लखनऊ : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम धीरे-धीरे निजीकरण की तरफ बढ़ने लगा है. अब यूपीएसआरटीसी के 19 डिपो के मेंटेनेंस की जिम्मेदारी परिवहन निगम ने प्राइवेट फर्म को देने का फैसला लिया है. हाल ही में निदेशक मंडल की बैठक में इस पर मुहर भी लगा दी गई. उत्तर प्रदेश में परिवहन निगम के कुल 20 रीजन है इनमें से एक रीजन में पहले से ही निजीकरण की व्यवस्था लागू है. अब 19 रीजन के एक-एक डिपो में बसों की मरम्मत की जिम्मेदारी आउटसोर्स के हवाले होगी. इन 19 डिपो में से लखनऊ रीजन का अवध डिपो भी शामिल है.
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अवध डिपो प्राइवेट कर्मचारियों के हवाले : लखनऊ रीजन की बात करें तो यहां पर एसी बसों के हब वाले अवध डिपो की जिम्मेदारी प्राइवेट फर्म संभालेगी. यानी अब ऐसी बसों का मेंटेनेंस परिवहन निगम के कर्मचारियों के बजाय प्राइवेट कर्मचारी करेंगे. गर्मी के मौसम में अमूमन हर रोज एसी जनरथ बसों के बीच रास्ते खराब होने या फिर एसी न चलने की यात्रियों की शिकायतें आती रही थीं जिससे अब डिपो के बसों की मेंटेनेंस की जिम्मेदारी प्राइवेट हाथों में सौंपने का फैसला लिया गया है.
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