लखनऊ : उत्तर प्रदेश पुलिस की अपातकाल सेवा यूपी 112 में अचानक 515 कॉल टैकर्स महिला कर्मचारियों के धरने पर जाने से अधिकारियों को अपने महिला कांस्टेबल का सहारा लेना पड़ा है. इसके लिए लगभग 600 महिला आरक्षियों को यूपी 112 में आने वाली कॉल को रिसीव करने के लिए लगाया गया है. वहीं 11 दिन गुजर जाने के बाद भी सेवा प्रदाता कंपनी we win अब तक नियमित कॉल टेकर्स की भर्ती नहीं कर सका है. एडीजी यूपी 112 नीरा रावत ने मंगलवार को बताया कि हम फिलहाल अपनी महिला आरक्षियों से काम ले रहे हैं. जल्द ही we win उन्हें कॉल टेकर मुहैया करा देगी. उन्होंने कहा जो युवतियां धरने पर थीं वो भी अगर वापस आकर जॉब करना चाहेंगी तो उन्हें मौका दिया जाएगा.
यूपी 112 में बीते छह वर्षों से प्रदेश भर के लोगों की कॉल उठा कर उन्हे मदद का भरोसा देने वाली 673 युवतियों में अब महज 158 ही काम कर रही हैं. बाकी युवतियों ने नई कंपनी द्वारा वाजिब वेतन न दिए जाने पर धरने पर चली गई थी. मंगलवार को एडीजी 112 ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि इन लड़कियों के धरने पर जाने के कारण आम लोगों को कोई समस्या न आए इसके लिए पहले से ही प्रशिक्षित महिला सिपाहियों को कॉल उठाने के काम में लगाया गया है. बीते तीन दिनों में 63 हजार 320 कॉल उठाई गई है.
नियम के तहत ही दिया जा रहा वेतन : एडीजी यूपी 112 नीरा रावत ने कहा कि पहले काम करने वाले टेक महिंद्रा यूपी 112 में काम करने वाली कॉल टेकर्स को 8,674 रुपए बेसिक वेतन देती थी जो सेमी स्किल्ड के तौर पर थी. जब नई कंपनी we win का चयन हुआ तो यूपी 112 प्रबंधन ने कंपनी से पहले से कार्य कर रही लड़कियों को स्किल्ड कर्मचारी के तौर पर वेतन देने के लिए कहा था. इसी पर कंपनी ने सभी लड़कियों को 10 हजार 700 रुपये बेसिक और अन्य अलाउंस के साथ ऑफर लेटर दिया था. 673 एंप्लॉई में 158 ने ऑफर स्वीकार कर लिया. अन्य धरने पर चली गईं. एडीजी 112 नीरा रावत ने कहा कि यदि धरने पर गईं युवतियां 112 में वापस आना चाहती हैं तो हम कोशिश करेंगे कि वो हमारे साथ काम करें. एडीजी ने बताया कि टेक महिंद्रा के समय 673 लड़कियां कॉल रिसीव करती थीं. फिलहाल अभी जब we win सेवा दे रही हैं तो पुलिसकर्मियों को मिला कर 409 लोग कॉल रिसीव कर रहे हैं.