लखनऊ : प्रदेश की बिजली कंपनियों ने विद्युत नियामक आयोग में पिछले हफ्ते पुराना स्लैब परिवर्तन दाखिल कर चोर दरवाजे से बिजली दरों में गुपचुप बढ़ोतरी के लिए वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआआर) आयोग में दाखिल कर दिया है. अब उपभोक्ता परिषद ने बिजली दरों में कमी के लिए अपनी लामबंदी तेज कर दी है. उसी क्रम में उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से सचिवालय स्थित उनके कार्यालय में मुलाकात की.
'दाखिल होना चाहिए था प्रस्ताव'
अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि बिजली कंपनियों ने सरकार को गुमराह कर जो एआरआर दाखिल किया है वह पूरी तरह गलत है. विगत वर्ष बिजली दर के आदेश में आयोग द्वारा बिजली कंपनियों पर उपभोक्ताओं का उदय योजना के तहत 13337 करोड़ निकला था जो अब इंटरेस्ट सहित 19525 करोड़ पहुंच गया है. ऐसे में बिजली दरों में कमी का प्रस्ताव दाखिल होना चाहिए था जो नहीं किया गया.
'कंपनियों पर निकल रहे हैं हजारों करोड़'
अवधेश वर्मा ने कहा कि अब सरकार उपभोक्ताओं का साथ दे और सरकार को विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 108 के तहत लोक महत्व का मामला मानते हुए विद्युत नियामक आयोग को विद्युत उपभोक्ताओं की बिजली दरों में 25% कमी करने के लिए निर्देशित करना चाहिए. इससे प्रदेश के तीन करोड़ उपभोक्ताओं के साथ न्याय हो सकेगा.
इसे भी पढ़ें - फर्जी दत्तक विलेख से नौकरी पाने वाले कर्मचारी को नहीं मिली राहत