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नगर विकास मंत्री ने की अर्बन स्लम पुनर्विकास योजना की समीक्षा - लखनऊ नगर विकास मंत्री बैठक

प्रधानमंत्री आवासा योजाना शहरी के अंतर्गत अर्बन स्लम पुनर्विकास योजना को लेकर एक ड्राफ्ट पॉलिसी तैयार की गई है. जिसे लेकर नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन की उपस्थिति में एक बैठक हुई. इस बैठक ड्राफ्ट पॉलिसी की समीक्ष करते हुए आवश्यक संशोधन के निर्देश दिए गए.

मंत्री ने की अर्बन स्लम पुनर्विकास योजना की समीक्षा
मंत्री ने की अर्बन स्लम पुनर्विकास योजना की समीक्षा
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Published : Jun 24, 2021, 8:12 AM IST

लखनऊ: प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के अंर्तगत अर्बन स्लम पुनर्विकास योजना को लेकर नगर विकास मंत्री के निर्देश बाद एक ड्राफ्ट पॉलिसी तैयार की गई है. ड्राफ्ट को लेकर बुधवार को एक महत्वपूर्ण बैठक नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन की उपस्थिति में हुई. बैठक में मंत्री ने ड्राफ्ट पॉलिसी की समीक्षा करते हुए पॉलिसी में आवश्यक संशोधन करने के निर्देश दिए. साथ ही बैठक में मौजूद अधिकारियों को अपर मुख्य सचिव की तरफ से निर्देश दिए गए कि जल्द से जल्द इस योजना का पूरा प्लान और ड्राफ्ट पॉलिसी किए गए संशोधन के साथ तैयार कर ली जाए. जिसके बाद मंत्री के समक्ष ड्राफ्ट पॉलिसी का पुनः प्रस्तुतिकरण करने के बाद उस ड्राफ्ट पॉलिसी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष प्रस्तुत किया जायेगा.

स्लम क्षेत्रों का सौंदर्यीकरण होगा तो मिलेंगे मकान
ड्राफ्ट पॉलिसी की समीक्षा पर चर्चा करते हुए मंत्री ने कहा कि इस योजना से न केवल शहरों का सौंदर्यीकरण होगा बल्कि स्लम में रहने वालों को पक्के मकान भी मिल सकेंगे. जिसके लिए सूडा की ओर से प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत योजना का प्लान तैयार किया जा रहा है. यह भी बताया कि इस योजना को तैयार करते समय यह सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं कि संरचनाओं को डिजाइन एवं ले-आउट करते समय लाभार्थियों की विशेष आवश्यकताओं पर ध्यान दिया जाए. इसके अलावा यह बताया कि इस पॉलिसी के अंर्तगत किसी भी परियोजना का निर्माण कार्य अनुमोदन की तारीख से दो वर्ष के भीतर पूरा किया जाएगा.

योजना का यह है उद्देश्य
अर्बन स्लम पुनर्विकास योजना में राज्य के शहरी क्षेत्रों में सार्वजनिक भूमियों (केंद्रीय सरकार की भूमि राज्य सरकार की भूमि शहरी स्थानीय निकायों की भूमि) पर स्थित स्लम क्षेत्र की जमीनों का चरणबद्ध तरीके से इन-सीटू (स्व-स्थाने) पुनर्विकसित किया जाएगा. निजी भागीदारी के माध्यम से इन-सीटू (स्व-स्थाने) स्लम पुनर्विकास के सभी पहलुओं का ध्यान रखने के लिए एक व्यापक एवं पारदर्शी नीतिगत फ्रेमवर्क बनाया जाएगा. इन-सीटू (स्व-स्थाने) स्लम पुनर्विकास परियोजनाओं के लिए संसाधन के रूप में भूमि का उपयोग करके निजी भागीदारी को आकर्षित करना है. सरकारी भूमि, जिस पर आईएसएसआर परियोजना लागू की जानी है, कार्यदायी संस्था स्थानीय नगरीय निकाय, विकास प्राधिकरण, आवास एवं विकास परिषद को निःशुल्क उपलब्ध करायी जायेगी. सरकारी भूमि पर स्थित स्लमों का आकार छोटे होने की दशा में, ऐसे विभिन्न स्लमों को संगठित कर एक बड़ी परियोजना में परिवर्तित कर लाभान्वित करना है.

इसे भी पढ़ें-लखनऊ विश्वविद्यालय में 4 साल की होगी यूजी की पढ़ाई, पाठ्यक्रम का प्रारूप जार

स्लम क्षेत्र के लाभार्थियों को मिलेगा मकान
इस परियोजना के तहत स्लम में लाभार्थियों को 25-30 वर्ग मीटर के पक्के आवास दिए जाएंगे. लाभार्थियों को पेयजल, सीवरेज लाइन और बिजली कनेक्शन की बुनियादी सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी. क्रेच, शॉपिंग सेंटर, सामुदायिक भवन, अस्पताल आदि जैसी मूलभूत सुविधाओं को झुग्गी पुनर्विकास परियोजनाओं में प्रावधान किए जाएंगे. इसके अलावा जिन लाभार्थियों को अपना स्वंय का व्यवसाय करने लिए जिसे दुकान की आवश्यकता होगी उनको दुकान भी दी जाएगी. बैठक में अपर मुख्य सचिव नगर विकास डॉ. रजनीश दुबे, निदेशक सूडा उमेश प्रताप सिंह, अपर निदेशक सूडा आलोक सिंह समेट कई अधिकारी मौजूद रहे.

लखनऊ: प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के अंर्तगत अर्बन स्लम पुनर्विकास योजना को लेकर नगर विकास मंत्री के निर्देश बाद एक ड्राफ्ट पॉलिसी तैयार की गई है. ड्राफ्ट को लेकर बुधवार को एक महत्वपूर्ण बैठक नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन की उपस्थिति में हुई. बैठक में मंत्री ने ड्राफ्ट पॉलिसी की समीक्षा करते हुए पॉलिसी में आवश्यक संशोधन करने के निर्देश दिए. साथ ही बैठक में मौजूद अधिकारियों को अपर मुख्य सचिव की तरफ से निर्देश दिए गए कि जल्द से जल्द इस योजना का पूरा प्लान और ड्राफ्ट पॉलिसी किए गए संशोधन के साथ तैयार कर ली जाए. जिसके बाद मंत्री के समक्ष ड्राफ्ट पॉलिसी का पुनः प्रस्तुतिकरण करने के बाद उस ड्राफ्ट पॉलिसी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष प्रस्तुत किया जायेगा.

स्लम क्षेत्रों का सौंदर्यीकरण होगा तो मिलेंगे मकान
ड्राफ्ट पॉलिसी की समीक्षा पर चर्चा करते हुए मंत्री ने कहा कि इस योजना से न केवल शहरों का सौंदर्यीकरण होगा बल्कि स्लम में रहने वालों को पक्के मकान भी मिल सकेंगे. जिसके लिए सूडा की ओर से प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत योजना का प्लान तैयार किया जा रहा है. यह भी बताया कि इस योजना को तैयार करते समय यह सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं कि संरचनाओं को डिजाइन एवं ले-आउट करते समय लाभार्थियों की विशेष आवश्यकताओं पर ध्यान दिया जाए. इसके अलावा यह बताया कि इस पॉलिसी के अंर्तगत किसी भी परियोजना का निर्माण कार्य अनुमोदन की तारीख से दो वर्ष के भीतर पूरा किया जाएगा.

योजना का यह है उद्देश्य
अर्बन स्लम पुनर्विकास योजना में राज्य के शहरी क्षेत्रों में सार्वजनिक भूमियों (केंद्रीय सरकार की भूमि राज्य सरकार की भूमि शहरी स्थानीय निकायों की भूमि) पर स्थित स्लम क्षेत्र की जमीनों का चरणबद्ध तरीके से इन-सीटू (स्व-स्थाने) पुनर्विकसित किया जाएगा. निजी भागीदारी के माध्यम से इन-सीटू (स्व-स्थाने) स्लम पुनर्विकास के सभी पहलुओं का ध्यान रखने के लिए एक व्यापक एवं पारदर्शी नीतिगत फ्रेमवर्क बनाया जाएगा. इन-सीटू (स्व-स्थाने) स्लम पुनर्विकास परियोजनाओं के लिए संसाधन के रूप में भूमि का उपयोग करके निजी भागीदारी को आकर्षित करना है. सरकारी भूमि, जिस पर आईएसएसआर परियोजना लागू की जानी है, कार्यदायी संस्था स्थानीय नगरीय निकाय, विकास प्राधिकरण, आवास एवं विकास परिषद को निःशुल्क उपलब्ध करायी जायेगी. सरकारी भूमि पर स्थित स्लमों का आकार छोटे होने की दशा में, ऐसे विभिन्न स्लमों को संगठित कर एक बड़ी परियोजना में परिवर्तित कर लाभान्वित करना है.

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स्लम क्षेत्र के लाभार्थियों को मिलेगा मकान
इस परियोजना के तहत स्लम में लाभार्थियों को 25-30 वर्ग मीटर के पक्के आवास दिए जाएंगे. लाभार्थियों को पेयजल, सीवरेज लाइन और बिजली कनेक्शन की बुनियादी सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी. क्रेच, शॉपिंग सेंटर, सामुदायिक भवन, अस्पताल आदि जैसी मूलभूत सुविधाओं को झुग्गी पुनर्विकास परियोजनाओं में प्रावधान किए जाएंगे. इसके अलावा जिन लाभार्थियों को अपना स्वंय का व्यवसाय करने लिए जिसे दुकान की आवश्यकता होगी उनको दुकान भी दी जाएगी. बैठक में अपर मुख्य सचिव नगर विकास डॉ. रजनीश दुबे, निदेशक सूडा उमेश प्रताप सिंह, अपर निदेशक सूडा आलोक सिंह समेट कई अधिकारी मौजूद रहे.

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