लखनऊ: रूस-यूक्रेन के बीच जारी जंग से अब वहां के हालात काफी खराब हो रहे हैं. इस बीच उत्तर प्रदेश के कई छात्र जो पढ़ाई करने यूक्रेन गए थे. अब वहां जारी युद्ध के चलते फंस चुके हैं. ऐसे में कई छात्रों ने वीडियो जारी कर मदद की गुहार लगाई है. वहीं, उनके परिजनों ने भारत सरकार से बच्चों को वापस लाने की मांग की है.
अमेठी: यूक्रेन में फंसे अमेठी के एक युवक का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वायरल वीडियो में युवक अपना नाम मोहम्मद सैफ खान बताते हुए कह रहा है कि जंग होने के कारण मैं यहां फंसा हुआ हूं. यहां पर कल ही लवीव में, कीव में, ईवानो फ्रंकिस में भी हमला हुआ है. हम लोगों के एयरपोर्ट को बर्बाद किया जा रहा है ताकि कोई मदद न मिल सके. मोहम्मद सैफ ने कहा कि हम भारत सरकार से रिक्वेस्ट करते हैं कि जल्द से जल्द हम लोगों को यहां से निकालने का कुछ इंतेजाम करें.
कुशीनगर: मेडिकल की पढ़ाई करने गये कुशीनगर जनपद के एक दर्जन से ज्यादा छात्र यूक्रेन में फंसे हुए हैं. हालांकि सभी छात्र सुरक्षित हैं और बम धमाकों से काफी दूर हैं. इसके बावजूद भी उनके परिजनों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच गई हैं. परिजनों को इस बात का डर सता रहा है कि यदि कहीं रूस और यूक्रेन की लड़ाई विश्व युद्ध में तब्दील हो गई तो उनके बच्चों की सुरक्षा खतरे में पड़ जाएगी. वहीं, परिजनों ने पीएम मोदी से मांग की है कि जितने भी भारतीय छात्र वहां फंसे हुए हैं उन्हें खतरे से बाहर निकाला जाए.
बरेली: फतेहगंज पश्चिमी से यूक्रेन एमएमबीएस की पढ़ाई करने गए मोहल्ला अंसारी निवासी मोहम्मद जाकिर के बेटे मोहम्मद आसिफ यूक्रेन-रूस में जारी जंग के बीच वहां फंस गए हैं. जिससे उनके परिजन और रिश्तेदार खासा परेशान हैं. मोहम्मद आसिफ ने साल 2018 में यूक्रेन के आर्किव नेशनल यूनिवर्सिटी में प्रवेश लिया था.
उन्नाव: जनपद के पुरवा कस्बे के मोहल्ला पश्चिमटोला निवासी अरुण गुप्ता पुत्र अशोक गुप्ता की बड़ी बेटी बीते 13 दिसंबर 2021 को यूक्रेन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंट कमांडो स्पेशलिस्ट की पढ़ाई करने कारसीव शहर गई थी, लेकिन यूक्रेन-रूस में जारी जंग के चलते वह वहां फंस गई. जिससे परिजन खासा परेशान हैं. पिता अरुण गुप्ता ने बताया कि उनकी सुबह बेटी से बात हुई थी. फिलहाल वह अपने अन्य दोस्तों के साथ वहां सुरक्षित है, लेकिन घबराई हुई है.
फर्रुखाबाद: उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले के कई छात्र यूक्रेन में एमबीबीएस कर रहे हैं. जब रूस ने यूक्रेन में हमला किया तो छात्र के परिजन भी दहशत में आ गए हैं. वह लगातार अपने-अपने बच्चों से संपर्क कर वहां के हालात की जानकारी ले रहे हैं. हालांकि सभी छात्र अभी तक सुरक्षित हैं.
24 फरवरी को यूक्रेन से लौटे हिमांशु राजपूत ने बताया कि वह एमबीबीएस के पांचवें वर्ष का छात्र है और यूक्रेन में पढ़ाई कर रहा हैं. रूस और यूक्रेन के बीच ताना-तानी काफी दिनों से चल रही है. इस बीच तमाम आशंकाएं थीं और अफवाहें भी फैली थी. लेकिन हकीकत में कुछ नहीं था. हालत गंभीर हुए तो भारतीय दूतावास से 17 फरवरी को हालात की जानकारी दी गई तो उसने तत्काल एयर टिकट बुक कराई घर पहुंचे तो माता-पिता के अलावा दादी मालती देवी व बाबा कालीचरण की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. हिमांशु ने बताया कि जब तक इस स्थिति में सुधार नहीं होता तब तक यहीं से ऑनलाइन पढ़ाई शुरु करेंगे.वहीं जनपद मैनपुरी के भोगांव थाना क्षेत्र के गड्डा निवासी कमलेश राजपूत शमशाबाद थाना क्षेत्र के चिलसरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्वास्थ्य पर फार्मासिस्ट हैं. उनका पुत्र प्रतीक यूक्रेन में एमबीबीएस कर रहा है. जबकि छोटा पुत्र प्रभात फार्मेसी कर चुका है. प्रतीक की मां ने बताया कि बेटे से बात हुई है और वह वहां ठीक है.
चंदौली: यूक्रेन व रूस के बीच छिड़ी जंग की आंच चंदौली तक पहुंच गई है. यूक्रेन में मेडिकल की शिक्षा हासिल करके अपने सपनों को पंख लगाने के लिए गए चंदौली के डिग्घी गांव के 2 युवा इस वक्त युद्ध झेल रहे यूक्रेन में फंसे हुए हैं. इसमें एक नौजवान जहां अपनी जान बचाकर स्थानीय लोगों के साथ बंकर में शरण लिए हुए है. वहीं दूसरा नौजवान अभी-भी हास्टल में है. ये दोनों नौजवान एक ही परिवार के हैं और आपस में चचेरे भाई हैं.
यूक्रेन में युद्ध छिड़ने के बाद दोनों के छात्रों के परिवार वाले इनकी वापसी के लिए जहां जद्दोजहद कर रहे हैं. वहीं इनकी सलामी के लिए पूरा परिवार व रिश्तेदार दुआएं कर रहे हैं. फिलहाल दोनों अपने परिवार से बीच-बीच में संपर्क कर अपने सलामत होने का संदेश पहुंचा रहे है. बावजूद इसके परिवार के लोगों की चिंताएं समय बढ़ने के साथ ही बढ़ती जा रही हैं.
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