लखनऊः यूपी एसटीएफ (UP STF) ने बुधवार शाम को निवेश के नाम पर 100 करोड़ ठगने वाले शाइन सिटी की जगुआर टीम के प्रेसीडेंट मो. अकरम खान, मैनेजर अनूप सिंह और उसकी पत्नी राजरानी को गिरफ्तार किया है. अनूप की पत्नी राजरानी भी कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत थी. वहीं, दुबई में छिपे कंपनी के सीएमडी राशिद नसीम समेत कई लोगों की तलाश की जा रही है. पुलिस ने राशिद नसीम के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया है.
एडीजी एसटीएफ अमिताभ यश के मुताबिक 60 हजार करोड़ ठगने वाली शाइन सिटी कंपनी के एमडी राशिद नसीम, उसके भाई आसिफ नसीम के साथ ही कंपनी के 40 से अधिक अफसरों और कर्मचारियों के खिलाफ लखनऊ समेत प्रदेश के कई जिलों साथ ही दिल्ली, बिहार, पश्चिम बंगाल, गुवाहाटी जैसे राज्यों में धोखाधड़ी के 4000 मामले दर्ज हो चुके हैं. सिर्फ लखनऊ के गोमतीनगर थाने में ही 238 केस दर्ज हैं. देश में शाइन सिटी कम्पनी की ठगी के शिकार लोगों की संख्या 10 लाख से भी अधिक है. लखनऊ पुलिस ने दोनों भाइयों पर पर 50-50 हजार और वाराणसी पुलिस ने 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है. इसके अलावा ईडी ने भी दोनों महाठग भाइयों समेत शाइन सिटी कंपनी के छह अफसरों के खिलाफ मनी लॉड्रिंग एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है.
यूपी एसटीएफ की मानें तो कंपनी में लोगों को झांसा लेकर ठगी करने के लिए कई टीम बनाई गई थीं. कंपनी में सिंघम टीम, जगुआर टीम, विक्रांत टीम, गरुणा टीम, पैंथर टीम 1, स्पार्टन टीम, स्पार्टा टीम, डोमिनेटर टीम, किंग आफ स्पार्टन आदि 20 टीमें थी. इन्हीं में से एक ये लोग जागुआर टीम के सदस्य थे, जिसमें 200 लोग काम करते थे. इनमें पीआईपी प्लान, एसबीसी (क्रिप्टो करेन्सी/वर्चुवल करेन्सी), गीत ज्वैलरी (बाई वन गेट वन फ्री) कार डिस्काउंट ऑफर आदि प्लान में भी लोगों के पैसे लगवाए. यूपी एसटीएफ की पूछताछ में जगुआर टीम के प्रेसीडेंट मो.अकरम खान ने बताया कि उसने 2013 में शाइन सिटी कंपनी में एसोसिएट के पद पर ज्वाइन किया था. 2013 से लेकर 2019 तक विभिन्न प्लान समेत जमीन में निवेश के नाम पर ज्यादा मुनाफा दिलाने के नाम पर कई लोगों के पैसे कंपनी में लगवाए.
बता दें कि महाठग राशिद नसीम के पास एक इंच भी जमीन नहीं थी. लेकिन लखनऊ से सटे कई इलाकों में करोड़ों रुपये के जमीन का मालिक बनकर कंप्यूटर पर रियल स्टेट का प्रोजेक्ट बनाकर बेच रहा था. राशिद ने पूरे प्रदेश और फिर देश के कई राज्यों में नेटवर्क फैलाया. एजेंटों के जरिए उसने लोगों से निवेश में मुनाफा, प्लॉट और मकान देने के नाम पर सैकड़ों करोड़ रुपया इकट्ठा किया और फरार हो गया.