लखनऊ: उत्तर प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई तरह की चीजें लगातार सरकार व पर्यटन विभाग की ओर से की जा रही है. इसी कड़ी में प्रदेश में टूरिज्म ट्रैवल मैनेजमेंट के छात्रों को मानदेय के आधार पर पर्यटन के साथ जोड़ने के लिए पर्यटन विभाग मुख्यमंत्री टूरिज्म फेलोशिप योजना (Chief Minister Tourism Fellowship) की रूपरेखा तैयार कर रहा है. इसके अंतर्गत युवाओं को सरकार के साथ मिलकर पर्यटन नीति, प्रबंधन, क्रियान्वयन तथा अनुश्रवण के कार्यों में सहभागिता का अवसर प्रदान किया जाएगा. इसके तहत सरकार 100 शोधार्थियों का चयन करेगी. यह जानकारी पर्यटन एवं सांस्कृतिक मंत्री जयवीर सिंह ने दी.
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह की ओर से जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि सरकार की समस्त योजनाओं का समवर्ती मूल्यांकन करने के लिए प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों व कॉलेजों से 100 शोधार्थियों का चयन किया जाएगा. शोधार्थियों प्रदेश के विभिन्न जिलों में हो रहे पर्यटन के कार्यों की समीक्षा का कार्य करेंगे. इनके द्वारा मंडल आयोग जिलाधिकारी क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारियों तथा जिला पर्यटन एवं संस्कृति परिषद के समन्वय करने का काम करेंगे. जयवीर सिंह ने बताया कि इसके अलावा प्रदेश में गंगा सर्किट को बढ़ावा देने के लिए गंगा के किनारे स्थित 15 गांव का चयन किया गया है.
यूपी पर्यटन विभाग (UP Tourism Department) इन गांवों को विकसित करने के लिए आरएफपी अपलोड करने की कार्रवाई कर रहा है. इसके अलावा इन गांव के विकास के लिए प्रस्ताव उपलब्ध कराने के लिए क्षेत्रीय अधिकारियों को निर्देश दिया गया है. ज्ञात हो कि पर्यटन विभाग प्रदेश में पर्यटन की गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए कई तरह की गतिविधियां व प्रोग्राम लॉन्च कर रहा है. प्रदेश के नए पर्यटन नीति 2022 के तहत उत्तर प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जहां विश्वविद्यालयों व डिग्री कॉलेजों सहित स्कूलों में युवा पर्यटन क्लबों की स्थापना की जा रही है. वहीं देश की विलुप्त हो रही कलाकृतियों व्यंजनों व सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण के लिए संस्थाओं के साथ अनुबंध भी किया जा रहा है. इसके लिए सरकार की ओर से इन्हें बजट भी मुहैया कराया जाएगा.
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