लखनऊ : लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश में प्रदूषण की स्थिति खतरनाक है. यही वजह है कि डीजल वाहनों के कई जिलों में दूसरे जिलों से आने वाले वाहनों के रजिस्ट्रेशन पर प्रतिबंध लगा हुआ है. परिवहन निगम में तमाम ऐसी बसें संचालित हो रही है जो खूब प्रदूषण फैला रही हैं. बसों का पॉल्यूशन खत्म हो चुका है. बिना पॉल्यूशन सर्टिफिकेट के यह बसें सड़क पर संचालित हो रही हैं और परिवहन निगम के अधिकारियों का इस ओर ध्यान जा ही नहीं रहा है. कई ऐसी भी बसें संचालित हो रही हैं जिनका रोड टैक्स बकाया है.
लखनऊ आरटीओ कार्यालय में दर्ज बस नंबर यूपी 32 एमएन 4304 का प्रदूषण 24 अक्टूबर 2022 को ही समाप्त हो चुका है फिर भी इतने महीनों से बिना प्रदूषण सर्टिफिकेट के ही यह बस धड़ल्ले से दौड़ रही है. इतना ही नहीं बस का टैक्स भी 31 जनवरी को ही समाप्त हो चुका है. इसी तरह बस संख्या यूपी 32 एमएन 6799 बस का 28 नवंबर 2022 को ही पॉल्यूशन खत्म हो चुका है, लेकिन सड़क पर बस का संचालन लगातार जारी है. बस संख्या यूपी 33 एटी 6404 रायबरेली आरटीओ कार्यालय में दर्ज है इसका टैक्स 30 जून तक ही जमा है फिर भी गाड़ी संचालित हो रही है. बस संख्या यूपी 70 ईटी 7333 का टैक्स 31 जनवरी 2023 से जमा ही नहीं है. बिना टैक्स जमा किए ही इस बस का संचालन जारी है. बस संख्या यूपी 53 डीटी 1196 गोरखपुर आरटीओ कार्यालय में दर्ज है इस यूरो टू बस का टैक्स 30 जून तक ही जमा है फिर भी बस चल रही है. बस संख्या यूपी 70 डीटी 4457 का 31 दिसंबर 2022 को टैक्स खत्म हो चुका है, लेकिन बस का संचालन पहले की ही तरह जारी है.
बेवजह भरना पड़ेगा जुर्माना : अब सवाल यही है कि अगर बस का प्रदूषण खत्म हो चुका है और बस का संचालन पहले की ही तरह जारी है. ऐसे में अगर चेकिंग अभियान के दौरान बस पकड़ ली जाती है तो 10 हजरा रुपये का जुर्माना भरना पड़ेगा. इसी तरह जिन बसों पर टैक्स बकाया है तो उनका भी जुर्माना बेवजह ही भरना पड़ेगा.