लखनऊ : उत्तर प्रदेश में सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानें अब जनरल मर्चेंट की तरह नजर आएंगी. पारंपरिक तौर पर मिलने वाले राशन के अलावा दुकानों पर रोजमर्रा की जरूरतों के अनेक सामान भी बिकते हुए नजर आएंगे, वह भी उचित दरों पर, जिससे ना केवल राशनकार्ड धारकों खरीदारों को राशन आसानी से उपलब्ध होगा बल्कि जिनके पास राशन कार्ड नहीं है उनको भी सामान सस्ते दर पर मिलेगा. सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों की उपयोगिता इससे काफी बढ़ जाएगी. राज्य सरकार की ओर से इस आशय का शासनादेश जारी कर दिया गया है.
राज्य खाद्य आपूर्ति विभाग की ओर से जारी शासनादेश के मुताबिक उत्तर प्रदेश आवश्यक वस्तु (विक्रय एवं वितरण नियंत्रण का विनियमन) में यह व्यवस्था है कि राज्य सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली में वितरित खाद्यान्नों और अन्य अनुसूचित वस्तुओं के अलावा अन्य वस्तुओं के विक्रय को उचित मूल्य पर किया जा सकता है. मौजूदा समय में सस्ते गल्ले की दुकान में गेहूं, चावल, दाल, आटा, चीनी, खाद्य तेल, मिट्टी का तेल, मोटा, अनाज, नमक मिलता है.
शासनादेश के बाद इनके अतिरिक्त जनोपयोगी रोजमर्रा की वस्तुएं जैसे साबुन, शैम्पू, टूथपेस्ट, चाय, पेन, कॉपी, स्वास्थ्य सुरक्षा सम्बंधी वस्तुएं जैसे ओआरएस टैबलेट घोल, निरोध, सेनेटरी नैपकीन आदि के विक्रय की व्यवस्था रहेगी. इसके अलावा दूध एवं दूध से बने उत्पाद, सौंदर्य प्रसाधन सामग्री टूथब्रश, बिस्किट, सोयाबीन, ब्रेड, गुड़, घी, क्रीम, धूपबत्ती, कंघी, दर्पण, नमकीन, सूखे मेवे (पैक्ड), बेबी केयर उत्पाद डायपर, साबुन, मसाज तेल, बॉडी लोशन भी मिलेगा.
मानकों के अनुरूप रखनी होंगी वस्तुएंः वस्तुओं की बिक्री की अनुमति उचित दर दुकान के माध्यम से इस शर्त पर प्रदान की जाएगी कि इन वस्तुओं का विनिर्माता एफएसएसएआई के मानकों का अनुपालन करता हो तथा जिन वस्तुओं की गुणवत्ता प्रमाणीकरण की आवश्यकता हो. ये वस्तुएं सक्षम स्तर से प्रमाणीकृत होंगी. इसके साथ ही उपरोक्त वस्तुएं केवल उन उचित दर दुकानों से विक्रय की जायेगी जो ऐसे मुख्य मार्ग पर स्थित हों जहां भारी वाहनों का आवागमन सुचारू रूप से हो सकता है. आयुक्त, खाद्य एवं रसद विभाग के स्तर पर एक समिति का गठन किया जायेगा, जिसमें एक सदस्य खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन का होगा, यह समिति अनुमन्य वस्तुओं की समय-समय पर समीक्षा करते रहेगी.
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