लखनऊ: उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बच्चा चोरी की अफवाहों के चलते भीड़ किसी भी अनजान शख्स की पिटाई कर दे रही है. सहारनपुर के देवबंद (Deoband of Saharanpur) में बच्चा चोरी में एक युवक की हत्या कर दी गई जबकि प्रयागराज में एक शख्स की पिटाई की गई. ऐसे में यूपी पुलिस ने लोगों से कानून हाथ में न लेने की अपील की है. इसके साथ ही अधिकारियों के लिए गाइडलाइन भी जारी की है.
बता दें कि यूपी पुलिस को सोशल मीडिया के जरिए बच्चा चोरी के शक में अब तक मारपीट की 32 शिकायत मिली हैं, जिसमें 19 FIR दर्ज हुई है. वहीं, 35 लोग अब तक गिरफ्तार किए जा चुके हैं. इस मामले में अपर पुलिस महानिदेशक (Additional DGP) कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि डीजीपी मुख्यालय (DGP Headquarters) ने सभी एसएसपी को बच्चा चोरी की मिथ्या अफवाहों पर प्रभावी रोक लगाने व अफवाह फैलाने वाले तत्वों को चिन्हित कर प्रभावी कार्यवाही करने के संबंध में निर्देश दिये हैं.
बच्चा चोरी की किसी भी घटना की सूचना चाहे वह अफवाह हो या वास्तविक घटना हो उस पर उच्च स्तर की संवेदनशीलता प्रदर्शित करते हुये तत्परता पूर्वक कार्यवाही की जाए. बच्चों के गुमशुदगी व अपहरण के प्रकरणों पर तत्काल प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीकृत कर गंभीरता पूर्वक विवेचनात्मक कार्यवाही व बरामदगी की जाये. इस संबंध में उच्च कोटि की संवदेनशीलता बरतने हेतु निर्देशित किया गया है. यदि कोई भी सूचना प्राप्त होती है तो तत्काल घटनास्थल पर पहुंचकर उचित कार्यवाही की जाये.
पुलिस के आकस्मिक सहायता नंबरों यथा डायल-112, स्थानीय कन्ट्रोलरूम के नम्बर तथा थाने व जनपदीय अधिकारियों के सीयूजी नम्बरों के सम्बन्ध में जानकारी दी जाय तथा किसी अफवाह अथवा घटना के सम्बन्ध में उक्त नम्बरों पर तत्काल सूचित करते हुये वास्तविक स्थिति की जानकारी करने के संबंध में भी जागरूक किया जाए. पब्लिक एड्रेस सिस्टम एवं पीआरवी वाहनों में उपलब्ध माइक व लाउडहेलर के माध्यम से जनता को ऐसी अफवाहों से दूर रहने व अवैधानिक गतिविधि में संलिप्त न होने की हिदायत के साथ उन्हें आश्वस्त किया जाय कि स्थानीय पुलिस उनके सहयोग करने हेतु सदैव तत्पर एवं सक्षम है.
इस प्रकार की घटना कारित करने वाले भीड़ में शामिल सभी व्यक्तियों की शिनाख्त कर उनके विरूद्ध जीरो टॉलरेन्स की नीति अपनायी जाये. अफवाह फैलाने के आधार पर हिंसा की घटना पर सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत किया जाय. हिंसा कर लोक शान्ति भंग करने वाले एवं अफवाह फैलाने वाले अराजक तत्वों को चिन्हित कर उनके विरूद्ध एन०एस०ए० की कार्यवाही हेतु जिला मजिस्ट्रेट को समस्त तथ्यों से अवगत कराया जाए.
सभी पीआरवी वाहनों एवं गश्त मोबाइलों को इस दिशा में और अधिक क्रियाशील बनाया जाय तथा निमित्त राजपत्रित अधिकारियों के माध्यम से उन्हें संवेदनशील बनाते हुये यह निर्देशित किया जाय कि इस प्रकार की घटना की रोकथाम शासन एवं पुलिस की सर्वोच्च प्राथमिकता है.
ग्राम प्रहरियों (चौकीदार) की महत्ता को दृष्टिगत रखते हुये थाना प्रभारी उनके साथ गोष्ठी आयोजित कर उन्हें इस संबंध में संवेदनशील बनाते हुये निर्देशित करें कि उनके क्षेत्राधिकार में यदि कोई सूचना प्राप्त होती है तो तत्काल बीट के पुलिस कर्मियों (police personnel of beat) थाना प्रभारी को सूचित कर प्रभावी कार्यवाही किया जाय.
कम्यूनिटी पुलिसिंग के लिये उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा विकसित C-Plan App का महत्तम प्रयोग कर जनता के ज्यादा से ज्यादा व्यक्तियों से सम्पर्क कर अफवाह फैलाने वाले व्यक्तियों को चिन्हित करने व इस प्रकार की घटना की रोकथाम हेतु उनका सहयोग प्राप्त किया जाय.
बच्चा चोरी की अफवाहों पर नियंत्रण हेतु जनपद सोशल मीडिया टीम को सकिय करते हुये डिजिटल वॉलिंटियर (digital volunteer) के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाया जाए. जिले के सोशल मीडिया सेल द्वारा 24X7 मानीटरिंग करते हुये सोशल मीडिया के विभिन्न माध्यम पर बच्चा चोरी से संबंधित अफवाहों व मिथ्या सूचनाओं का तत्काल खण्डन करते हुये दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध कठोर वैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए.
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जिले में इधर-उधर निराश्रित भटक रहे अर्द्धविक्षिप्त व्यक्तियों को चिन्हित कर उन्हें नियमानुसार उनके परिजनों को सुपुर्द करने, अस्पताल भेजने आदि की कार्यवाही स्थानीय मजिस्ट्रेट एवं अन्य संबंधित विभागों के सहयोग से की जाए. इस संबंध में मानसिक स्वास्थ्य अधिनियम 1987 के प्रावधानों का सम्यक अध्ययन कर तदनुसार कार्यवाही कराई जाए.
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