लखनऊ: फिल्म को टैक्स फ्री किए जाने के मामले में सोमवार को योगी सरकार विधान परिषद में घिरती नजर आई. विपक्ष के सदस्यों ने एसिड सर्वाइवर पर केंद्रित दीपिका पादुकोण की फिल्म 'छपाक' को टैक्स फ्री न किए जाने को लेकर सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए. सदस्यों ने एक समिति बनाकर फिल्मों को टैक्स फ्री किए जाने की व्यवस्था को पारदर्शी बनाने पर जोर दिया.
नियम के अनुसार द चिल्ड्रन फिल्म सोसायटी द्वारा निर्मित अथवा अधिग्रहित फिल्म, भारत सरकार से राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म, सर्वश्रेष्ठ हिंदी फीचर फिल्म और सर्वश्रेष्ठ बाल फिल्म, अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह में सर्वश्रेष्ठ भारतीय फिल्म, भारत सरकार के फिल्म डिविजन द्वारा निर्मित डॉक्यूमेंट्री, समाज कल्याण पर आधारित फिल्म हो, जिसका 75 विभाग परिवार नियोजन पर ही हो. राज्य सरकार, केंद्र सरकार, राज्य शिक्षा संस्थान की ओर से निर्मित उद्देश्य पूर्ण फिल्में. इसके अलावा लोकहित जन उपयोगी, समाज के लिए पथ प्रदर्शक एवं सार्थक संदेश देने वाली फिल्में टैक्स फ्री की जाती हैं.
सदस्यों ने की कमेटी बनाने की मांग
सदस्य ने पूछा कि तान्हा जी, सुपर थर्टी सरीखी अन्य फिल्मों को टैक्स फ्री किया गया है तो यह किस आधार पर किया गया है. उसका फैसला कैसे किया गया, जिस पर नेता सदन डॉक्टर दिनेश शर्मा ने बताया कि सरकारी अधिकारियों की एक कमेटी है, जो फिल्मों की समीक्षा करते हैं और टैक्स फ्री करने के बारे में फैसला करते हैं. इसका सदस्यों ने विरोध किया और कहा कि जो लोग समीक्षा करते हैं, वहीं लोग फैसला करते हैं तो सरकार क्या करती है. सदस्यों ने मांग की कि कमेटी बनाई जाए, जो फिल्मों को टैक्स फ्री करने के बारे में फैसला करें और जो फिल्म में अब तक टैक्स फ्री की गई हैं. उनकी समीक्षा और फैसले की रिपोर्ट सदन के समक्ष रखी जाए.
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