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UP Municipal Elections: हाईकोर्ट ने पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को चुनौती देने वाली याचिका पर किया जवाब-तलब

यूपी स्टेट लोकल बॉडीज डेडीकेटेड बैकवर्ड क्लास कमीशन की रिपोर्ट को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में चुनौती दी गई है. कोर्ट ने इस पर राज्य सरकार और राज्य चुनाव आयोग से जवाब तलब किया है.

nagar nikay election
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Published : Apr 10, 2023, 8:45 PM IST

लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में यूपी स्टेट लोकल बॉडीज डेडीकेटेड बैकवर्ड क्लास कमीशन की रिपोर्ट को चुनौती दे गई है. याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने राज्य सरकार व राज्य चुनाव आयोग से जवाब तलब किया है. मामले की अगली सुनवाई 19 अप्रैल को होगी. यह आदेश न्यायमूर्ति राजन रॉय व न्यायमूर्ति मनीष कुमार की खंडपीठ ने मुरादाबाद के सुहैल खान की याचिका पर पारित किया है.

याचिका में आरक्षण सम्बंधी अध्यादेश को चुनौती दी गई है. याची की ओर से दलील दी गई कि नगर पालिका अधिनियम में पुराने नियम के तहत राज्य स्तर पर आरक्षण लागू करने का प्रावधान था. लेकिन अब अध्यादेश द्वारा संशोधन कर कमिश्नरी व जनपद स्तर पर आरक्षण लागू कर दिया गया है, जो असंवैधानिक है. याची की ओर से यह भी कहा गया है कि पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट में पिछड़ी जातियों के राजनीतिक पिछड़ेपन का सही अध्ययन नहीं किया गया है. कहा गया है कि पुराने डाटा को ही नए सिरे से प्रस्तुत कर दिया गया है.वहीं, याचिका का राज्य सरकार व राज्य चुनाव आयोग ने विरोध किया. दोनों पक्षों की बहस सुनने के उपरांत न्यायालय ने प्रतिवादियों को जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है.


उल्लेखनीय है कि 6 अप्रैल को राज्य सरकार को नगर निकाय चुनाव के लिए गठित की गई यूपी स्टेट लोकल बॉडीज डेडीकेटेड बैकवर्ड क्लास कमीशन की रिपोर्ट को चार दिनों में नगर विकास विभाग की वेबसाइट पर अपलोड करने का भी आदेश न्यायालय दे चुकी है. उक्त सुनवाई के दौरान पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट भी न्यायालय ने देखी थी, जिसके बाद टिप्पणी भी की थी कि आयोग की रिपोर्ट को देख लिया है. लेकिन इसे चुनौती नहीं दी गई है, लिहाजा हम इस पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे.

लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में यूपी स्टेट लोकल बॉडीज डेडीकेटेड बैकवर्ड क्लास कमीशन की रिपोर्ट को चुनौती दे गई है. याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने राज्य सरकार व राज्य चुनाव आयोग से जवाब तलब किया है. मामले की अगली सुनवाई 19 अप्रैल को होगी. यह आदेश न्यायमूर्ति राजन रॉय व न्यायमूर्ति मनीष कुमार की खंडपीठ ने मुरादाबाद के सुहैल खान की याचिका पर पारित किया है.

याचिका में आरक्षण सम्बंधी अध्यादेश को चुनौती दी गई है. याची की ओर से दलील दी गई कि नगर पालिका अधिनियम में पुराने नियम के तहत राज्य स्तर पर आरक्षण लागू करने का प्रावधान था. लेकिन अब अध्यादेश द्वारा संशोधन कर कमिश्नरी व जनपद स्तर पर आरक्षण लागू कर दिया गया है, जो असंवैधानिक है. याची की ओर से यह भी कहा गया है कि पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट में पिछड़ी जातियों के राजनीतिक पिछड़ेपन का सही अध्ययन नहीं किया गया है. कहा गया है कि पुराने डाटा को ही नए सिरे से प्रस्तुत कर दिया गया है.वहीं, याचिका का राज्य सरकार व राज्य चुनाव आयोग ने विरोध किया. दोनों पक्षों की बहस सुनने के उपरांत न्यायालय ने प्रतिवादियों को जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है.


उल्लेखनीय है कि 6 अप्रैल को राज्य सरकार को नगर निकाय चुनाव के लिए गठित की गई यूपी स्टेट लोकल बॉडीज डेडीकेटेड बैकवर्ड क्लास कमीशन की रिपोर्ट को चार दिनों में नगर विकास विभाग की वेबसाइट पर अपलोड करने का भी आदेश न्यायालय दे चुकी है. उक्त सुनवाई के दौरान पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट भी न्यायालय ने देखी थी, जिसके बाद टिप्पणी भी की थी कि आयोग की रिपोर्ट को देख लिया है. लेकिन इसे चुनौती नहीं दी गई है, लिहाजा हम इस पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे.

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