन की सफलता लगभग 99.99 प्रतिशत होनी चाहिए थी, लेकिन वर्तमान में डिस्कनेक्शन की सफलता केवल 93 प्रतिशत ही प्राप्त हो रही है, जो काफी गंभीर मामला है.

यह भी पढ़ें : सीमावर्ती इलाकों के विकास में धन की कमी नहीं आएगी आड़े, सीएम योगी ने अधिकारियों को दिए निर्देश

लखनऊ : उपभोक्ता परिषद कि लगातार उठाई जा रही मांग के बाद पावर काॅरपोरेशन ने एनर्जी एफिशिएंसी प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ को पत्र भेजकर उत्तर प्रदेश में उपभोक्ताओं के घरों में लगे 11 लाख 54 हजार स्मार्ट मीटर की पुरानी 3जी तकनीक को 4जी तकनीक में तत्काल बदलने का निर्देश दिया है. अभी तक जहां इन स्मार्ट मीटर्स में 3जी तकनीक का प्रयोग हो रहा है, वहीं इन्हें अपडेट कर 4जी तकनीक का कर दिया जाएगा. 4जी तकनीक प्रयोग होने से इसका सीधा फायदा उपभोक्ताओं को मिलेगा. खास बात यह है कि इसके एवज में उपभोक्ताओं से कोई भी चार्ज नहीं लिया जाएगा.


उत्तर प्रदेश पावर काॅरपोरेशन लिमिटेड (Uttar Pradesh Power Corporation Limited) ने भी एनर्जी एफिशिएंसी प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ सख्ती के मूड में आ गया है. उपभोक्ता परिषद लगातार स्मार्ट मीटर तकनीक को लेकर विरोध करता चला आ रहा है और विद्युत नियामक आयोग में याचिका भी लगा चुकी है. उपभोक्ता परिषद लगातार इस बात की मांग कर रहा था कि ईईएसएल को पावर काॅरपोरेशन की तरफ से उत्तर प्रदेश में 50 लाख स्मार्ट मीटर लगाने का जो काम विगत वर्षों में दिया गया था, जिसमें उसके द्वारा लगभग 11 लाख 54 हजार स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं के परिसर पर पुरानी तकनीक के लगा भी दिए गए. उपभोक्ता परिषद ने जब उसकी कारगुजारी का खुलासा किया तो स्मार्ट मीटर पर रोक लग गई. पावर काॅरपोरेशन ने अपने पत्र में इस बात का भी विरोध किया है कि एनर्जी एफिशिएंसी प्रा. लि. पुरानी तकनीक के मीटर बदलने में आनाकानी कर रहा है.

उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कहा कि वर्तमान में जो स्मार्ट प्रीपेड मीटर के टेंडर 4जी तकनीक के निकाले गए हैं, उस टेंडर में देश के बड़े निजी घराने के नाम सामने आ रहे हैं. इस स्मार्ट प्रीपेड मीटर के टेंडर को भी तत्काल निरस्त किया जाए, नहीं तो 1 दिन जब यह मीटर लगने शुरू हो जाएंगे, तब तक पूरे देश में 5जी तकनीक का विस्तार हो जाएगा और अंत में स्मार्ट प्रीपेड मीटर की पुरानी तकनीक हो जाएगी. ऐसे में बिजली कंपनियों के पास अभी भी समय है कि टेंडर को निरस्त कर 5G कितने मीटर का टेंडर निकालना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि जब विद्युत नियामक आयोग द्वारा स्मार्ट मीटर का रोल आउट प्लान अनुमोदित किया गया था, उसी दौरान यह आदेश जारी किए गए थे कि जैसे-जैसे तकनीक में बदलाव होगा जो भी मीटर निर्माता कंपनी होगी, उसे उपभोक्ता परिसर पर लगे मीटरों में उच्च तकनीक परिवर्तित करना होगा, जिसका उन्हें कोई भी अतिरिक्त खर्च नहीं दिया जाएगा. टेंडर की शर्तों के अनुसार, स्मार्ट मीटरों के डिस्कनेक्टर रिकनेक्शन की सफलता लगभग 99.99 प्रतिशत होनी चाहिए थी, लेकिन वर्तमान में डिस्कनेक्शन की सफलता केवल 93 प्रतिशत ही प्राप्त हो रही है, जो काफी गंभीर मामला है.

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