लखनऊः पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम को प्राइवेट किए जाने को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं. इसी बीच शनिवार को उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के अधिकारियों ने एक बैठक की. इस बैठक में निर्णय हुआ कि निगम का प्राइवेट किया जाना उपभोक्ता और कर्मचारियों के अहित में होगा, जिसके बाद अधिकारियों ने ऊर्जा मंत्री को एक ज्ञापन सौंपा.
पावर कॉरपोरेशन ऑफिसर्स एसोसिएशन ने शनिवार को पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के लिमिटेड के प्राइवेट होने के मामले में बैठक की. इस दौरान बिना निजीकरण किए निगम में व्यापक सुधार की कार्य योजना बनाने पर सहमति बनी. उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के चेयरमैन अरविंद कुमार, प्रबंध निदेशक एम देवराज और उत्पादन निगम के प्रबंध निदेशक सेंथिल पांडियन के बीच निजीकरण को लेकर करीब 1 घंटे मीटिंग चली. इस दौरान यह निष्कर्ष निकला कि निजीकरण कर्मी और उपभोक्ता के हित के खिलाफ है.
उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के इस बैठक में निर्णय के बाद 5 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से उनके आवास पर मुलाकात किया. इस दौरान एक ज्ञापन सौंपा और कहा सरकार निजीकरण का फैसला वापस ले. हम सभी सुधार कर पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम को आगे बढ़ाएंगे. इस ज्ञापन पर ऊर्जा मंत्री ने प्रतिनिधिमंडल मंडल को आश्वासन दिया कि इस पर विचार करेंगे.