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विकास दुबे एनकाउंटर मामले में यूपी पुलिस को मिली क्लीन चिट - lucknow news

कानपुर के बिकरू गांव में आठ पुलिसवालों की हत्या कर सुर्ख़ियों में आए गैंगस्टर विकास दुबे एनकाउंटर मामले में यूपी पुलिस को क्लीन चिट मिल गई है. सूत्रों के अनुसार सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित जस्टिस बीएस चौहान कमेटी को यूपी पुलिस के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं मिला है. 8 महीने चली जांच में कमेटी को एक भी ऐसा गवाह नहीं मिला जिससे साबित हो सके कि एनकाउंटर फर्जी था.

vikas dubey
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Published : Apr 21, 2021, 9:24 AM IST

लखनऊ : सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित जस्टिस बीएस चौहान कमेटी ने अपनी जांच रिपोर्ट में यूपी पुलिस को क्लीन चिट दे दी है. सूत्रों के अनुसार जांच के दौरान जस्टिस बीएस चौहान ने कई पुलिसकर्मियों से घंटों पूछताछ की, लेकिन कमेटी को एक भी पुख्ता सबूत नहीं मिला, जिससे यह साबित हो सके कि एनकाउंटर फर्जी था. जांच कमेटी की इस रिपोर्ट के बाद यूपी पुलिस ने राहत की सांस ली है.

ये था मामला

गौरतलब है कि 2 जुलाई 2020 की रात चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में दबिश देने गई पुलिस टीम पर विकास दुबे और उसके गुर्गों ने अंधाधुंध फायरिंग की थी. इस शूटआउट में 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे. इसके बाद एक्शन में आई पुलिस ने विकास दुबे के चार गुर्गों को मुठभेड़ में मार गिराया था, लेकिन मुख्य आरोपी विकास दुबे फरार चल रहा था. 9 जुलाई को विकास दुबे ने उज्जैन के महाकाल मंदिर में सरेंडर कर दिया. इसके बाद उज्जैन से वापस लाते समय पुलिस की गाड़ी पलटने के बाद विकास दुबे पुलिस की पिस्टल लेकर भागा, पीछा करने पर उसने पुलिस पर फायरिंग की. पुलिस ने जवाबी फायरिंग की और विकास दुबे की मुठभेड़ में मौत हो गई.

लखनऊ : सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित जस्टिस बीएस चौहान कमेटी ने अपनी जांच रिपोर्ट में यूपी पुलिस को क्लीन चिट दे दी है. सूत्रों के अनुसार जांच के दौरान जस्टिस बीएस चौहान ने कई पुलिसकर्मियों से घंटों पूछताछ की, लेकिन कमेटी को एक भी पुख्ता सबूत नहीं मिला, जिससे यह साबित हो सके कि एनकाउंटर फर्जी था. जांच कमेटी की इस रिपोर्ट के बाद यूपी पुलिस ने राहत की सांस ली है.

ये था मामला

गौरतलब है कि 2 जुलाई 2020 की रात चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में दबिश देने गई पुलिस टीम पर विकास दुबे और उसके गुर्गों ने अंधाधुंध फायरिंग की थी. इस शूटआउट में 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे. इसके बाद एक्शन में आई पुलिस ने विकास दुबे के चार गुर्गों को मुठभेड़ में मार गिराया था, लेकिन मुख्य आरोपी विकास दुबे फरार चल रहा था. 9 जुलाई को विकास दुबे ने उज्जैन के महाकाल मंदिर में सरेंडर कर दिया. इसके बाद उज्जैन से वापस लाते समय पुलिस की गाड़ी पलटने के बाद विकास दुबे पुलिस की पिस्टल लेकर भागा, पीछा करने पर उसने पुलिस पर फायरिंग की. पुलिस ने जवाबी फायरिंग की और विकास दुबे की मुठभेड़ में मौत हो गई.

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