ETV Bharat / state

UPPCL चेयरमैन ने दो इंजीनियरों को किया बर्खास्त, इस मामले में पाये गये दोषी

यूपी पावर कारपोरेशन के चेयरमैन ने दो इंजीनियरों पर बड़ी कार्रवाई की है. चेयरमैन ने दोनों अभियंताओं को सेवा से बर्खास्त कर दिया है. अभियंताओं पर घूस मांगने का आरोप लगा था.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Mar 30, 2023, 10:36 AM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज ने बुधवार को विभाग के दो इंजीनियरों पर बड़ी कार्रवाई कर दी. उन्होंने भ्रष्टाचार में संलिप्त दो इंजीनियरों को सेवा से बर्खास्त कर दिया है. दोनों ही अभियंताओं पर उपभोक्ताओं से घूस मांगने के आरोप लगे थे जिसकी जांच कराई गई. जांच में यह आरोप सही साबित हुए. इसके बाद यूपीपीसीएल के चेयरमैन ने दोनों अभियंताओं को सेवा से बर्खास्त कर दिया. चेयरमैन की इस कार्रवाई से अब ऊर्जा विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है. बर्खास्त किए गए दो अवर अभियंताओं में एक मामला लखनऊ के बख्शी का तालाब उपकेंद्र से संबंधित है तो दूसरा शामली के विद्युत उपकेंद्र से संबंधित है.


उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि 'लखनऊ के बख्शी का तालाब के अंतर्गत बौरूमऊ उपकेंद्र के तत्कालीन अवर अभियंता ओमप्रकाश पर यह आरोप लगे थे कि उन्होंने उपभोक्ता नन्हे से एस्टीमेट बनाने के नाम पर ₹20 हजार घूस मांगी थी. साल 2022 में वीडियो और ऑडियो वायरल हुआ था. इसके बाद अवर अभियंता ओम प्रकाश को बख्शी का तालाब से निलंबित कर रहीम नगर खंड में अटैच कर दिया गया था. पूरे मामले की जांच के लिए जांच समिति का गठन किया गया. समिति ने अवर अभियंता से बयान दर्ज कराए और उपभोक्ता नन्हे के भी बयान दर्ज हुए. समिति ने बारीकी से पूरे मामले की जांच की. जांच में साबित हुआ कि अवर अभियंता ने उपभोक्ता से एस्टीमेट के नाम पर ₹20 हजार घूस मांगी थी. समिति को बरगलाने के लिए अवर अभियंता ने यह वीडियो और ऑडियो दूसरी जगह का बताया था, लेकिन वह यह साबित नहीं कर पाया और उसके पास बचने के लिए कोई जवाब भी नहीं था. समिति ने अपनी जांच रिपोर्ट में अवर अभियंता ओमप्रकाश को दोषी मानते हुए कार्रवाई की संस्तुति पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज को भेजी थी. बुधवार को चेयरमैन एम देवराज ने भ्रष्टाचार में लिप्त तत्कालीन अवर अभियंता ओमप्रकाश को सेवा से बर्खास्त करने के आदेश जारी कर दिए.'



दूसरा मामला शिकायतकर्ता रणवीर सिंह से जुड़ा है. उन्होंने उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा से शामली के दुल्लाखेड़ी उपकेंद्र के अवर अभियंता अशोक कुमार पर ₹100000 लेकर अवैध विद्युत लाइन तैयार कर ट्यूबल चलाने और अनावश्यक परेशान करने का आरोप लगाकर शिकायत की थी. इस गंभीर मामले की जांच के निर्देश ऊर्जा मंत्री ने दिए थे. मामले की जांच कराई गई तो पाया गया कि शिकायतकर्ता रणवीर के नलकूप संयोजन के लिए ठेकेदार सुभाष के साथ मिलकर अवर अभियंता अशोक कुमार ने ₹100000 लेकर अन्य उपभोक्ता घनश्याम को जारी ट्रांसफार्मर रणवीर के नलकूप परिसर पर लगा दिया. पूरे मामले की जांच में तत्कालीन अवर अभियंता अशोक कुमार को समिति ने दोषी करार दिया. बुधवार को पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज ने दुल्लाखेड़ी विद्युत उपकेंद्र शामली में तैनात रहे अवर अभियंता अशोक कुमार को सेवा से बर्खास्त करने के आदेश दे दिए.

यह भी पढ़ें : IPL मैच के दर्शकों को इकाना स्टेडियम तक पहुंचाएंगी 13 स्पेशल इलेक्ट्रिक बसें, ये होगा किराया

लखनऊ : उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज ने बुधवार को विभाग के दो इंजीनियरों पर बड़ी कार्रवाई कर दी. उन्होंने भ्रष्टाचार में संलिप्त दो इंजीनियरों को सेवा से बर्खास्त कर दिया है. दोनों ही अभियंताओं पर उपभोक्ताओं से घूस मांगने के आरोप लगे थे जिसकी जांच कराई गई. जांच में यह आरोप सही साबित हुए. इसके बाद यूपीपीसीएल के चेयरमैन ने दोनों अभियंताओं को सेवा से बर्खास्त कर दिया. चेयरमैन की इस कार्रवाई से अब ऊर्जा विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है. बर्खास्त किए गए दो अवर अभियंताओं में एक मामला लखनऊ के बख्शी का तालाब उपकेंद्र से संबंधित है तो दूसरा शामली के विद्युत उपकेंद्र से संबंधित है.


उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि 'लखनऊ के बख्शी का तालाब के अंतर्गत बौरूमऊ उपकेंद्र के तत्कालीन अवर अभियंता ओमप्रकाश पर यह आरोप लगे थे कि उन्होंने उपभोक्ता नन्हे से एस्टीमेट बनाने के नाम पर ₹20 हजार घूस मांगी थी. साल 2022 में वीडियो और ऑडियो वायरल हुआ था. इसके बाद अवर अभियंता ओम प्रकाश को बख्शी का तालाब से निलंबित कर रहीम नगर खंड में अटैच कर दिया गया था. पूरे मामले की जांच के लिए जांच समिति का गठन किया गया. समिति ने अवर अभियंता से बयान दर्ज कराए और उपभोक्ता नन्हे के भी बयान दर्ज हुए. समिति ने बारीकी से पूरे मामले की जांच की. जांच में साबित हुआ कि अवर अभियंता ने उपभोक्ता से एस्टीमेट के नाम पर ₹20 हजार घूस मांगी थी. समिति को बरगलाने के लिए अवर अभियंता ने यह वीडियो और ऑडियो दूसरी जगह का बताया था, लेकिन वह यह साबित नहीं कर पाया और उसके पास बचने के लिए कोई जवाब भी नहीं था. समिति ने अपनी जांच रिपोर्ट में अवर अभियंता ओमप्रकाश को दोषी मानते हुए कार्रवाई की संस्तुति पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज को भेजी थी. बुधवार को चेयरमैन एम देवराज ने भ्रष्टाचार में लिप्त तत्कालीन अवर अभियंता ओमप्रकाश को सेवा से बर्खास्त करने के आदेश जारी कर दिए.'



दूसरा मामला शिकायतकर्ता रणवीर सिंह से जुड़ा है. उन्होंने उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा से शामली के दुल्लाखेड़ी उपकेंद्र के अवर अभियंता अशोक कुमार पर ₹100000 लेकर अवैध विद्युत लाइन तैयार कर ट्यूबल चलाने और अनावश्यक परेशान करने का आरोप लगाकर शिकायत की थी. इस गंभीर मामले की जांच के निर्देश ऊर्जा मंत्री ने दिए थे. मामले की जांच कराई गई तो पाया गया कि शिकायतकर्ता रणवीर के नलकूप संयोजन के लिए ठेकेदार सुभाष के साथ मिलकर अवर अभियंता अशोक कुमार ने ₹100000 लेकर अन्य उपभोक्ता घनश्याम को जारी ट्रांसफार्मर रणवीर के नलकूप परिसर पर लगा दिया. पूरे मामले की जांच में तत्कालीन अवर अभियंता अशोक कुमार को समिति ने दोषी करार दिया. बुधवार को पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज ने दुल्लाखेड़ी विद्युत उपकेंद्र शामली में तैनात रहे अवर अभियंता अशोक कुमार को सेवा से बर्खास्त करने के आदेश दे दिए.

यह भी पढ़ें : IPL मैच के दर्शकों को इकाना स्टेडियम तक पहुंचाएंगी 13 स्पेशल इलेक्ट्रिक बसें, ये होगा किराया

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.