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मोदी के करीबी एके शर्मा की राह में योगी आदित्यनाथ बने सबसे बड़ा रोड़ा !

उत्तर प्रदेश में राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गयी हैं. पीएम मोदी के करीबी माने जाने वाले गुजरात कैडर के पूर्व IAS एके शर्मा का नाम इन दिनों सुर्खियों में है. राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि एके शर्मा को योगी मंत्रिमंडल में बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है,

Ak Sharma
Ak Sharma
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Published : Jun 1, 2021, 5:16 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के सियासी गलियारे में मौजूदा समय का सबसे चर्चित नाम एके शर्मा हैं. गुजरात कैडर के पूर्व आईएएस अधिकारी भाजपा एमएलसी एके शर्मा के योगी मंत्रिमंडल में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही हैं. वीआरएस लेकर भाजपा में शामिल होने वाले दिन से आज तक चर्चा में हैं. उनकी ताकत, उनकी पहुंच, प्रधानमंत्री मोदी से करीबी और अब वाराणसी में उनके द्वारा किए गए कोविड प्रबंधन की चर्चा लगातार की जा रही है. इन्हीं चीजों को आधार बनाकर कभी उनके डिप्टी सीएम बनने तो कभी कैबिनेट मंत्री के रूप में विशेष ताकत दिए जाने की बात की जा रही है.


सरकार में शर्मा की एंट्री में सबसे बड़ी रुकावट बन रहे सीएम योगी

पीएम मोदी के करीबी पूर्व नौकरशाह शर्मा के बारे में सत्ता के गलियारे से अब एक नई सुगबुगाहट सुनाई दे रही है. बताया जा रहा है कि शर्मा की सरकार में एंट्री में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सबसे बड़ी रुकावट बनकर उभरे हैं. बीजेपी का एक धड़ा दावा करता है कि अगर योगी मंत्रिमंडल का विस्तार होता है तो एके शर्मा को कैबिनेट मंत्री जरूर बनाया जाएगा. उन्हें गृह, स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा और एमएसएमई जैसे महत्वपूर्ण विभाग दिए जा सकते हैं. पार्टी सूत्रों का कहना है कि फिलहाल अभी अगले 15 दिनों तक विस्तार की कोई बात ही नहीं है. यदि विस्तार होता है तो एके शर्मा उसमें शामिल किए जाएंगे. रही बात विभाग की तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस बात से कतई सहमत नहीं हैं कि शर्मा को गृह विभाग या स्वास्थ्य विभाग दिया जाए. वह इसके पीछे का कारण बताते हैं कि मुख्यमंत्री का मानना है कि अगर गृह विभाग और स्वास्थ्य विभाग शर्मा को दिया जाएगा तो लोगों के बीच यह संदेश जाएगा कि मौजूदा सरकार कोरोना और कानून-व्यवस्था को संभालने में असफल रही है. ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी छवि खराब नहीं होने देना चाहेंगे.

विपक्ष बनाएगा इसे बड़ा मुद्दा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कैंप के लोगों का कहना है कि इस सरकार में प्रदेश की कानून-व्यवस्था बेहतर हुई है. इसका श्रेय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ही जाता है. दूसरी बड़ी उपलब्धि के रूप में मुख्यमंत्री का कोविड प्रबंधन रहा है. पहली लहर में प्रदेश में बहुत बेहतर ढंग से काम हुआ. दूसरी लहर आने पर शुरुआती दिनों में थोड़ी अव्यवस्थाएं रहीं लेकिन मुख्यमंत्री के कठिन परिश्रम की वजह से वह सारी चीजें ठीक हुईं. आज सरकार का दावा भी है कि टेस्ट, ट्रेस और ट्रीट की रणनीति पर काम करते हुए कोरोना संक्रमण को रोकने में सरकार को सफलता मिली है. ऐसे में अगर गृह और स्वास्थ्य विभाग एके शर्मा को दिया जाएगा तो लोग इसे योगी की असफलताओं के रूप में देखेंगे. विपक्ष इसे बड़ा मुद्दा बनाएगा. यदि विपक्ष ने बड़ा मुद्दा बनाया तो भारतीय जनता पार्टी को 2022 के चुनाव में नुकसान उठाना पड़ सकता है.

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के सियासी गलियारे में मौजूदा समय का सबसे चर्चित नाम एके शर्मा हैं. गुजरात कैडर के पूर्व आईएएस अधिकारी भाजपा एमएलसी एके शर्मा के योगी मंत्रिमंडल में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही हैं. वीआरएस लेकर भाजपा में शामिल होने वाले दिन से आज तक चर्चा में हैं. उनकी ताकत, उनकी पहुंच, प्रधानमंत्री मोदी से करीबी और अब वाराणसी में उनके द्वारा किए गए कोविड प्रबंधन की चर्चा लगातार की जा रही है. इन्हीं चीजों को आधार बनाकर कभी उनके डिप्टी सीएम बनने तो कभी कैबिनेट मंत्री के रूप में विशेष ताकत दिए जाने की बात की जा रही है.


सरकार में शर्मा की एंट्री में सबसे बड़ी रुकावट बन रहे सीएम योगी

पीएम मोदी के करीबी पूर्व नौकरशाह शर्मा के बारे में सत्ता के गलियारे से अब एक नई सुगबुगाहट सुनाई दे रही है. बताया जा रहा है कि शर्मा की सरकार में एंट्री में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सबसे बड़ी रुकावट बनकर उभरे हैं. बीजेपी का एक धड़ा दावा करता है कि अगर योगी मंत्रिमंडल का विस्तार होता है तो एके शर्मा को कैबिनेट मंत्री जरूर बनाया जाएगा. उन्हें गृह, स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा और एमएसएमई जैसे महत्वपूर्ण विभाग दिए जा सकते हैं. पार्टी सूत्रों का कहना है कि फिलहाल अभी अगले 15 दिनों तक विस्तार की कोई बात ही नहीं है. यदि विस्तार होता है तो एके शर्मा उसमें शामिल किए जाएंगे. रही बात विभाग की तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस बात से कतई सहमत नहीं हैं कि शर्मा को गृह विभाग या स्वास्थ्य विभाग दिया जाए. वह इसके पीछे का कारण बताते हैं कि मुख्यमंत्री का मानना है कि अगर गृह विभाग और स्वास्थ्य विभाग शर्मा को दिया जाएगा तो लोगों के बीच यह संदेश जाएगा कि मौजूदा सरकार कोरोना और कानून-व्यवस्था को संभालने में असफल रही है. ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी छवि खराब नहीं होने देना चाहेंगे.

विपक्ष बनाएगा इसे बड़ा मुद्दा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कैंप के लोगों का कहना है कि इस सरकार में प्रदेश की कानून-व्यवस्था बेहतर हुई है. इसका श्रेय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ही जाता है. दूसरी बड़ी उपलब्धि के रूप में मुख्यमंत्री का कोविड प्रबंधन रहा है. पहली लहर में प्रदेश में बहुत बेहतर ढंग से काम हुआ. दूसरी लहर आने पर शुरुआती दिनों में थोड़ी अव्यवस्थाएं रहीं लेकिन मुख्यमंत्री के कठिन परिश्रम की वजह से वह सारी चीजें ठीक हुईं. आज सरकार का दावा भी है कि टेस्ट, ट्रेस और ट्रीट की रणनीति पर काम करते हुए कोरोना संक्रमण को रोकने में सरकार को सफलता मिली है. ऐसे में अगर गृह और स्वास्थ्य विभाग एके शर्मा को दिया जाएगा तो लोग इसे योगी की असफलताओं के रूप में देखेंगे. विपक्ष इसे बड़ा मुद्दा बनाएगा. यदि विपक्ष ने बड़ा मुद्दा बनाया तो भारतीय जनता पार्टी को 2022 के चुनाव में नुकसान उठाना पड़ सकता है.

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