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Uptet Validity: अब बार-बार नहीं देनी होगी परीक्षा, ताउम्र मान्य हुआ TET प्रमाण पत्र - लखनऊ न्यूज

उत्तर प्रदेश में अब शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) के योग्यता प्रमाणपत्र ताउम्र वैध माने जाएंगे. केंद्र सरकार के बाद अब उत्तर प्रदेश सरकार भी इसकी घोषणा कर दी है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को समीक्षा बैठक के बाद इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं.

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यूपी टीईटी.
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Published : Jun 16, 2021, 3:33 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अब शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) के योग्यता प्रमाणपत्र ताउम्र वैध माने जाएंगे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को समीक्षा बैठक के बाद इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं. इसके साथ ही सरकार इन प्रमाण पत्रों की वैधता की अवधि को 5 साल से बढ़ाकर ताउम्र करने जा रही है. जल्द ही इस संबंध में आदेश जारी होने की उम्मीद जताई जा रही है.

शिक्षक के रूप में काम करने के लिए किसी भी व्यक्ति के लिए शिक्षक पात्रता प्रमाण पत्र अनिवार्य होते हैं. वर्तमान व्यवस्था के तहत केंद्र स्तर पर जारी किए जाने वाले टीईटी प्रमाण पत्र 7 साल के लिए मान्य हुआ करते थे. वहीं, उत्तर प्रदेश में इस प्रमाण पत्र की वैधता सिर्फ 5 साल ही थी. ऐसे में हर बार शिक्षक को अपनी योग्यता साबित करनी पड़ती थी.

इसे भी पढ़ें- यूपी शिक्षा सेवा चयन अधिकरण विधेयक का विरोध, जलाई जाएंगी प्रतियां

इसको लेकर शिक्षकों में काफी नाराजगी भी थी. केंद्र सरकार ने इस वैधता की व्यवस्था में परिवर्तन के आदेश जारी कर दिए हैं. इसके तहत यह प्रमाण पत्र अब 7 साल के बजाए ताउम्र वैध माने जाएंगे. शिक्षा मंत्रालय ने यह भी कहा है कि जिन उम्मीदवारों या छात्रों के प्रमाणपत्र की सात वर्ष की अवधि पूरी हो गई है, उनके बारे में संबंधित राज्य सरकार या केंद्र शासित प्रशासन टीईटी की वैधता अवधि के पुनर्निधारण करने या नया टीईटी प्रमाणपत्र जारी करने के लिये जरूरी कदम उठाएंगे. यह व्यवस्था 2011 से प्रभावी होगी.

एनसीटीई (NCET) ने जारी किए यह दिशा निर्देश

  • केंद्र सरकार के बाद नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन की ओर से भी इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए जा चुके हैं.
  • वर्ष 2011 को जारी दिशा-निर्देश में टीईटी प्रमाण पत्र की वैधता संबंधित सरकार द्वारा तय किए जाने और उसे अधिकतम 7 साल रखे जाने का नियम बनाया गया.
  • वर्ष 2011 के इस नियम में परिवर्तन कर दिया गया है. सक्षम सरकार की तरफ से कोई और आदेश न जारी किए जाने तक इसे ताउम्र मान्य किया गया है.
  • इस आदेश के आधार पर 2011 में टीईटी पास करने वालों अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्रों की जो वैधता समाप्त हो गई है, इस संबंध में संबंधित सरकार अलग से प्रमाण पत्र जारी करें.

यह है उत्तर प्रदेश में तैयारी

केंद्र सरकार और एनसीटीई के दिशा-निर्देशों के बाद उत्तर प्रदेश सरकार के स्तर पर भी कवायद शुरू कर दी गई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा-निर्देश के बाद अब जल्द ही इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी होने की उम्मीद जताई जा रही है.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अब शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) के योग्यता प्रमाणपत्र ताउम्र वैध माने जाएंगे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को समीक्षा बैठक के बाद इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं. इसके साथ ही सरकार इन प्रमाण पत्रों की वैधता की अवधि को 5 साल से बढ़ाकर ताउम्र करने जा रही है. जल्द ही इस संबंध में आदेश जारी होने की उम्मीद जताई जा रही है.

शिक्षक के रूप में काम करने के लिए किसी भी व्यक्ति के लिए शिक्षक पात्रता प्रमाण पत्र अनिवार्य होते हैं. वर्तमान व्यवस्था के तहत केंद्र स्तर पर जारी किए जाने वाले टीईटी प्रमाण पत्र 7 साल के लिए मान्य हुआ करते थे. वहीं, उत्तर प्रदेश में इस प्रमाण पत्र की वैधता सिर्फ 5 साल ही थी. ऐसे में हर बार शिक्षक को अपनी योग्यता साबित करनी पड़ती थी.

इसे भी पढ़ें- यूपी शिक्षा सेवा चयन अधिकरण विधेयक का विरोध, जलाई जाएंगी प्रतियां

इसको लेकर शिक्षकों में काफी नाराजगी भी थी. केंद्र सरकार ने इस वैधता की व्यवस्था में परिवर्तन के आदेश जारी कर दिए हैं. इसके तहत यह प्रमाण पत्र अब 7 साल के बजाए ताउम्र वैध माने जाएंगे. शिक्षा मंत्रालय ने यह भी कहा है कि जिन उम्मीदवारों या छात्रों के प्रमाणपत्र की सात वर्ष की अवधि पूरी हो गई है, उनके बारे में संबंधित राज्य सरकार या केंद्र शासित प्रशासन टीईटी की वैधता अवधि के पुनर्निधारण करने या नया टीईटी प्रमाणपत्र जारी करने के लिये जरूरी कदम उठाएंगे. यह व्यवस्था 2011 से प्रभावी होगी.

एनसीटीई (NCET) ने जारी किए यह दिशा निर्देश

  • केंद्र सरकार के बाद नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन की ओर से भी इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए जा चुके हैं.
  • वर्ष 2011 को जारी दिशा-निर्देश में टीईटी प्रमाण पत्र की वैधता संबंधित सरकार द्वारा तय किए जाने और उसे अधिकतम 7 साल रखे जाने का नियम बनाया गया.
  • वर्ष 2011 के इस नियम में परिवर्तन कर दिया गया है. सक्षम सरकार की तरफ से कोई और आदेश न जारी किए जाने तक इसे ताउम्र मान्य किया गया है.
  • इस आदेश के आधार पर 2011 में टीईटी पास करने वालों अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्रों की जो वैधता समाप्त हो गई है, इस संबंध में संबंधित सरकार अलग से प्रमाण पत्र जारी करें.

यह है उत्तर प्रदेश में तैयारी

केंद्र सरकार और एनसीटीई के दिशा-निर्देशों के बाद उत्तर प्रदेश सरकार के स्तर पर भी कवायद शुरू कर दी गई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा-निर्देश के बाद अब जल्द ही इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी होने की उम्मीद जताई जा रही है.

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