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UP RERA शिकायतों के समाधान में सबसे आगे, करीब 44 हजार शिकायतों के निस्तारण का दावा

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Published : Aug 22, 2023, 3:02 PM IST

उत्तर प्रदेश भूसंपदा विनियामक प्राधिकरण (UP RERA) ने करीब 444 हजार से ज्यादा शिकायतों को निस्तारण करके कीर्तिमान स्थापित किया है. इसके अलावा कन्सिलीऐशन फोरम के माध्यम से लगभग 7400 से ज्यादा मामलों में लगभग 2,925 करोड़ रुपये मूल्य की परिसंपत्तियों को विवाद मुक्त कराया गया है.

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लखनऊ : उत्तर प्रदेश भूसंपदा विनियामक प्राधिकरण (UP RERA) में पिछले पांच वर्षों से अब तक कुल 50666 से अधिक शिकायतें दर्ज हुईं और लगभग 43929 शिकायतों का निस्तारण हो चुका है. यह आंकड़ा देश में कुल रेरा शिकायतों के समाधान का लगभग 40 प्रतिशत है. शिकायतों के प्राप्त होने के उपरान्त यूपी रेरा ने सभी शिकायतों की सुनवाई कर उन्हें रीयल एस्टेट (नियमन और विकास) अधिनियम 2016 के नियमों के अधीन जांच कर और नियमानुसार कार्यान्वयन आदेशों का पालन करवाया.

UP RERA शिकायतों के समाधान में सबसे आगे.
UP RERA शिकायतों के समाधान में सबसे आगे.


यूपी रेरा के प्रवक्ता की ओर से जानकारी दी गई है कि उत्तर प्रदेश रेरा के गठन के उपरान्त उत्तर प्रदेश के रीयल एस्टेट क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन देखने को मिला है. यूपी रेरा ने बहुआयामी प्रयास कर प्रोमोटर्स को उनकी जिम्मेदारियों और ग्राहकों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया. जिसका परिणाम सकारात्मक रहा और यूपी रेरा में बड़ी संख्या में शिकायतें दर्ज भी हुईं और निस्तारित भी. नवागत अध्यक्ष उत्तर प्रदेश रेरा संजय भूसरेड्डी ने कहा कि देश भर के रेरा के लिए यूपी रेरा ने एक उदाहरण प्रस्तुत किया है. यदि भारत के रीयल एस्टेट क्षेत्र को विकसित करना है तो होम बायर्स और प्रोमोटर्स दोनों की समस्याओं को शीघ्रातिशीघ्र निस्तारित कर एक सकारात्मक वातावरण का निर्माण करना होगा. यूपी रेरा ने इस क्षेत्र में इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए नए कदम उठाने की तैयारी कर रहा है और आने वाले समय में होम बायर्स के अधिक और शीघ्र शिकायत निस्तारण की सुविधा प्राप्त होगी. उत्तर प्रदेश रेरा नई ऊर्जा के साथ उत्तर प्रदेश के रियल एस्टेट क्षेत्र को निरंतर सशक्त करने के लिए निरंतर कोशिश करता रहेगा.

UP RERA शिकायतों के समाधान में सबसे आगे.
UP RERA शिकायतों के समाधान में सबसे आगे.

छह साल बाद आवंटी को मिला ब्याज और इकाई का कब्जा


प्रोमोटर ‘मेसर्स वेव वन प्राइवेट लिमिटेड की गौतमबुद्ध नगर स्थित 'वेव वन' परियोजना के एक आवंटी फिरोज अली को विलंब अवधि का ब्याज का समायोजन शेष बकाया राशि में कराते हुए यूपी रेरा ने छह साल बाद इकाई का कब्जा दिलवाया है. प्रोमोटर ने आवंटी के पक्ष में प्राधिकरण से जारी आदेश का अनुपालन करते हुए एग्रीमेन्ट फॉर सेल के अनुरूप इकाई का कब्जा दिया. कब्जा देने में हुए विलम्ब के ब्याज का समायोजन शेष बकाया राशि में किया. इसमें आवंटी की देनदारी न्यूनतम करा दी गई. दोनों पक्षों के बीच हुए समझौते के अनुसार आवंटी को सिर्फ छह लाख 85 हजार रुपये का भुगतान करना होगा, जबकि वास्तविक बकाया राशि लगभग 18 लाख थी.

UP RERA शिकायतों के समाधान में सबसे आगे.
UP RERA शिकायतों के समाधान में सबसे आगे.

राजस्थान निवासी फिरोज अली ने प्रोमोटर की व्यावसायिक परियोजना वेव वन में लगभग 66 लाख रुपये के लागत की एक इकाई के लिए वर्ष 2013 में लगभग 48 लाख रुपये का भुगतान किया था. एग्रीमेन्ट फॉर सेल के अनुसार आवंटी को साल 2017 तक कब्जा प्राप्त होना था, लेकिन तय समय तक इकाई का कब्जा न मिलने और संतोषजनक निर्माण प्राप्त न होने की स्थिति में आवंटी ने 2021 में यूपी रेरा में शिकायत (NCR144/02/70767/2021) दर्ज करके निवेशित धनराशि वापस दिलाने की मांग की थी. सुनवाई में पारित आदेश आवंटी के पक्ष में आया था जिसका अनुपलान प्रोमोटर द्वारा किया जाना था. आवंटी ने पारित आदेश का कार्यान्वन सुनिश्चित करवाने के लिए पोर्टल पर ऑनलाइन आदेश का अनुपालन कराने का अनुरोध दर्ज किया था.

UP RERA शिकायतों के समाधान में सबसे आगे.
UP RERA शिकायतों के समाधान में सबसे आगे.

मामले में सुनवाई करते हुए प्राधिकरण ने प्रोमोटर के खिलाफ वसूली प्रमाण पत्र जारी करने का आदेश दिया था. इसी बीच प्रोमोटर ने परियोजना पूरी होने के बाद आवंटी को कब्जा देने का प्रस्ताव दिया. जिससे विवाद का आपसी समझौते से समाधान हुआ. यूपी रेरा से वसूली प्रमाण पत्र जारी होने के आदेश के बाद प्रोमोटर ने आवंटी के समक्ष समझौते का प्रस्ताव रखा था. जिसके अनुसार इकाई का कब्जा और कब्जा मिलने में हुई देरी का ब्याज देना शामिल था. आवंटी ने प्रस्ताव स्वीकार करते हुए एग्रीमेन्ट पर हस्ताक्षर कर लिया. प्रोमोटर ने इसकी एक प्रतिलिपि प्राधिकरण में जमा कर दी. लगभग छह साल बाद इकाई का कब्जा और विलम्ब अवधि का ब्याज का समायोजन अंतिम मांग राशि में होने से आवंटी ने प्राधिकरण की सराहना की.





यह भी पढ़ें : ज्ञानवापी परिसर विवाद सांप्रदायिक नहीं, आध्यात्मिक मुद्दा: अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन

लखनऊ : उत्तर प्रदेश भूसंपदा विनियामक प्राधिकरण (UP RERA) में पिछले पांच वर्षों से अब तक कुल 50666 से अधिक शिकायतें दर्ज हुईं और लगभग 43929 शिकायतों का निस्तारण हो चुका है. यह आंकड़ा देश में कुल रेरा शिकायतों के समाधान का लगभग 40 प्रतिशत है. शिकायतों के प्राप्त होने के उपरान्त यूपी रेरा ने सभी शिकायतों की सुनवाई कर उन्हें रीयल एस्टेट (नियमन और विकास) अधिनियम 2016 के नियमों के अधीन जांच कर और नियमानुसार कार्यान्वयन आदेशों का पालन करवाया.

UP RERA शिकायतों के समाधान में सबसे आगे.
UP RERA शिकायतों के समाधान में सबसे आगे.


यूपी रेरा के प्रवक्ता की ओर से जानकारी दी गई है कि उत्तर प्रदेश रेरा के गठन के उपरान्त उत्तर प्रदेश के रीयल एस्टेट क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन देखने को मिला है. यूपी रेरा ने बहुआयामी प्रयास कर प्रोमोटर्स को उनकी जिम्मेदारियों और ग्राहकों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया. जिसका परिणाम सकारात्मक रहा और यूपी रेरा में बड़ी संख्या में शिकायतें दर्ज भी हुईं और निस्तारित भी. नवागत अध्यक्ष उत्तर प्रदेश रेरा संजय भूसरेड्डी ने कहा कि देश भर के रेरा के लिए यूपी रेरा ने एक उदाहरण प्रस्तुत किया है. यदि भारत के रीयल एस्टेट क्षेत्र को विकसित करना है तो होम बायर्स और प्रोमोटर्स दोनों की समस्याओं को शीघ्रातिशीघ्र निस्तारित कर एक सकारात्मक वातावरण का निर्माण करना होगा. यूपी रेरा ने इस क्षेत्र में इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए नए कदम उठाने की तैयारी कर रहा है और आने वाले समय में होम बायर्स के अधिक और शीघ्र शिकायत निस्तारण की सुविधा प्राप्त होगी. उत्तर प्रदेश रेरा नई ऊर्जा के साथ उत्तर प्रदेश के रियल एस्टेट क्षेत्र को निरंतर सशक्त करने के लिए निरंतर कोशिश करता रहेगा.

UP RERA शिकायतों के समाधान में सबसे आगे.
UP RERA शिकायतों के समाधान में सबसे आगे.

छह साल बाद आवंटी को मिला ब्याज और इकाई का कब्जा


प्रोमोटर ‘मेसर्स वेव वन प्राइवेट लिमिटेड की गौतमबुद्ध नगर स्थित 'वेव वन' परियोजना के एक आवंटी फिरोज अली को विलंब अवधि का ब्याज का समायोजन शेष बकाया राशि में कराते हुए यूपी रेरा ने छह साल बाद इकाई का कब्जा दिलवाया है. प्रोमोटर ने आवंटी के पक्ष में प्राधिकरण से जारी आदेश का अनुपालन करते हुए एग्रीमेन्ट फॉर सेल के अनुरूप इकाई का कब्जा दिया. कब्जा देने में हुए विलम्ब के ब्याज का समायोजन शेष बकाया राशि में किया. इसमें आवंटी की देनदारी न्यूनतम करा दी गई. दोनों पक्षों के बीच हुए समझौते के अनुसार आवंटी को सिर्फ छह लाख 85 हजार रुपये का भुगतान करना होगा, जबकि वास्तविक बकाया राशि लगभग 18 लाख थी.

UP RERA शिकायतों के समाधान में सबसे आगे.
UP RERA शिकायतों के समाधान में सबसे आगे.

राजस्थान निवासी फिरोज अली ने प्रोमोटर की व्यावसायिक परियोजना वेव वन में लगभग 66 लाख रुपये के लागत की एक इकाई के लिए वर्ष 2013 में लगभग 48 लाख रुपये का भुगतान किया था. एग्रीमेन्ट फॉर सेल के अनुसार आवंटी को साल 2017 तक कब्जा प्राप्त होना था, लेकिन तय समय तक इकाई का कब्जा न मिलने और संतोषजनक निर्माण प्राप्त न होने की स्थिति में आवंटी ने 2021 में यूपी रेरा में शिकायत (NCR144/02/70767/2021) दर्ज करके निवेशित धनराशि वापस दिलाने की मांग की थी. सुनवाई में पारित आदेश आवंटी के पक्ष में आया था जिसका अनुपलान प्रोमोटर द्वारा किया जाना था. आवंटी ने पारित आदेश का कार्यान्वन सुनिश्चित करवाने के लिए पोर्टल पर ऑनलाइन आदेश का अनुपालन कराने का अनुरोध दर्ज किया था.

UP RERA शिकायतों के समाधान में सबसे आगे.
UP RERA शिकायतों के समाधान में सबसे आगे.

मामले में सुनवाई करते हुए प्राधिकरण ने प्रोमोटर के खिलाफ वसूली प्रमाण पत्र जारी करने का आदेश दिया था. इसी बीच प्रोमोटर ने परियोजना पूरी होने के बाद आवंटी को कब्जा देने का प्रस्ताव दिया. जिससे विवाद का आपसी समझौते से समाधान हुआ. यूपी रेरा से वसूली प्रमाण पत्र जारी होने के आदेश के बाद प्रोमोटर ने आवंटी के समक्ष समझौते का प्रस्ताव रखा था. जिसके अनुसार इकाई का कब्जा और कब्जा मिलने में हुई देरी का ब्याज देना शामिल था. आवंटी ने प्रस्ताव स्वीकार करते हुए एग्रीमेन्ट पर हस्ताक्षर कर लिया. प्रोमोटर ने इसकी एक प्रतिलिपि प्राधिकरण में जमा कर दी. लगभग छह साल बाद इकाई का कब्जा और विलम्ब अवधि का ब्याज का समायोजन अंतिम मांग राशि में होने से आवंटी ने प्राधिकरण की सराहना की.





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